Ragging in MP Colleges: मध्य प्रदेश के कॉलेजों में रैगिंग का खौफ, डेढ़ साल में 120 शिकायतें दर्ज

सतना टाइम्स (Bhopal News )। मध्य प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में रैगिंग के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। यूजीसी हेल्पलाइन में डेढ़ साल में अब तक करीब 120 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। राजधानी के शिक्षण संस्थानों में पहले स्थान पर राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) व मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) है।
इसके बाद बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय (बीयू) का स्थान है। इन संस्थानों में हर माह दो या तीन रैगिंग के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि आरजीपीवी में सबसे अधिक रैगिंग के मामलों में कार्रवाई कर दोषी विद्यार्थियों पर जुर्माना भी लगाया गया है, फिर भी मामलों में कमी नहीं आ रही है। कई शिकायतें शैक्षणिक संस्थाएं अपने स्तर पर ही खत्म कर देती हैं।
यूजीसी की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर साल 2024 से अभी तक 120 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। इनमें सबसे अधिक शिकायतें सिर्फ मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर की दर्ज हुई हैं। प्रदेश में ऐसा कोई भी विश्वविद्यालय नहीं है, जिसमें रैगिंग की शिकायत दर्ज नहीं हुई है।
मेडिकल विश्वविद्यालय में सबसे अधिक शिकायतें
यूजीसी एंटी रैगिंग हेल्पलाइन में मेडिकल विवि के खिलाफ सबसे ज्यादा 30 शिकायतें दर्ज हुई हैं। सभी शिकायतें मेडिकल कालेजों की हैं। इसके बाद सात शिकायतें मैनिट की हैं। यह राजधानी का केंद्रीय संस्थान है, जिसमें साल 2024 में सबसे ज्यादा सात शिकायतें दर्ज हुई हैं।
वहीं राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में भी आए दिन रैगिंग और मारपीट की घटनाएं सामने आती हैं। आरजीपीवी में वरिष्ठ विद्यार्थियों को दंडित किया गया है। यहां तक कि विद्यार्थियों व अभिभावकों से शपथ पत्र तक लिए जाते हैं। इसके साथ ही छात्रावाससेनिलंबित भी किए गए हैं।
112 शिकायतों के निराकरण का दावा
हेल्पलाइन पर दर्ज 120 शिकायतों में से 112 का निराकरण किया जा चुका है। इसके लिए सभी विश्वविद्यालय व संस्थानों में प्राक्टोरियल बोर्ड गठित की गई है, जो रैगिंग और मारपीट की शिकायतों का निराकरण करते हैं।
छात्राओं की भी 15 शिकायतें
साल 2024 में करीब 80 शिकायतें दर्ज हुई थीं। 2025 के छह माह में करीब 40 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। इसमें 15 शिकायतें छात्राओं के भी हैं। रैगिंग की घटनाएं दर्ज होने के बाद संस्थान उसकी रोकथाम के लिए कोई खास इंतजाम नहीं कर रहे हैं। कई संस्थानों में रैगिंग के कारण विद्यार्थी आत्मघाती कदम भी उठा चुके हैं। पिछले माह बीयू के छात्रावास में कनिष्ठ विद्यार्थी ने अपने वरिष्ठ विद्यार्थियों के खिलाफ नशा करने के लिए मजबूर करने का मामला भी दर्ज करा चुका है।
मध्य प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में दर्ज शिकायत की संख्या
- मप्र आयुर्विज्ञान विवि, जबलपुर- 30
- मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल- 07
- राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल- 07
- बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल- 05
- जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर- 03
- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इंदौर- 03
- राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय, भोपाल- 02
- देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर- 02
- जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि, जबलपुर- 02
- नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विवि, जबलपुर- 02
- विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन – 01
- डॉ. हरि सिंह गौर विवि, सागर- 02
- राजा शंकर शाह विवि, छिंदवाड़ा- 01
- पंडित शंभूनाथ शुक्ला विवि, शहडोल- 01
- रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर- 03
- केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, भोपाल- 02