Singrauli News :मानवाधिकार संगठन ने पत्रकार वार्ता कर एनसीएल प्रबंधन को घेरा
सिंगरौली, मध्यप्रदेश(Sinhrauli news )।। मोरवा क्षेत्र में धारा 9 प्रकाशन के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन के राष्ट्रीय महासचिव अमित कुमार तिवारी ने पत्रकार वार्ता कर विस्थापन मुद्दे पर अपना विचार रखते हुए कहा कि विस्थापन को लेकर मोरवा के लोगो में अनिश्चिता की स्थित है। आम नागरिक विस्थापन मुद्दे पर जानकारी को लेकर असमंजस में है।
सिंगरौली विस्थापन मंच एवं प्रबंधन के बीच किस तरह की चर्चा हो रही है इसकी प्रभावित लोगो के बीच नही पहुंचने से लोगो में आपसी मदभेद दिखाई दे रहा है। उन्होने कहा कि देश में सबसे बड़ा विस्थापन मोरवा का होने जा रहा है जिसमें करीब 30 हजार से अधिक लोगो के प्रभावित होने की संभावना व्यक्त की गयी है। अमित तिवारी का कहना है कि एनसीएल मुख्यालय के कारण ही मोरवा शहर बसा था। इसलिए जहां पर एनसीएल मुख्यालय बने उसी के आसपास विस्थापितो के पुर्नवास की सुविधा होनी चाहिए।
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क्यो कि विस्थापन से रोजगार, शिक्षा, समाज सहित सारी व्यवस्थाएं अस्त-व्यस्त हो जायेगी। प्रबंधन से यदि इस बात पर सहमति नही बनी तो जनता संघर्ष का रास्ता अपनाने के लिए तैयार रहे। विस्थापितो की जमीन, मकान किस रेट पर लेगी इसका भी प्रकाशन होना चाहिए। विस्थापन मुद्दे पर कोई भी बाते बंद कमरे में नही खुले मंच पर होना चाहिए। यहां तक की हर वार्डो में लोगो की सहमति एवं इसकी जानकारी लेकर एनसीएल प्रबंधन को आगे की कार्यवाही करनी चाहिए। वही संगठन के प्रदेश महासचिव अधिवक्ता सत्येन्द्र पासवान ने कहा कि मोरवा क्षेत्र में एनसीएल द्वारा 9 फ रवरी को धारा 9 के प्रकाशन के बाद लोगो के बीच असमंजस की स्थित बनी हुई है।
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जहां विस्थापन होगा वहां क्या-क्या सुविधाए होगी इसको लेकर कयासो का दौर जारी है। उन्होने कहा कि हम एनसीएल प्रबंधन से याचक नही कर्तव्य निर्वहन के बाद अपना हक मांग रहे है। राष्ट्रहित में अपना बलिदान भी दे सकते है। वार्ता से बात नही बनी तो हम संघर्ष की रास्ता अपनाएगें। हर वार्ड में छोटी छोटी सभा, कर उनके विचार सुना जाय। छोटी सभा में हर व्यक्ति अपनी बात को रख सकता है। सभी लोगो का मत लेकर निर्णय लिया जाना चाहिए। जहां प्लाट मिले वहा सीबी एक्ट की जमीन का रजिस्ट्री होना चाहिए। संभागीय अध्यक्ष रमन सिन्हा ने कहा कि इस विषय पर एनसीएल प्रबंधन से शीघ्र ही चर्चा कर लोगो को अवगत कराया जायेगा। पत्रकार वार्ता के दौरान संभागीय महासचिव हरेन्द्र राय, उपसंभाग अध्यक्ष प्रमोद द्विवेदी, जिला अध्यक्ष सुशील वर्मा, जिला उपाध्यक्ष राजू सोनकर, शिक्षा विभाग सेल के राहुल सिंह ने विस्थापन मुद्दे पर अपनी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त किया है।
30 हजार से ज्यादा लोग होंगे प्रभावित
मोरवा के विस्थापन के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन के राष्ट्रीय महासचिव अमित कुमार तिवारी ने कहा कि देश में सबसे बड़ा विस्थापन मोरवा का होने जा रहा है। जिसमें करीब 30 हजार से अधिक लोगो के प्रभावित होने की संभावना व्यक्त की गयी है। आगे कहा की इससे आमजन काफी परेशान होंगे। एनसीएल प्रबंधन की अदुर्दर्शिता का परिणाम है कि अब मोरवा अंचलवासियों को खुद को बसने के लिए जगह-जगह भटकना पड़े्रगा। इस दौरान उन्होंने एनसीएल प्रबंधन पर जमकर निशाना साधते हुये कई सवालों को लेकर घेरा भी है। वही संगठन के अन्य पदाधिकारियों ने भी मोरवा के आगामी विस्थापन को लेकर गहरी चिंता व्यक्त कर कहा है कि अब मोरवा के उजाडऩे का समय आ गया है। पहले यही दावे किये जा रहे थे कि मोरवा का विस्थापन नही होगा और यदि होगा भी तो काफी वक्त लगेगा। पिछले दिनों भू-राजस्व संहिता के अधिनियम के धारा 9 का प्रकाशन करा। एनसीएल ने सब को असमंजस के स्थिती में डाल दिया है।