MP NEWS : समिति प्रबंधक ने ऑपरेटर पर थोप दिया आरोप, FIR दर्ज कराने एवं टर्मिनेट करने की शुरू हुई कार्रवाई
SINGRAULI NEWS सिंगरौली ।। धान की खरीदी एवं इन्ट्री ऑपरेटर कर रहा था। ऑपरेटर (operator) ने ही धान खरीदी में हेरा-फेरी किया है। मुझे धोखे में रखा गया। इस तरह की बातें धान खरीदी घोटाले में फसे सेवा सहकारी समिति कुशाही का प्रबंधक ने कलेक्टर के यहां से जारी नोटिस के जबाव में दिया है।गौरतलब हो कि चितरंगी ब्लाक के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति कुशाही में धान उपार्जन सत्र 2022-23 के खरीदी में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी पायी गयी है। तकरीबन 6 सौ क्विंटल से अधिक धान खरीदी केन्द्र से गायब थी। जिसका खुलासा होने के बाद हरकत में आये खाद्य विभाग अमले ने बमुश्किल के साथ जांच पड़ताल उस समय शुरू किया जब समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित कर कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराया था।
कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम चितरंगी को जांच कराने के लिए निर्देशित किया। नायब तहसीलदार अर्जुन बेलवंशी खाद्य निरीक्षक के साथ खरीदी केन्द्र का जांच किया। जहां तकरीबन छ: सौ से अधिक क्विंटल धान कम पायी गयी थी। जांच प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर ने समिति प्रबंधक को नोटिस जारी कर 8 फरवरी को जबाव के साथ कलेक्टोरेट कार्यालय में उपस्थित रहने के लिए निर्देश दिया था। सूत्र बता रहे हैं कि 8 फरवरी को समिति प्रबंधक कलेक्टर के यहां जबाव के साथ हाजिर हुआ। खाद्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक समिति प्रबंधक ने सभी आरोप अपने अधीनस्थ ऑपरेटर पर थोप दिया है। एक अधिकारी ने यहां तक कहा है कि समिति प्रबंधक ने ऑपरेटर पर आरोप लगाया है कि उसने धान खरीदी में अपने नात-रिश्तेदार व परिवारजनों का नाम फर्जी तौर पर इन्ट्री कर दिया है। हालांकि उसने अपने नोटिस के जबाव में अपने आपको कहीं से दोषी नहीं माना है। आईडी, पासवर्ड के बारे में भी ऑपरेटर पर जबावदेही थोपा है। जबाव में ऑपरेटर पर कई आरोप भी लगाया गया है। इधर सूत्रों ने यह भी बताया है कि घोटालेबाज समिति प्रबंधक को टर्मिनेट करने एवं एफआईआर करने की भी कार्रवाई प्रचलित में आ गयी है। अब यह मामला तूल पकड़ लिया है।
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खाद्य अधिकारी ने जानकारी देने में किया आनाकानी
खाद्य विभाग के अधिकारी,कर्मचारियों की सुस्त कार्यप्रणाली से इस सीजन में धान खरीदी में व्यापक गोलमाल हुआ है। कई धान खरीदी केन्द्रों में झारखण्ड एवं यूपी प्रांत की धान खपाई गयी। कुशाही सेवा सहकारी समिति सबसे बड़ा उदाहरण है। जहां यूपी की धान आने के चक्कर में फर्जी किसानों का नाम इन्ट्री कर दिया। खुलासा होने के पूर्व मामले को रफा-दफा कराने में कई सरकारी कर्मचारी सक्रिय हो गये थे। कुछ दिन तो ऐसा लग रहा था जैसे विभाग की कोई जबावदेही नहीं है। खाद्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारी अंजान बने हुए थे। इधर नोटिस जारी होने के बाद समिति प्रबंधक के जबाव तलब के संबंध में जिला खाद्य अधिकारी पीसी चन्द्रवंशी ने गोलमाल जबाव देते हुए अपनी जबावदेही से पल्ला झाडऩे का प्रयास किया।
धान खरीदी में खाद्य अमले की भूमिका संदिग्ध
धान खरीदी में हुए व्यापक घपले में खाद्य अमले की भूमिका पर तरह-तरह के सवाल खड़े किये जा रहे हैं। आरोप है कि खाद्य अमले ने समय पर धान खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण नहीं किया था। चितरंगी के तत्कालीन एसडीएम सम्पदा सर्राफ के जांच प्रतिवेदन को कई दिनों तक ठण्डे बस्ते में डाल रखा था। टर्मिनेट करने एवं खरीदी केन्द्र से पृथक करने व पद से बर्खास्त करने का पत्र उस समय जिला खाद्य अधिकारी ने जारी किया जब खरीदी की तिथि समाप्त हो गयी। वहीं आज उन्होंने इस मामले में कहा कि फाइल एडीएम के यहां भेज दी गयी है मैने समिति प्रबंधक का जबाव नहीं पढ़ा हूॅ। जिला खाद्य अधिकारी का जबाव हास्यास्पद लग रहा है। बिना नोटिस को पढ़े नस्ती में अपना अभिमत के आगे कैसे बढ़ा दिया। यह बड़ा प्रश्न है। हालांकि वहीं एफआईआर दर्ज कराने के मामले में चुप्पी साध लिये। हालांकि एडीएम ने साफ तौर पर कहा कि दोषी के विरूद्ध एफआईआर के साथ-साथ अन्य कार्रवाई होगी। किन्तु उक्त मामले में जिला खाद्य अमले की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है।
इनका कहना है
समिति प्रबंधक ने जबाव दिया है। सभी आरोप ऑपरेटर पर लगाया है। धान खरीदी में गड़बड़ी करने वाले समिति प्रबंधक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जावेगी।
डीपी बर्मन
एडीएम,सिंगरौली