Gangster Lawrence Bishnoi: पीआरए ग्रुप के ऑफिस में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू (साव) के शूटरों द्वारा दहशत और वसूली के लिए फायरिंग करने की पहली घटना नहीं है। यह गैंग प्रदेश में पिछले करीब चार साल से अपनी पैठ जमा चुका है। पीआरए ग्रुप बार्बरिक प्राइवेट लिमिटेड के ऑफिस में फायरिंग करने से पहले आरकेटीसी के शंकर नगर ऑफिस में गैंग के शूटरों ने पिछले साल फायरिंग की थी। उस समय इस गैंग की चर्चा नहीं हुई थी।
फायरिंग का ट्रेक रिकार्ड
-30 सितंबर 2022 को शाम 6.22 बजे आरकेटीसी के टीपी नगर कोरबा ऑफिस के बाहर हेलमेट लगाए बाइक सवार पहुंचा। उसने बंदूक से फायरिंग की और ऑफिस में परचा फेंका। इसके बाद भाग निकला। परचे में झारखंड में ट्रांसपोर्ट कारोबार करने के लिए अमन साहू गैंग से लेन-देन करके चलने की चेतावनी दी थी। मामला कोरबा टीपी नगर थाने में दर्ज हुआ।
गैंग ने बनाया लोकल नेटवर्क
गैंगस्टर अमन साहू ने कई शहरों में अपना लोकल नेटवर्क बना लिया है। इनमें भाड़े के शूटर हैं। अधिकांश झारखंड, बिहार और यूपी के रहने वाले हैं, जो अलग-अलग शहरों में रह रहे हैं। यहां के बड़े कोयला कारोबारी, कंस्ट्रक्शन और सरकारी टेंडर लेने वालों की जानकारी जुटाने और उन्हें समय-समय पर दहशत में लाने के लिए फायरिंग की घटना को अंजाम दे रहे हैं।
शूटरों का नहीं मिला सुराग
पीआरए ग्रुप के ऑफिस में फायरिंग करने वाले शूटरों का तीन दिन बाद भी सुराग नहीं मिला है। क्राइम ब्रांच की 5 से अधिक टीमें अलग-अलग राज्यों में शूटरों की तलाश में लगी है। इसके अलावा तकनीकी जांच के लिए अलग से टीम लगी है। बताया जाता है कि फायरिंग के बाद शूटर शहर छोड़कर निकल गए हैं। उनकी पहचान भी अब तक नहीं हो पाई है।
पुराने शूटरों की तलाश, पूछताछ
कोरबा के टीपी नगर, शंकर नगर फायरिंग में शामिल शूटरों के बारे में भी पतासाजी की जा रही है। उनके स्थानीय संबंधों को खंगाला जा रहा है। रायगढ़ में भी अमन गैंग से जुड़े शूटरों का पता लगाया जा रहा है। पुलिस को कुछ संदिग्धों के बारे में जानकारी मिली है।