Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में इंसान के कर्मों से लेकर उनके भविष्य तक की ऐसी कई बातें बताई हैं। चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया है कि कौन से लोग समय से पहले बूढ़े हो जाते हैं और उनके कर्म कैसे होते हैं।
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इसके साथ ही उन्होंने कुछ उपाय भी बताए हैं, जिनको आजमा कर जल्दी बूढ़े होने से बचा सकता है।आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो लोग बहुत ज्यादा यात्रा करते हैं, वे लोग जल्दी बूढ़े हो जाते हैं। क्योंकि, ऐसे लोगों की दिनचर्या ठीक नहीं होती है और ऐसे लोग अपने खानपान का भी ध्यान नहीं रख पाते हैं।
यानी, जिन लोगों की जिंदगी ज्यादा भागदौड़ भरी रहती हैं, उनको तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए। वरना, ऐसे लोग समय से पहले ही बूढ़े हो जाएंगे।चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में बताया गया है कि जिन महिलाओं को समय-समय पर शारीरिक सुख नहीं मिलता है, वह जल्दी बूढ़ी हो जाती है।
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि ऐसी महिलाओं को सावधान हो जाना चाहिए, जिनको समय-समय पर शारीरिक सुख नहीं मिल पाता है।चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में इस बात का जिक्र है कि ज्यादातर समय बांधकर रखा गया बूढ़ा समय से पहले बूढ़ा हो जाता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, घोड़े का काम दौड़ना और मेहनत का काम करना होता है, लेकिन अगर वह इसे छोड़ दे और उसे हमेशा बांधकर रखा जाए तो वह जल्दी बूढ़ा हो जाता है।
चाणक्य नीति मूल रूप से संस्कृत में लिखी गई है, बाद में इसका अंग्रेजी और कई अन्य भाषाओं में अनुवाद किया गया और हिंदी में भी। आधुनिक दुनिया में भी, लाखों लोग प्रतिदिन कौटिल्य नीति को अपनी भाषा में पढ़ते हैं और उससे प्रेरित होकर, कई राजनेता, व्यापारी अभी भी चाणक्य उद्धरण को आधुनिक जीवन में उपयोगी पाते हैं।
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आचार्य चाणक्य का ज्ञान राजनीति, व्यापार और धन के बारे में ज्ञान इतना सटीक है कि यह आज के युग में भी उपयोगी है। आचार्य चाणक्य का यह ज्ञान नीतिशास्त्र के रूप में जाना जाता है। चाणक्य नीति आपको अपने जीवन में कुछ भी हासिल करने में मदद करती है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस क्षेत्र में हैं।
यदि आप चाणक्य नीति को पूरी तरह से पढ़ते हैं और उसका अनुसरण करते हैं, तो कोई भी आपको सफल होने से रोक नहीं सकता आप कभी भी किसी के धोखे का शिकार नहीं होंगे और जीवन में हमेशा सफलता पाएंगे। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ में स्त्रियों के बारे में वो खास बातें भी बताई हैं जो बातें स्त्रियां हमेशा अपने अंतर्मन में छिपा कर रखती हैं। वह यह बातें किसी से नहीं बताती।
चाणक्य ने अपनी नीति में पुरुषों से स्त्रियों की तुलना करते हुए उनकी भावनाओं के बारे में बताया है। आचार्य चाणक्य ने अपनी इस नीति में स्त्रियों की भूख, लज्जा यानी शर्म, साहस और काम भावना के बारे में बताया है। आइए जानते हैं ऐसी कौन सी बातें हैं जिन्हें महिलाएं सबसे साझा नहीं करती।
श्लोक
आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में स्त्रियों की इच्छाओं का वर्णन एक श्लोक के माध्यम से किया है। श्लोक इस प्रकार है-
इस श्लोक के अनुसार महिलाओं में पुरुषों कि अपेक्षा:भूख दो गुना, लज्जा चार गुना, साहस छः गुना, और काम आठ गुना होती है।
स्त्रियों में होती है दोगुनी भूख
आचार्य चाणक्य के उपरोक्त श्लोक के अनुसार महिलाओं की ताकत का वर्णन है। आचार्य चाणक्य के मुताबिक स्त्रियों में पुरुष के मुकाबले उनकी भूख दोगुनी होती हैं। आज की जीवनशैली में महिलाओं को कामकाज के कारण खानपां बिगड़ गया है लेकिन वह अपने भूख पर काबू रख लेती हैं।
महिलाओं में लज्जा होती है चार गुना
आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति के अनुसार स्त्रियों में शर्म यानी लज्जा पुरुषों से चार गुना ज्यादा होती है। महिलाओं में शर्म इतनी ज्यादा होती है कि वह किसी भी बात को कहने में कई बार सोचती हैं।
चाणक्य नीति के अनुसार महिलाएं शुरू से ही साहसी होती हैं। वहीं स्त्रियों में पुरुष से छ: गुना साहस भी होता है। इसलिए ही स्त्रियों को शक्ति स्वरूप भी माना गया है।
कामेच्छा महिलाओं में पुरुषों से अधिक
आचार्य चाणक्य के अनुसार स्त्रियों में काम इच्छा भी पुरुषों से आठ गुना ज्यादा होती है, लेकिन उनमें लज्जा और सहनशीलता अत्यधिक होती है जिस वजह से वह इसको उजागर नहीं करतीं और अपने संस्कार को ध्यान में रखते हुए पूरी मर्यादा से परिवार को संभालने का कार्य करती हैं।
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आचार्य चाणक्य की गिनती भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के महानतम अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और कूटनीतिक में होती है. महानतम ज्ञानी और विद्वान महात्मा चाणक्य का नीति शास्त्र मौजूदा दौर में भी काफी लोकप्रिय है.
चाणक्य नीति महात्मा चाणक्य की नीतियों का अद्भुत संग्रह है, जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना ये लिखने समय था. इन नीतियों का अमल करने से मानव जीवन को सही दिशा मिलती है.
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महात्मा चाणक्य ने एक श्लोक के जरिए स्त्री का विश्लेक्षण किया है, इस श्लोक से स्त्री की सबसे बड़ी शक्ति क्या होती इसका पता चलता है. इस श्लोक में चाणक्य ने महिलाओं के साथ-साथ ब्राह्मण, राजा (नेता/लीडर) की शक्ति का भी वर्णन किया है.
बाहुवीर्यबलं राज्ञो ब्राह्मणो ब्रह्मविद् बली।
रूप यौवन माधुर्यं स्त्रीणां बलमनुत्तमम्।।
इसका मतलब ये है कि राजाओं का बल बाहुबल, ब्राह्मण का बल ज्ञान और विद्या जबकि स्त्रियों का बल मधुर वाणी, रूप, शीलता और यौवन है.
स्त्री की शक्ति
चाणक्य ने स्त्री की शक्ति की विवेचना करने के बाद ये साफ किया किया है कि मधुर वाणी स्त्री की सबसे बड़ी ताकत होती है. अपनी मधुर वाणी से स्त्री किसी को भी कभी भी अपने प्रति मंत्र-मुग्ध करने की शक्ति रखती हैं.
वहीं उनका शारीरिक सौंदर्य उनकी दूसरी बड़ी शक्ति होती है. हांलाकि चाणक्य का कहना है कि स्त्री की शारीरिक सुंदरता से ज्यादा महत्व उनकी वाणी की मधुरता होती है, क्योंकि जिस स्त्री की वाणी मधुर हो वो कम सुंदर होकर भी किसी को भी अपना प्रशंसक बना सकती है. अपनी इस शक्ति के दम पर घर हो या बाहर स्त्रीसभी जगह प्रशंसा हासिल कर सकती है.
ब्राह्मण की शक्ति
चाणक्य ने ब्राह्मण के लिए कहा है कि उनकी सबसे बड़ी शक्ति है उनका ज्ञान है. अपनी इसी शक्ति के आधार पर ब्राह्मण समाज में खास सम्मान हासिल कर पाता है. अपने ज्ञान से ब्राह्मण किसी भी व्यक्ति की शक्ति के द्विगुणित कर सकता है.
राजा (नेता) की शक्ति
चाणक्य नीति के अनुसार किसी राजा का सबसे ज्यादा समय तक सत्ता पर काबिज रहना उसके बाहुबल अथवा उसके शक्तिशाली सैन्य शक्ति पर निर्भर करता है, क्योंकि राजा अथवा नेता अगर कमजोर है तो वह शासन को कभी भी सही तरीके से नहीं चला सकता है.
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