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Singrauli Today News : कुसाही समिति में गड़बड़झाला,खरीदी केन्द्र से सात सौ क्विंटल धान गायब!,कलेक्टर ने कहा करेंगे जांच

सिंगरौली ।। जिले के कई तथाकथित धान खरीदी उपार्जन केन्द्रों में यूपी की धान खपाई गयी। प्रशासन जानते हुए पूरी तरह से अंजान बन गया था। लेकिन अब यही धान खरीदी केन्द्र प्रशासन के लिए भी गले का फास बनते जा रहे हैं। वहीं खरीदी में हुए गड़बड़झाला का भेद भी खुलता जा रहा है। ऐसा ही सनसनीखेज मामला आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित कुसाही का आया है। जहां खरीदी केन्द्र से तकरीबन 700 क्विंटल धान गायब है।

गौरतलब हो कि जिले में इस वर्ष लक्ष्य से ज्यादा समर्थन मूल्य के तहत धान की खरीदी की गयी है। जबकि मानसून के देरी होने के कारण धान की बोनी 50 फीसदी भी नहीं हो पायी थी। प्रशासन के आंकड़े जो भी कहें लेकिन धरातल पर यही स्थिति थी कि गांव-गांव के खेत पड़ती पड़े रहे। इसके बावजूद धान उपार्जन केन्द्रों में धान की बम्फर खरीदी हुई है। धान कहां से आई केन्द्रों में कैसे पहुंची? इस बात को लेकर अब धीरे-धीरे भेद खुलने लगे हैं। सूत्रों के मुताबिक चितरंगी ब्लाक के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति कुसाही में तकरीबन 380 किसानों का पंजीयन हुआ था। जहां 35 हजार 700 क्विंटल से अधिक धान की खरीदी हुई थी। 16 जनवरी के बाद धान खरीदी की तिथि समाप्त हो गयी। इसके बाद परिवहन शुरू हुआ है। इसी दौरान खबर आयी कि उक्त खरीदी केन्द्र में तकरीबन 700 क्विंटल धान नहीं है। चर्चाओं के मुताबिक ट्रांसपोर्टर ने इस बात की जानकारी जिला खाद्य सहित तमाम अधिकारियों को अवगत करा दिया और यहीं से धान खरीदी का पोल का ढोल खुलने लगा। सूत्र बता रहे हंै कि चितरंगी ब्लाक के कई तथाकथित खरीदी केन्द्रों में यूपी धान व्यापक पैमाने पर खपाई गयी है और यह गोरखधंधा उस वक्त हुआ जब धान खरीदी की शुरूआत हुई थी। ताकि प्रशासन की भी नजर न पड़े और काम भी हो जाय। अपने रणनीति में कई कथित समिति प्रबंधक सफल भी रहे। लेकिन कुसाही खरीदी केन्द्र अब चर्चाओं में आ गया है। वहीं खाद्य विभाग भी समिति प्रबंधक पर दरियादिली दिखाने में जुट गया है। उधर एक मीलर इन दिनों काफी सक्रिय है और वह मामले को रफा-दफा कराने में जुटा हुआ है। जन चर्चाओं के मुताबिक समिति प्रबंधक से उसका गहरा नाता भी है। फिलहाल यह मामला कलेक्टर अरूण कुमार के संज्ञान में भी पहुंच गया है। जहां नायब तहसीलदार चितरंगी अर्जुन बेलवंशी आज शनिवार को कलेक्टर के निर्देश पर कुसाही गोदाम पहुंच जायजा लिया। सूत्रों के मुताबिक मौके पर तकरीबन 15 सौ बोरी धान नहीं है। जबकि 22 सौ बोरी धान मौके पर होनी चाहिए थी। शेष धान कहां गयी है और जांच प्रतिवेदन में समिति प्रबध्ंाक को दोषी माना जा रहा है कि नहीं इस पर अभी कुछ कह पाना जल्दबाजी होगी।

खाद्य विभाग दिखा रहा दरियादिली

सूत्रों के मुताबिक समिति प्रबंधक पर खाद्य निरीक्षक से लेकर जिला खाद्य महकमा दरियादिली दिखाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक करीब एक पखवाड़े पूर्व 12 जनवरी को तत्कालीन एसडीएम सम्पदा सर्राफ ने धान उपार्जन केन्द्र कुसाही का निरीक्षण कर प्रतिवेदन कलेक्टर के यहां प्रस्तुत की थीं। जिसमें समिति प्रबंधक पर व्यापक गड़बड़ी करने का आरोप था और उसे ब्लैक लिस्ट करने के लिए कहा गया था। जिस पर कलेक्टर ने 23 जनवरी को खाद्य अधिकारी को पत्र लिखते हुए कार्रवाई करने के लिए लेख किया। किन्तु आरोप लग रहे हैं कि खाद्य अधिकारी ने प्रबंधक पर दरियादिली दिखाते हुए उपायुक्त सहकारिता को समिति प्रबंधक के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए चिट्ठी लिख दिया। उक्त पत्र में समिति प्रबंधक के विरूद्ध कठोर कार्रवाई एवं खरीदी से पृथक करते हुए ब्लैक लिस्ट किये जाने की कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया। हैरानी की बात है कि समिति प्रबंधक को पृथक करने व ब्लैक लिस्ट करने का अधिकार कलेक्टर सीधी को है। फिर खाद्य अधिकारी ने उपायुक्त सहकारिता को पत्र लिखकर खानापूर्ति करने का प्रयास किया जा रहा है। खाद्य अधिकारी की भूमिका पर तरह-तरह के सवाल खड़े किये जा रहे हैं।

सीएम तक को भी किया गया गुमराह

सिंगरौली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री तक इस बात की जानकारी पहुंचायी गयी धान खरीदी तिथि बढ़ाई जाय। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आश्वस्त किया कि इसकी जांच कराकर धान खरीदी की तिथि बढ़ायी जायेगी। लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि इसमें एक सिंडीकेट गिरोह सक्रिय है। जनप्रतिनिधियों को भी गलत जानकारी देकर भ्रमित किया है। यूपी की धान कई केन्द्रों में खपा ली गयी और वास्तविक किसानों की धान की खरीदी नहीं हो पायी। इसीलिए कई तथाकथित समिति प्रबंधक किसानों के हमदर्द बन रहे हैं।

खाद्य निरीक्षक अचानक हुआ सक्रिय-खाद्य निरीक्षक

आरके सिंह से इस संबंध में जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि हम जांच में नहीं गये थे नायब तहसीलदार कुसाही जांच करने गये थे। हैरानी की बात है कि जैसे ही फोन कटा कुछ मिनटो बाद समिति प्रबंधक भी मामले को उजागर न करने की मिन्नते करने लगा।

इनका कहना है
मामला संज्ञान में आ गया है। इसकी तत्काल जांच करायी जायेगी। यदि आरोप सही पाये गये तो संंबंधित के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी।
अरूण परमार
कलेक्टर, सिंगरौली

JAYDEV VISHWAKARMA

पत्रकारिता में 4 साल से कार्यरत। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक मुद्दों, राजनीतिक, स्वास्थ्य व आमजन से जुड़े विषयों पर खबर लिखने का अनुभव। Founder & Ceo - Satna Times

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