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  • Satna News :एकेएस विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में सरस्वती पूजन संपन्न

    Satna News :एकेएस विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में विधि विधान से पूजन हवन के साथ सरस्वती पूजन संपन्न हुआ। सेंट्रल लाइब्रेरी के सामने मां सरस्वती के पूजन कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रतिकुलाधिपति अनंत कुमार सोनी,प्रतिकुलपति डॉ.आर.एस. त्रिपाठी,डॉ.हर्षवर्धन,इंजी.आर. के. श्रीवास्तव, डॉ.सुधीर जैन कला संकाय से राजीव बैरागी कॉमर्स से धीरेंद्र ओझा आदि सभी विभागों के प्राध्यापक गण की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

    एकेएस विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में सरस्वती पूजन संपन्न।

    कार्यक्रम में विभागअध्यक्ष डॉ. आर. एस. मिश्रा ने शिक्षकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में डॉ. सानंद कुमार गौतम,डॉ. शिखा त्रिपाठी, डॉ.कल्पना मिश्रा,सीमा द्विवेदी, डॉ. नीरज वर्मा,अमीर हसीब,नीरू सिंह एवं नीता सिंह गहरवार की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही ।इनके अलावा सभी विभागों के प्राध्यापक गणों ने साथ छात्राओं का मनोबल बढ़ाते हुए कार्यक्रम की प्रशंसा की।

  • एकेएसयू के डॉ.आशुतोष पांडे द्वारा संपादित ‘सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट’ पर पुस्तक स्प्रिंगर नेचर में प्रकाशित

    सतना(सतना टाइम्स)।।एकेएस यूनिवर्सिटी के डॉ.आशुतोष पांडे द्वारा संपादित पुस्तक “सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट: ए रोडमैप फॉर सस्टेनेबल एनवायर्नमेंटल प्रैक्टिसेज एंड सर्कुलर इकोनॉमी”, डॉ. अशुतोष पांडे, डॉ. सुरेंद्र सिंह सुथार, और डॉ. कासियन टी. टी. एमेशो के संपादन में प्रकाशित हुई है। यह पुस्तक ठोस कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय योगदान है।

    एकेएसयू के डॉ.आशुतोष पांडे द्वारा संपादित 'सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट' पर पुस्तक स्प्रिंगर नेचर में प्रकाशित
    एकेएसयू के डॉ.आशुतोष पांडे द्वारा संपादित ‘सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट’ पर पुस्तक स्प्रिंगर नेचर में प्रकाशित

    डॉ.अशुतोष पांडे, जो वर्तमान में ए.के.एस. यूनिवर्सिटी, सतना के जैव प्रौद्योगिकी विभाग में कार्यरत हैं, ने इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस अंतरराष्ट्रीय पुस्तक को स्प्रिंगर पब्लिकेशन ने फरवरी माह में प्रकाशित किया। एकेएस. यूनिवर्सिटी ने इस उपलब्धि के लिए डॉ. अशुतोष को हार्दिक बधाई दी है और उनके आगामी प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दी हैं।पुस्तक में कुल 19 अध्याय शामिल हैं, जो खाद्य, कृषि, इलेक्ट्रॉनिक, टेक्सटाइल और प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पहलुओं को कवर करते हैं।



    यह स्टार्टअप्स की भूमिका, बायोचार निर्माण, और लिग्नोसेल्यूलोसिक बायोमास जैसे नवाचारों को भी संबोधित करती है, जो सर्कुलर अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में सहायक हैं।पुस्तक में ई-कचरे की बढ़ती समस्याओं और इसके लिए आवश्यक नीतिगत उपायों पर चर्चा की गई है। साथ ही, अस्पताल और फार्मास्युटिकल कचरे के प्रबंधन के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकियों और रणनीतियों को भी शामिल किया गया है। संपादकों ने अनौपचारिक और औपचारिक क्षेत्रों को एकीकृत करने की आवश्यकता पर जोर दिया है ताकि कचरा प्रबंधन को अधिक प्रभावी और स्थायी बनाया जा सके।

    Satna: मेडिसिन के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले डॉ बुधेन्द्र जैन को पद्म श्री, विंध्य क्षेत्र से है गहरा नाता

    इसके अतिरिक्त, पुस्तक ऊर्जा पुनर्प्राप्ति, जैविक पदार्थों से ईंधन उत्पादन, और प्लास्टिक प्रबंधन में मशीन लर्निंग जैसी उन्नत तकनीकों पर भी प्रकाश डालती है। यह न केवल छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए उपयोगी है, बल्कि नीति निर्माताओं और औद्योगिक संगठनों के लिए भी एक अमूल्य संसाधन है।डॉ.पांडे, डॉ.सुथार और डॉ.एमेशो द्वारा प्रस्तुत यह प्रयास ठोस कचरा प्रबंधन और सर्कुलर अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों को अपनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।

  • मध्य प्रदेश के सतना जिले में इंट्रा-डे व्यापारियों के जागरूकता और संतुष्टि स्तर पर एक अध्ययन

    सतना। प्रो.अनुराग सिंह परिहार ने अपना शोध पत्र “मध्य प्रदेश के सतना जिले में इंट्रा-डे व्यापारियों के जागरूकता और संतुष्टि स्तर पर एक अध्ययन” शीर्षक से आलोकना दृष्टि जर्नल में प्रकाशित करने में सफलता पाई है।

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    प्रबंधन अध्ययन संकाय के सहायक प्रो. अनुराग सिंह परिहार का कार्य सराहनीय है। यह यूजीसी केयर जर्नल है। एकेएस प्रबंधन ने उनकी उपलब्धि के लिए बधाई दी हैं।

  • एकेएस के समाज कार्य विभाग के एमएसडब्ल्यू की छात्राओं को मधुरिमा सेवा फाउंडेशन में अवसर

    सतना।। एकेएस विश्वविद्यालय एवं राजीव गाँधी कम्प्यूटर कॉलेज में संचालित एमएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम की छात्राओं का मधुरिमा सेवा फाउंडेशन संस्थान में चयन किया गया है। अलग-अगल पदों हेतु मधुरिमा संस्थान में छात्रा साक्षी सिंह चौहान, स्नेहा कुशवाहा, अर्चना यादव, रंजना चतुर्वेदी एवं साधना गुप्ता को चयनित किया गया है।

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    इन्हें कार्यालीन कार्य एवं क्षेत्रीय कार्य की जिम्मेदारी दी गयी है। मधुरिमा सेवा संस्थान मुख्य रूप से स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच दूर-उराज के अंचलों में बसे लोगो तक आने की दिशा में सतत प्रयत्नशील है एवं समाज के पिछड़े और हर वर्ग तक सेवाओं का लाभ मिले । इसी उद्देश्य को लेकर संस्थान निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर ,निःशुल्क नेत्र परीक्षण एवं उपचार शिविर का आयोजन, करके अपनी सेवायें प्रदान करता है।

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    संस्थान का कार्यक्षेत्र रीवा एवं जिला सतना है। बैंगलूर में भी संस्था विभिन्न स्थानीय स्रोतो के माध्यम से अपना कार्य कर रही है। यह जानकारी मंजू चटर्जी,समाज कार्य विभाग की विभागाध्यक्ष ने दी है। चयनित गर्ल्स स्टूडेंट्स को विश्वविद्यालय प्रबंधन ने बधाई दी है।

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