जिले की खाद्यान्न व्यवस्था लडख़ड़ाई, कई सरकारी उचित मूल्य दुकानों में नवम्बर महीने का नहीं वितरित हुआ खाद्यान्न, सेल्समैन हितग्राहियों को कर रहे गुमराह

सिंगरौली।। जिले की खाद्यान्न वितरण व्यवस्था लडख़ड़ा गयी है। खाद्य अमले की लापरवाही एवं सेल्समैनों से सांठ-गांठ के चलते कई दुकानों में नवम्बर महीने का राशन वितरित नहीं हुआ है। जिसको लेकर लगातार शिकायतें भी पहुंच रही हैं। किन्तु खाद्य अमला अपनी जबावदेही से पल्ला झाड़ लिया है।गौरतलब हो कि जिले की खाद्यान्न व्यवस्था इन दिनों बेपटरी पर है। सूत्र बता रहे हैं कि खाद्यान्न की कालाबाजारी व्यापक पैमाने पर की जा रही है और हितग्राहियों को राशन पाने के लिए उचित मूल्य दुकानों का चक्कर कई बार लगाना पड़ रहा है। कहीं तौल में गड़बड़ी, कहीं पर नवम्बर महीने का खाद्यान्न ही गोल कर दिया गया है। हितग्राहियों को यही बता दिया जा रहा है कि खाद्यान्न का आवंटन ही नहीं मिला है। जिसके चलते वितरण नहीं किया जा रहा है।

इस तरह की समस्याएं लगातार कई महीने से आ रही हैं। इसके बावजूद खाद्य अमला पूरी तरह अंजान बना हुआ है। हालांकि जिले के खाद्य अमला पर कई बार गंभीर आरोप भी लग चुके हंै। चार महीने पूर्व बैढऩ के खाद्य निरीक्षक पर मिलीभगत का आरोप लगाया गया था। साथ ही लेन-देन का भी मामला सामने आया था। किन्तु आरोप है कि जिला खाद्य अधिकारी का संरक्षण होने के कारण खाद्य निरीक्षक मनमानी पर उतारू है और इनकी मनमानी का फायदा कई विक्रेता भी ले रहे हैं। बैढऩ ब्लाक के हर्रहवा सरकारी उचित मूल्य दुकान के कई उपभोक्ताओं ने बताया कि नवम्बर महीने का खाद्यान्न अभी तक शासकीय उचित मूल्य दुकान के विक्रेता के द्वारा नहीं दिया गया है। उनके द्वारा यही बताया जा रहा है कि नवम्बर महीने के खाद्यान्न का आवंटन ही नहीं मिला है। जिसके कारण वितरण नहीं किया जा रहा है। यहां के उपभोक्ताओं ने बताया कि साल में बीच-बीच में इसी तरह से किसी न किसी महीने का खाद्यान्न गोल कर दिया जाता है। आवंटन न मिले का बहाना बताकर खाद्यान्न देने से विक्रेता मना कर देता है।
ग्रामीणों ने बताया कि इसकी शिकायतें भी अधिकारियों के यहां कई बार की जा चुकी है, लेकिन आज तक शिकायतों का कोई असर नहीं दिखा है। लिहाजा हम लोग भी मजबूर होकर चुप हो गये हैं। इस सरकार में अब गरीबों को न्याय मिलना मुश्किल है। जिले के कुछ अधिकारी भ्रष्ट्राचारियों को संरक्षण दिये हुए हैं। जिसके चलते गरीब परेशान हैं। यहां के ग्रामीणों ने कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराया है।
खाद्य अधिकारी ने झाड़ा पल्ला
जिला खाद्य अधिकारी पीसी चन्द्रवंशी ने उक्त मामले में पल्ला झाड़ते हुए कहा कि खाद्यान्न परिवहन कराने का जिम्मा मेरा नहीं है। बल्कि नागरिक आपूर्ति विभाग का है। जिले में खाद्यान्न कई दुकानदारों के द्वारा वितरित न किये जाने की मिल रही शिकायतों के सवालों पर उन्होंने चुप्पी साध लिया। यहां बताते चलें कि जिला खाद्य अधिकारी हमेशा से अपनी कार्यप्रणालियों को लेकर चर्चाओं में हैं। कथित निरीक्षक पर दुकानदारों से वसूली का भी आरोप लग चुका है। चर्चाएं हैं कि कई दुकानदारों से विभाग के अमले के बीच बेहतर तालमेल हो जाने के कारण शिकायतों को जिला खाद्य अधिकारी भी नजरअंदाज कर दे रहे हैं। विके्रताओं पर इनकी मेहरबानी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं।
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कलेक्टर के निरीक्षण में भी मिली कमियां
कलेक्टर अरूण कुमार परमार ने आज चितरंगी ब्लाक के भ्रमण पर थे। इसी दौरान उन्होंने शासकीय उचित मूल्य दुकान मटिहनी का निरीक्षण किया और वहां मौजूद उपभोक्ताओं से बातचीत भी किये। इस दौरान उपभोक्ताओं ने बताया कि खाद्यान्न वितरण के दौरान वजन की मात्रा में कटौती की जाती है। इस तरह की शिकायतें एक नहीं कई उपभोक्ताओं ने किया है। कलेक्टर ने ग्रामीणों की बातों को सुनकर हक्के-बक्के रह गये। वहीं खाद्य विभाग के मौजूद अमले के पसीने छूटने लगे। उक्त विभाग की कार्यप्रणाली की ग्रामीणों ने कलेक्टर के समक्ष पोल खोलकर रख दिया।
इनका कहना है
कुछ दुकानों में खाद्यान्न नहीं पहुंच पाया है। जिसकी मानीटरिंग की जा रही है। जल्द ही खाद्यान्न शासकीय उचित मूल्य दुकान में भेजवाया जायेगा।
ऋषि पवार
एसडीएम,सिंगरौली