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मां की कोख नहीं अब मशीन पैदा करेगी बच्चे,पेट में पालने का चक्कर खत्म

जो महिलाएं इन्‍फर्टिलिटी की समस्‍या से जूझ रही हैं या जिनका यूट्रस (बच्चेदानी) कैंसर या किसी दूसरी कॉम्‍प्‍लीकेशंस की वजह से निकलवाना पड़ा है, उनके लिए एक खुशखबरी है. हाल ही में एक्टोलाइफ कंपनी ने आर्टिफिशियल कोख से बच्‍चा पैदा करने का दावा किया है. एक्टोलाइफ के साइंटिस्ट और फिल्ममेकर हाशम अल-घाइली ने बाकायदा एक वीडियो जारी करके दिखाया है कि कैसे आर्टिफिशियल गर्भाशय के जरिए अब बच्‍चों को जन्‍म देना संभव हो सकेगा. 

एक्टोलाइफ ने वीडियो में बताया है कि उसके पास हाई इक्विपमेंट वाली 75 लैब हैं. हर लैब में 400 ‘बेबी पॉड’ हैं, इससे 30,000 बच्‍चे पैदा होंगे. ये बेबी पॉड एक मशीन है जिसे महिला के गर्भ की तरह डिजाइन किया गया है. जिस तरह मां के गर्भ में भ्रूण के लिए एक निश्चित तापमान और वातावरण होता है. बेबी पॉड भी उसी तरह से बच्‍चे को पलने और बढ़ने में मददगार होगा. एक्टोलाइफ कंपनी का दावा है कि ये दुनिया की पहली आर्टिफिशियल कोख की तरह काम करेगा. 

कैसे पैदा होगा बच्‍चा

अगर किसी कारणवश पति-पत्‍नी माता-पिता नहीं बन पा रहे हैं तो वे बेबी पॉड की मदद से अपने सपने को पूरा कर पाएंगे. इसके लिए सबसे पहले मशीन में पुरुष के स्पर्म और किसी महिला के एग को मिलाया जाता है. इसके बाद ही मशीन मां की कोख की तरह अपना काम करना शुरू कर देती है.जिस तरह एक महिला के गर्भ में फ्लूइड होता है, उसी तरह आर्टिफिशियल गर्भ में भी ‘एम्‍निओटिक फ्लूइड’ डाला जाता है. 9 महीने बाद इस फ्लूइड को निकालने के बाद नवजात को भी मशीन से निकाल लिया जाता है.

एप के जरिए माता-पिता कर सकते हैं मॉनीटर

 इस मशीन के अंदर मॉडर्न सेंसर लगाए गए हैं, जिसे एक ऐप से कनेक्ट किया गया है. ऐप के जरिए बच्‍चे के माता-पिता रियल टाइम स्किन, धड़कन, टेंपरेचर, हार्टबीट, ऑक्सीजन लेवल, ब्लड प्रेशर, ब्रीदिंग रेट, दिल, दिमाग, किडनी, लिवर और शरीर के बाकी अंगों को मॉनीटर कर सकते हैं. इतना ही नहीं आर्टिफिशियल गर्भ में बच्चे की बुद्धि का स्तर, ऊंचाई, बाल, आंखों का रंग, शारीरिक शक्ति और स्किन का कलर तक सेट किया जा सकता है.

बेबी पॉड से घर में पैदा हो सकता है बच्‍चा

ऐसा नहीं कि बेबी पॉड के जरिए सिर्फ लैब में ही बच्‍चा पैदा हो पाना संभव है. ये मशीन काफी दंपति की सुविधा के हिसाब से तैयार की गई है. वीडियो के मुताबिक इस पॉड को घर में भी ले जाया जा सकता है. हर पॉड के साथ बैटरी लगी होती है, जिसे सावधानी से उठाकर आप अपने बेडरूम में भी रख सकते हैं. 

बर्थ कॉम्‍प्‍लीकेशंस की संभावना बेहद कम

हाइली एडवांस्‍ड पॉड्स जरूरत के हिसाब से मिनिमल एनर्जी के साथ ऑपरेट किए जाते हैं, ताकि बच्‍चे को किसी तरह की परेशानी न हो और बिना किसी कॉम्‍प्‍लीकेशंस के उसकी अच्‍छी तरह ग्रोथ हो सके. इसके अलावा हर तरह के टेस्ट के बाद ही इस मशीन में बच्चा बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है. ऐसे में बर्थ कॉम्प्लिकेशन यानी जन्म के समय किसी बीमारी की संभावना कम होती है.zee business

JAYDEV VISHWAKARMA

पत्रकारिता में 4 साल से कार्यरत। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक मुद्दों, राजनीतिक, स्वास्थ्य व आमजन से जुड़े विषयों पर खबर लिखने का अनुभव। Founder & Ceo - Satna Times

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