मध्यप्रदेशविंध्यसतनाहिंदी न्यूज

Video :राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता सवाई. कुमार विजयंत सिंह सतना में बच्चो को दे रहे 10 मीटर एयर राइफल का प्रशिक्षण

सतना,मध्यप्रदेश।। निशानेबाजी खेल का इतिहास राजा महाराजाओं के जमाने से चला आ रहा है। और इस खेल को राजघराने में ही खेला जाता था।और इस खेल में हमारे भारत देश का दबदबा आज भी कायम है। देश को सबसे ज्यादा अन्तरराष्ट्रीय पदक निशानेबाजी में ही मिलते है। जानकारी के मुताबिक अगर बात करे तो निशानेबाजी का ये खेल हमेशा से ही काफी महंगा रहा है जिस कारणवश आम इंसान इसे नही खेल पाते थे।

राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता सवाई. कुमार विजयंत सिंह सतना में बच्चो को दे रहे 10 मीटर एयर राइफल का प्रशिक्षण
फ़ोटो – सतना टाइम्स डॉट इन

समय की परिस्थितियों को देखते हुए विजयंत सिंह ने इस खेल को आम जन तक पहुचाने की एक पहल की है। इसी कड़ी में आज हम आपको बता दे कि (अजयगढ़ राजघराने) के प्रसिद्ध निशानेबाज जयंत सिंह जू देव बुंदेला के बेटे विजयंत सिंह बुंदेला ने हाल ही में (रामाकृष्णा कॉलेज) भरहुत नगर , सतना में बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे है और उनके उज्ज्वल भविष्य की तरफ अपना योगदान दे रहे है।

हाल ही में जबलपुर में आयोजित , संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में जयविजय शूटिंग क्लबके बच्चों ने (1 स्वर्ण पदक सहित 3 कांस्य पदक) हासिल किए है। निशानेबाजी प्रतियोगिता में पदक हासिल करने के बाद निशानेबाजों को भारतीय सेना, वायु सेना, आयकर विभाग, डीएसपी , डिप्टी कलेक्टर, जैसे प्रतिष्ठित पदों पर नियुक्ति के अवसर मिलते है ।

फ़ोटो सतना टाइम्स डॉट इन

स्वर्ण पदक विजेता विजयंत सिंह बुंदेला ने सतना टाइम्स से बात चीत के दौरान बताया कि पहले इस गेम को अक्सर राजा महाराज ही खेलते थे पर अब धीरे धीरे हर इंसान तक पहुँच रहा है। विजयंत ने आंगे कहा कि वैसे तो ये गेम महंगा है लेकिन हम इसको बहुत ही कम फीस में सतना में लाये है, ताकि हर किसी को ये खेल खेलने का मौका मिले।विजयंत सिंह का मानना है कि शायद ही देश मे इतने कम फीस में प्रशिक्षण देते होंगे।

JAYDEV VISHWAKARMA

पत्रकारिता में 4 साल से कार्यरत। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक मुद्दों, राजनीतिक, स्वास्थ्य व आमजन से जुड़े विषयों पर खबर लिखने का अनुभव। Founder & Ceo - Satna Times

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button