टेक्नोलॉजी

SATNA TIMES: BGMI-PUBG पर चीनी ऐप होने का आरोप, देश की सुरक्षा के लिए उठी गेमिंग ऐप को बैन करने की मांग

नई दिल्ली, टेक डेस्क। एक गैर-लाभकारी संगठन ने सोमवार को सरकार से मल्टीप्लेयर ऑनलाइन वीडियो गेम बीजीएमआई-पबजी (BGMI-PUBG) को ब्लॉक करने का आग्रह किया है। संगठन ने दावा किया कि बीजीएमआई-पबजी प्रतिबंधित चीनी गेमिंग ऐप पबजी का एक नया अवतार है और यह भारत की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता के लिए एक गंभीर खतरा है। 

इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने कहा कि सरकार को बीजीएमआई-पबजी ऐप के पूर्ववृत्त और चीन के प्रभाव की पूरी तरह से जांच करनी चाहिए और उल्लंघन पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।BGMI-PUBG को ब्लॉक करने के लिए सरकार से आग्रह करते हुए गैर-लाभकारी संगठन PRAHAR ने गृह मंत्री अमित शाह और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को अलग-अलग पत्र लिखे हैं और कहा है कि चीनी बहुराष्ट्रीय समूह Tencent होल्डिंग्स लिमिटेड ने भारत में PUBG लॉन्च किया था, जो 2020 में प्रतिबंध के समय सबसे अधिक डाउनलोड किए जाने वाले खेलों में से एक था।एक साल से भी कम समय में, PUBG को भारत में Tencent की एक फ्रंट कंपनी – क्राफ्टन द्वारा नए नाम BGMI के तहत फिर से पेश किया गया था। संगठन ने दावा किया कि ऐसा कदम भारतीय नीति निर्माताओं को दरकिनार करने के लिए किया गया था। PRAHAR ने कहा कि Tencent 15.5% इक्विटी के साथ क्राफ्टन का दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है। मंत्रियों को लिखे अपने पत्रों में PRAHAR ने कहा कि Tencent अमेरिका सहित कई देशों में जांच के दायरे में है, जहां एक राष्ट्रीय सुरक्षा पैनल कई गेमिंग कंपनियों में अपने दांव की जांच कर रहा है। हाल ही में, अमेरिका ने भी, Tencent और अलीबाबा द्वारा संचालित साइटों को कथित तौर पर नकली सामानों के व्यापार के लिए कार्रवाई की है। फ्री फायर गेमिंग ऐप को भी 14 फरवरी को प्रतिबंधित कर दिया गया था, क्योंकि फ्री फायर में Tencent की भी 18.7 प्रतिशत हिस्सेदारी है, इसलिए यह एक बुनियादी सवाल उठाता है। गैर-लाभकारी संगठन ने कहा कि अगर फ्री फायर पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, तो BGMI PUBG को छूट क्यों दी गई? सरकार के पास Tencent जैसी कंपनियों की गतिविधियों पर बारीकी से नज़र रखने के लिए कोई तंत्र नहीं है

JAYDEV VISHWAKARMA

पत्रकारिता में 4 साल से कार्यरत। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक मुद्दों, राजनीतिक, स्वास्थ्य व आमजन से जुड़े विषयों पर खबर लिखने का अनुभव। Founder & Ceo - Satna Times

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