MP News: भोपाल : मध्य प्रदेश में तीन नई तकनीकों इंफ्रारेड रिसाइक्लिंग टेक्नोलॉजी, जेट पंचर टेक्नोलॉजी, वेलोसिटी पंक्चर रिपेयर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल गड्ढों को भरने के लिए किया गया है. शुरू में इसे 7 जिलों में लागू किया जाना है। इसमें 582 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत की जाएगी। ये तकनीकें सभी मौसम में और कम समय में काम कर सकती हैं।
मध्य प्रदेश के 7 जिलों में गड्ढों को भरने के लिए नई तकनीक का पायलट प्रोजेक्ट लागू किया जा रहा है. यहां कुल 582 किलोमीटर सड़क की मरम्मत अब इंफ्रारेड रिसाइक्लिंग तकनीक, जेट पंचर तकनीक और वेग पंक्चर मरम्मत तकनीक से की जाएगी। नई तकनीक से समय से काम हो जाएगा। सबसे खास बात यह है कि मानसून सहित सभी मौसमों में काम जारी रहेगा।
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इन 7 जिलों में शुरू होगा पायलेट प्रोजेक्ट
योजना के पहले चरण में जिन 7 जिलों को लिया गया है उनमें ग्वालियर, मुरैना, दतिया, भिंड, भोपाल, सीहोर और रायसेन शामिल हैं. यहां पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद सरकार इसे पूरे राज्य या अन्य जिलों में लागू करने का फैसला ले सकती है।
कहां कितने किलोमीटर में होगा काम?
भोपाल क्षेत्र के भोपाल एवं सीहोर संभाग में 185 किलोमीटर सड़क के गड्ढे जेट पंचर तकनीक से भरे जायेंगे. रायसेन और बुधनी क्षेत्र में 187 किलोमीटर सड़क के गड्ढे वेलोसिटी पंचर रिपेयर तकनीक से भरे जाएंगे। – इंफ्रारेड रिसाइक्लिंग तकनीक से ग्वालियर, भिंड, मुरैना व दतिया जिलों में 210 किमी. गड्ढों को भरा जाएगा
मंत्री ने दिए निर्देश
मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने इस संबंध में निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि पुरानी तकनीक से मरम्मत करने में अधिक समय लगता था। कई इसकी गुणवत्ता पर भी उठे हैं। इस कारण प्रदेश में सड़कों के सुधार का कार्य अब नई तकनीक से किया जाएगा। MP में सबसे तेज और भरोसेमंद खबरों के लिए सतना टाइम्स ऐप को डाऊनलोड करें, इस लिंक पर करें क्लिक
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