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MP : कश्मीर घाटी में शहीद हुए शंकर सिंह पटेल को राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई, CM ने शहीद परिवार 1 करोड़ की सम्मान निधि देने की घोषणा

सतना, ।। आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त हुए सीआईएसएफ के एएसआई शंकर प्रसाद पटेल के पार्थिव शरीर को रविवार उनके गृहग्राम सतना के नौगवां में सैन्य सम्मान से अंतिम विदाई दी गई। नौगवां में पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए हजारों लोग उमड़े जिसके बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) की तीसरी अतिरिक्त बटालियन के 40 जवानों ने गार्डआफ आनर के साथ बलिदानी को सलामी दी जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार उनके बड़े पुत्र संजय ने किया। इस दौरान पत्नी पत्नी लक्ष्मी और छोटे बेटे सुरेंद्र ने हाथ जोड़कर बलिदानी शंकर प्रसाद को नमन किया।

इस दौरान हजारों की संख्या में जनसैलाब उमड़ पड़ा। अंतिम संस्कार के वक्त मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अनुपस्थिति में प्रतिनिधि के तौर पर राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल उपस्थित रहे। इसके साथ ही सांसद गणेश सिंह, मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने भी पुष्प चक्र अर्पित किया। बलिदानी जवान को सीआइएसएफ के आइजी और डीआइजी ने पुष्प चक्र अर्पित किए।

इसके बादल कलेक्टर अनुराग वर्मा, पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, एंटी टेररिज्म फ्रंट के चेयरमैन एमएस बिट्टा, कमांडेंट सीआइएसएफ ने भी पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद को सलामी दी। सैन्य टुकड़ी ने बंदूक फायर कर अंतिम सलामी दी जिसके बाद सुबह लगभग 11 बजे उन्हें मुखाग्नि दे दी गई।

हजारों लोगों की आंखे हुई नम : देश के लिए बलिदान देने वाले सतना के लाल के लिए अमदरा, नौगवां सहित पूरे जिले से लोग और जनप्रतिनिधि पहुंचे थे। तिरंगे में लिपटे बलिदानी शंकर प्रसाद के पार्थिव शरीर की एक झलक पाने के लिए सभी आतुर थे। इस दौरान लोगों की आंखें नम थी और देश व गांव के प्रति गर्व और पाकिस्तान के प्रति नफरत भरी आवाज से लोग भारत माता की जय और शंकर प्रसाद अमर रहे के नारे लगा रहे थे। अंतिम यात्रा में चारो तरफ से पुष्प वर्षा हो रही थी और अधिकारियों से लेकर आम लोगों ने बलिदानी के पार्थिव शरीर को कांधा दिया। बलिदानी शंकर प्रसाद पटेल के गांव नौगवां शोक की लहर व्याप्त है और लोग सुबह से ही उनकी अंत्येष्टि में शामिल होने पहुंच गए। सड़कें सूनी हो गई और बाजार बंद हो गया। गांव में शोक की लहर के कारण बलिदानी की अंतेष्टि के बाद लोगों के घर में खाना बना।

2024 में होने वाले थे सेवानिवृत्त : ज्ञात हो कि 57 वर्षीय स्व. शंकर प्रसाद पटेल 2024 में सेवानिवृत्त होने वाले थे। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) में एएसआई के रूप में वे छत्तीसगढ़ के भिलाई में पदस्थ थे और विशेष ड्यूटी के तहत उन्हें 18 अप्रैल को ही कश्मीर भेजा गया था जहां उनके काफिले पर 22 अप्रैल की सुबह 4 बजे आतंकवादियों ने ग्रेनेड फेंककर हमला कर दिया। इसके एक दिन पूर्व ही उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चे से फोन पर बात की थी। लेकिन जब वे घर वापस आए तो तिरंगे में लिपट कर आए और अंत में उनकी वर्दी नसीब हो पाई। शंकर प्रसाद पटेल के दो पुत्र है जिनमें बड़ा बेटा 37 वर्षीय संजय पटेल विवाहित है और हाइवे टोल प्लाजा की एंबुलेंस का चालक है। जबकि छोटा बेटा 32 वर्षीय सुरेंद्र पटेल अभी अविवाहित है और नागपुर में साफ्टवेयर इंजीनियर है।

मुख्यमंत्री ने किया ऐलान गांव में लगेगी प्रतिमा : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कश्मीर में पदस्थ मध्य प्रदेश के सतना जिले के निवासी शंकर प्रसाद पटेल के बलिदान पर दुख व्यक्त किया है। शंकर प्रसाद पटेल भिलाई की थर्ड रिजर्व बटालियन में एसआई के पद पर कार्यरत थे। गत 10 अप्रैल को उन्हें ड्यूटी पर कश्मीर भेजा गया था। एक आतंकी हमले में 22 अप्रैल को वे शहीद हुए। मुख्यमंत्री ने बलिदानी शंकर प्रसाद पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके शौर्य को प्रणाम कर चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। उन्होंने अपनी ड्यूटी के दौरान अदम्य साहस का प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री ने कहा बलिदानी के परिवार के साथ शासन संकट की घड़ी में साथ है। उनके परिवार को एक करोड़ की सम्मान निधि, परिवार से चर्चा कर एक सदस्य को शासकीय सेवा में लेने और ग्राम में बलिदानी की प्रतिमा लगाने का कार्य किया जाएगा। किसी एक संस्था का नाम भी बलिदानी शंकर प्रसाद पटेल के नाम पर रखा जाएगा।

JAYDEV VISHWAKARMA

पत्रकारिता में 4 साल से कार्यरत। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक मुद्दों, राजनीतिक, स्वास्थ्य व आमजन से जुड़े विषयों पर खबर लिखने का अनुभव। Founder & Ceo - Satna Times

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