नानाजी की परिकल्पना को पूरा करने के लिये सरकारें अहम् भूमिका निभायेंगी- डॉ वीरेंद्र कुमार
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सतना ।।भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार सोमवार की सुबह चित्रकूट पहुंचे, सर्वप्रथम सियाराम कुटीर पहुंचकर नानाजी को श्रद्धांजलि अर्पित की उसके बाद ग्रामोदय मेले में पहुँचे और मेला परिसर का जायजा लिया।केन्द्रीय मंत्री डॉ कुमार ने कहा कि मनुष्य को तन और मन से सदैव स्वस्थ रहना चाहिये जो कि आज के परिवेश में अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ग्रामोदय मेला ही भारत का सुनहरा भविष्य का माध्यम है और सरकारों के हर विभाग को इस मेले से सीख लेनी चाहिये इस मेले को गुरू बनाना चाहिये। उन्होने कहा कि नानाजी ने जो सपना देखा था वह अब व्यापक रूप ले चुका है। नानाजी भले ही शरीर से आज हमारे बीच न हों पर ये ग्रामोदय मेला इस बात का सदैव एहसास कराता हैं कि नानाजी देशमुख आज भी हमारे पास हैं। नानाजी की परिकल्पना को पूरा करने के लिये सरकारें अहम् भूमिका निभायेंगी।
ग्रामोदय मेले में ‘प्रतिभा‘ की खोज, विभिन्न प्रतियोगिताओं का हो रहा आयोजन 100 से अधिक विद्यालयों के विद्यार्थियों ने की सहभागिता
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चित्रकूट में ‘ग्रामोदय मेला‘ के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है। प्रथम दिन सुरेन्द्रपॉल ग्रामोदय विद्यालय में चित्रकूट तथा मझगवां क्षेत्र के 100 से अधिक विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भाग लिया।जिसमें प्रथम दिन मेंहदी में 320, रंगोली में 432 तथा कलश सज्जा में 124 विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। विद्यार्थियों के स्तर को ध्यान में रखकर प्रतियोगिता को माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक तथा महाविद्यालय समूहों में करायी गयी। दूसरे दिन चित्रकला प्रतियोगिता में 260 व निबंध प्रतियोगिता में 380 बच्चों ने सहभागिता की। चित्रकला प्रतियोगिता में चित्रकूट के प्राकृतिक दृश्य या ग्रामीण परिवेश तथा नशा उन्मूलन व कोई ऐतिहासिक या पौराणिक गाथा विषय पर वर्ग सह प्रतियोगिता आयोजित की गई। निबंध के विषय मां मंदाकिनी नदी का संरक्षण एवं संवर्धन तथा स्वाधीनता संग्राम में स्थानीय क्रांतिकारियों एवं महापुरुषों का योगदान व भारत रत्न नानाजी देशमुख का व्यक्तित्व व कृतित्व विषय रखे गये।
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स्वस्थ पशु प्रतियोगिता में पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर पशुपालकों को किया गया पुरुस्कृत – ग्रामोदय मेले के दूसरे दिन स्वस्थ्य पशु प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें जनपद के विभिन्न ग्रामों से किसान पशु पालकों ने अपने पशुओं के साथ प्रतिभाग किया। राम सैय्या के पशुपालक योगेश जैन अपने साथ गिरी नस्ल की नंदिनी गाय लेकर आए थे जिसकी उम्र 9 वर्ष है जो प्रतिदिन 17 लीटर दूध देती है और इसकी कीमत लगभग 3 लाख रुपये बताई।
भागलपुर के किसान देव कुमार अपने बकरे कल्लू को लेकर आए थे जो लगभग 1 वर्ष 8 माह का है और इसकी कीमत उन्होंने लगभग 25 हजार रुपए बताई जो शुद्ध देसी नस्ल का बकरा है।पाल देव के किसान राम लखन किसानी के साथ मुर्गी पालन का कार्य करते हैं वे कड़कनाथ नस्ल के मुर्गी-मुर्गा लेकर आए थे उन्होंने बताया कि वे 5 साल से मुर्गी पालन का कार्य कर रहे हैं और एक मुर्गा लगभग 14 से 15 सौ रुपए में बिक जाते है और यह आमदनी का अच्छा स्रोत है।
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बरुआ के किसान महेंद्र सिंह अपने 2 वर्ष के सिरोही नस्ल के बकरे को लेकर आए थे जिसकी कीमत उन्होंने लगभग 50 हजार रुपये बताई। भगनपुर के किसान राजेंद्र अपने बकरे को लेकर आये थे जो कि यमुनापारी सिरोही नस्ल की क्रॉस ब्रीड है उसकी कीमत 25 हजार रुपये बताई। इसके अतिरिक्त अनेक पशुपालक किसान अपने अपने पशु जिसमे बकरी, गाय, बैल व भैंसों को लेकर प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया।