Maihar News :मैहर कलेक्टर रानी बाटड ने सोमवार को मैहर जिले के डायरिया प्रभावित ग्रामों का भ्रमण कर लोगों से मुलाकात की और पेयजल के लिए साफ, स्वच्छ क्लोरीनेटेड वाटर टैंकर के पानी का ही उपयोग करने की अपील की है। मैहर कलेक्टर द्वारा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से डायरिया फैलने के कारणों और रोकथाम के लिए किये जा रहे प्रयासों तथा गतिविधियों का विस्तृत प्रतिवेदन भी मांगा है।
कलेक्टर मैहर को प्रस्तुत प्रतिवेदन में सीएमएचओ डॉ. एलके तिवारी ने प्रभावित ग्रामों के नागरिकों से स्थानीय प्रशासन द्वारा भेजे जा रहे वाटर टैंकरों के क्लोरीनेटेड जल को ही पीने के उपयोग में लेने की सलाह दी है। उल्लेखनीय है कि मैहर जिले के एक ही सेक्टर बदेरा क्षेत्र में गांवों में उल्टी-दस्त की बीमारी के प्रकरण मिले है। सीएमएचओ ने बताया कि प्रभावित ग्रामों में नल जल योजना के अंतर्गत पाइप से पानी की सप्लाई दी जा रही है। बरसात का पानी पाइपलाइन में मिल जाने से इस पानी में वैक्टीरियल ग्रोथ सैम्पल की टेस्टिंग में पाई गई है।
इसलिए जब तक पाइप लाइन और टंकी की सफाई नहीं हो जाती तब तक इसे पेयजल के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाये। इस दौरान स्थानीय प्रशासन द्वारा वाटर टैंकर से भेजे जा रहे क्लोरीनेटेड जल को ही पेयजल के रूप में इस्तेमाल करे। उन्होंने बताया कि हैण्डपम्प और कुंओं तथा प्राइवेट बोर के पानी का भी सैंपल लिया गया है और प्रभावित गांवों के सभी जल स्त्रोतों का शुद्धिकरण ब्लीचिंग पावडर से किया गया है। वर्तमान में सभी प्रभावित गांवों एवं जिले के सभी ग्रामों के कुयें के जल का शुद्धिकरण और पीएचई विभाग द्वारा हैण्डपम्पों का जल शुद्धिकरण कर दिया गया है।
लेकिन दूसरी जांच सैम्पल की रिपोर्ट नार्मल आने तक इन जल स्त्रोतों के जल का उपयोग पेयजल के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। सीएमएचओ डॉ. एलके तिवारी ने अधीक्षक/प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सिविल अस्पताल मैहर के हवाले से डायरिया से डेल्हा की दो व्यक्तियों की मृत्यु के बारे में भी स्पष्टीकरण दिया है।
इसके अनुसार संतोष कोरी को 27 जुलाई को सिविल अस्पताल में भर्ती कर प्रोटोकाल के आधार पर उल्टीदस्त का इलाज मैहर में किया गया। इलाज के दौरान हालत में सुधार भी हो रहा था। कुछ समय बाद परिजनों के बताने पर मरीज को सीने में दर्द की शिकायत के कारण संक्षिप्त इलाज के बाद मरीज की संभावित ह्दय रोग की समस्या के आगे जांच और उपचार के लिए 108 एम्बुलेंस से सतना जिला अस्पताल भेजा गया। सतना में भी सुधार नहीं होने पर मेडीकल कालेज रीवा रेफर किया जिसकी रीवा जाते समय रास्ते में मृत्यु हो गई।
दूसरे डेल्हा के मरीज लक्ष्मण केवट उम्र 75 वर्ष को 27 जुलाई को ही सिविल अस्पताल मैहर में भर्ती कर प्रोटोकाल अनुसार उपचार किया गया। इलाज से सुधार भी हुआ। रात्रि में मरीज को सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होने से संभावित दिल की बीमारी की जांच उपचार हेतु जिला अस्पताल सतना रेफर किया गया। इसके लिए एम्बुलेंस 108 बुलाई गई। तब तक मरीज के परिजन मरीज को अपने वाहन से लेकर बिना बताये घर लौट गये। इस दौरान रास्ते में मरीज लक्ष्मण केवट की मृत्यु हो गई।