Singrauli : उपयंत्री के खिलाफ सरपंचों में बढऩे लगा असंतोस,जिला पंचायत सीईओ ने उपयंत्री से मांगा जबाव
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सिंगरौली(SINGRAULI) ।। जनपद पंचायत चितरंगी में पदस्थ उपयंत्री चंदन सिंह के खिलाफ अब तक कार्रवाई न किये जाने पर सरपंचों में असंतोष बढऩे लगा है। गणतंत्र दिवस के बाद सरपंच आंदोलन करने के लिए रणनीति बना रहे हैं। उधर जनपद सीईओ के प्रतिवेदन व सरपंचों की शिकायतों के आधार पर जिला पंचायत सीईओ ने उपयंत्री को नोटिस जारी कर जबाव मांगा है। जहां आज उपयंत्री ने जबाव भी प्रस्तुत कर दिया है।
गौरतलब हो कि चितरंगी जनपद पंचायत में पदस्थ उपयंत्री चंदन सिंह के खिलाफ ग्राम पंचायत झरकटिया, दार, गेरूई, कुड़ैनिया द्वितीय, खम्हनिया, कपुरदेई, बगैया, खोखवा, मटिहनी, बसनिया एवं दुधमनिया के सरपंचों ने मोर्चा खोला हुआ है।
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सरपंचों ने उपयंत्री पर सनसनीखेज गंभीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। वहीं जनपद पंचायत के सीईओ ने भी उपयंत्री को हटाने के लिए अनुशंसा किया है। साथ ही जनपद पंचायत के सामान्य सभा में भी उपयंत्री के विरूद्ध निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है। उपयंत्री के खिलाफ मिली शिकायतों को आधार मानकर जनपद पंचायत के माध्यम से सीईओ के द्वारा जिला पंचायत के यहां कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजा गया। जिस पर जिला पंचायत के प्रभारी सीईओ ने उपयंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी कर जबाव मांगा है। चर्चा है कि उपयंत्री ने आज मंगलवार को अपना जबाव भी प्रस्तुत कर दिया है।
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इधर उपयंत्री एवं सरपंचों के बीच चल रहे विवाद से पंचायतों का कामकाज प्रभावित है। कई सरपंचों का आरोप है कि कार्रवाई करने में हीला-हवाली की जा रही है। उपयंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान जमकर पद का दुरूपयोग किया है। उधर चर्चा यह भी है कि यदि उपयंत्री के विरूद्ध कार्रवाई नहीं हुई तो उक्त ग्राम पंचायतों के सरपंच धरना देने की भी तैयारियां करने लगे हैं। सरपंचों ने इस ओर कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराते हुए विवादित उपयंत्री को चितरंगी ब्लाक से हटाये जाने की मांग जोर-शोर से करने लगे हैं। वहीं जनपद अध्यक्ष ने भी सरपंचों के समर्थन में हैं।
पहले कमीशन,फिर मूल्यांकन
ग्राम पंचायतों में पंच परमेश्वर, मनरेगा सहित अन्य योजनाओं के तहत होने वाले कार्यों में कमीशनखोरी चरम पर है। आरोप लगाये जा रहे हैं कि कार्यों के मूल्यांकन करने के पूर्व बतौर एडवांस के रूप में कई सरपंचों से वसूल लिया जाता है और जब तक कमीशन नहीं मिलता ऐसे कई उपयंत्री एवं सहायक यंत्री हैं जिनकी कलम आगे नहीं बढ़ती। यह हाल अकेले जनपद चितरंगी का नहीं है। देवसर, बैढऩ भी कमीशनखोरी से अछूता नहीं है। एक सरपंच ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उपयंत्री एवं सहायक यंत्री कमीशन लेना अपना अधिकार समझ लिये हैं। यदि निर्धारित मापदण्ड के अनुसार कार्य भी करा दिया तो उसमें भी कमीशन लेते हैं। नहीं तो एमाउंट घटाने में उन्हें थोड़ा भी झिझकते। कुछ न कुछ अड़ंगा लगाकर मूल्यांकन में कटौती कर देते हैं। मजबूर होकर कमीशन देना पड़ता है। यदि कमीशन मूल्यांकन एवं भुगतान के बाद नहीं दिया जाता है तो अन्य कार्यों को लटका दिया जाता है।
पंचायतों में गुणवत्ताविहीन कार्य, उपयंत्री भी संलिप्त
कई ग्राम पंचायतों में विभिन्न योजनाओं के तहत कार्य कराये जा रहे हैं और चुनाव के पहले भी कराये जा चुके हैं। किन्तु कार्यों की गुणवत्ता को लेकर लगातार सवाल उठाये जा रहे हैं। इसकी शिकायतें भी कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचती रहती है। ग्रामीण शिकायतें करते हैं, लेकिन उनकी शिकायतों को संबंधित विभाग के अधिकारी रद्दी टोकरी में फेंक देते हैं। बगदरा अंचल के कई ऐसे ग्राम पंचायतें हैं जहां के पूर्व कई सरपंचों ने व्यापक पैमाने पर भ्रष्ट्राचार किया है। रेही, गोपला, फुटहड़वा सहित कई पंचायतों में गुणवत्ताविहीन कार्य कराये गये हैं और योजनाओं में जमकर बंदरबांट हुई है। उस दौरान के तत्कालीन उपयंत्रियों ने भी अपने आवास में बैठकर कार्यों का मूल्यांकन कर दे रहे थे। कमीशनखोरी के चलते गुणवत्ताविहीन कार्य पीसीसी, डब्ल्यूबीएम व अन्य कार्य कराये गये हैं और अभी भी कई पंचायतों में मनमानी तौर पर निर्धारित प्राक्कलन के विपरीत कार्य कराये जा रहे हैं।