मध्यप्रदेशविंध्यसतनाहिंदी न्यूज

Satna News :मध्यप्रदेश के CM शिवराज सिंह के सतना का मामला, जर्जर स्कूलों में पढ़ने को मजबूर है नौनिहाल,

सतना।।जहां एक ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मध्य प्रदेश की शिक्षा को देश में प्रथम स्थान दिलाने की बात बात कर रहे है, वही आज भी हमारे मध्य प्रदेश के कुछ ऐसे विद्यालय हैं। जहां पर ना तो कमरों की व्यवस्था है, ना ही पीने का पानी। यहां तक की मध्य प्रदेश सरकार द्वारा निर्मित भवन जर्जर हालात में गिरने की कगार पर है। और वहां पर बच्चे अपना भविष्य मौत के कगार में खड़े होकर तय करते हैं। जर्जर हो चुके स्कूल भवन मे कब कौन सी घटना हो जाए ,यह तो एक छोटी सी तस्वीर ही बयां कर सकती है। हम बात कर रहे हैं सतना जिले के अमरपाटन से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर नेशनल हाईवे के

किनारे बने शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय परसवाही की। जहां आज से लगभग 20 साल पहले जहां इस विद्यालय में दूरदराज के कई गांवों के छात्र अध्ययन करने के लिए आते थे ।और बेहतर शिक्षा प्राप्त करते थे लेकिन आज यह विद्यालय अपनी दुर्दशा पर रो रहा है। कुछ साल पहले भारत सरकार द्वारा एलएनटी कंपनी प्रोडक्ट में बनी नेशनल हाईवे सड़क के किनारे इस विद्यालय की बाहरी दीवारों को बिल्डिंग सहित गिरा दिया गया।किसी कदर चार कमरों की बिल्डिंग खड़ी कराई गई। लेकिन कमरे इतने नाजुक है जो कि वीडियो में आप खुद देख

सकते है, भवन की छपाई पूरी तरह से गिरकर खंडहर में तब्दील हो गई । जर्जर भवन देखकर साफ पता चलता है कि आखिरकार बच्चे पढ़ें तो पढ़े कहां। 4 कमरों में संचालित इस विद्यालय की दो कमरे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं बरसात के दिनों में आंगन पूरी तरह से कीचड़ युक्त हो जाने के कारण मिलने वाला मध्यान भोजन बच्चों को कीचड़ में ही बैठकर करना पड़ता है। तस्वीरें चीख-चीख कर पुकार रही है इस विद्यालय के दुर्दशा पर लेकिन राजा की गद्दी पर बैठे हुए शिक्षा के प्रशासनिक अधिकारी मानो इस

विद्यालय के बच्चों के साथ कोई खेल खेल रहे हो। एक तरफ सरकार जहा सीएम राइज विद्यालय खोलकर बच्चों के अच्छे शिक्षा की बात करती है तो वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण अंचल के इन विद्यालयों में अध्ययन करने वाले नैनिहाल आखिरकार किस मंजिल तक पहुंच पाएंगे ,यह तो प्रदेश के मुखिया ही बता सकते हैं।

JAYDEV VISHWAKARMA

पत्रकारिता में 4 साल से कार्यरत। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक मुद्दों, राजनीतिक, स्वास्थ्य व आमजन से जुड़े विषयों पर खबर लिखने का अनुभव। Founder & Ceo - Satna Times

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button