उमरिया। उमरिया जिले (Umaria district) के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) में पदस्थ प्रभारी डिप्टी रेंजर (deputy ranger) की हार्ट अटैक (heart attack) से मौत (Death) हो गई। उनका शव बाथरूम में पड़ा मिला। खितौली रेंजर स्वस्ति श्री जैन ने बताया कि अवधेश कुमार सिंह निवासी ग्राम बिजौरी हाल में ही फारेस्टगार्ड से पदोन्नत होकर वनपाल हुए थे। वर्तमान में वे खितौली रेंज अंतर्गत बगदरी में प्रभारी डिप्टी रेंजर के पद पर पदस्थ थे।
Bandhavgarh
MP: उमरिया बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पदस्थ प्रभारी डिप्टी रेंजर की हार्टअटैक से मौत
खितौली रेंजर जैन ने बताया कि अवधेश कुमार सिंह आज सुबह फ्रेस होने के लिए बाथरूम गए थे। काफी देर तक वे बाहर नही निकले। बहुत देर हुई तो खाना बनाने वाले कर्मचारी ने उनकी तलाश की, तब पता चला कि वे टॉयलेट भीतर से बंद हैं। इसके बाद कर्मचारी ने बच्चों के साथ मिलकर दरवाजा खोला तो अवधेश कुमार भीतर गिरे पड़े थे।तत्काल उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस को सूचना देकर पोस्टमार्टम करवाया गया और शव उनके गृह ग्राम बिजौरी भेजा गया। कल सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अवधेश कुमार के आकस्मिक निधन से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारियों और कर्मचारियों में शोक की लहर है। मृत प्रभारी डिप्टी रेंजर अवधेश कुमार सिंह वन सुरक्षा को लेकर बहुत संवेदनशील रहे हैं। उनके बच्चे अभी छोटे हैं।Madhya Pradesh News :बांधवगढ़ रिजर्व पार्क से 2 बाघ भोपाल लाए गए, दोनों ने अब तक 5 लोगों को बना चुके है अपना शिकार
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में पांच लोगों को मौत के घाट उतारने वाले बांधवगढ़ रिजर्व पार्क के बाघों को भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क लाया गया है. दोनों बाघ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मगधी रेंज स्थित बहेरहा इंक्लोजन में बंद थे. हालांकि, दोनों बाघ शिकार करने में अक्षम हैं, उन्हें बचपन में ही मां ने छोड़ दिया था, इसलिए दोनों बाघ शिकार के दांव पेंच नहीं सीख पाए.
Image credit by Google दरअसल, बांधवगढ़ रिजर्व पार्क प्रबंधन ने दो माह पहले ही बाघों को भोपाल में शिफ्ट करने के लिए वन मुख्यालय से अनुमति मांगी थी. अनुमति मिलने के बाद अब दोनों बाघों को भोपाल लाया गया है. वन विहार लाए गए दोनों बाघों का स्वास्थ्य परीक्षण वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. अतुल गुप्ता द्वारा किया गया. दोनों बाघ स्वस्थ हैं और दोनों की उम्र पांच साल है.
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दोनों बाघ ले चुके हैं पांच लोगों की जान
बताया जा रहा है कि, इनमें से एक बाघ को मार्च महीने में रेडियो कॉलर पहनाकर जंगल में छोड़ा गया था, लेकिन यह शिकार नहीं कर पा रहा था. वहीं दूसरा बाघ पहले से ही जंगल में था, जो आदमियों को देखते ही हमला कर रहा था. इसलिए इसे भी रेस्क्यू किया गया. प्रबंधन के अनुसार दोनों के हमले में अब तक पांच लोगों की जान चली गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हुआ है.वन विहार में अब पांच बाघ-बाघिन
वन विहार नेशनल पार्क संचालक पद्मप्रिया बालाकृष्णन के अनुसार बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लाए गए दोनों बाघ शिकार करने में अक्षम हैं. दोनों बाघों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, दोनों बाघ पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं. इन दोनों बाघ के जाने से वन विहार नेशनल पार्क में अब पांच बाघ-बाघिन, दो तेंदुआ शावक और एक भालू रेस्क्यू सेंटर में हैं.