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MP : दफ्तरों में कमीशनखोरी व भ्रष्ट्राचार, कई अधिकारी – कर्मचारी वर्षों से हैं पदस्थ, सरकार की हो रही किरकिरी

सिंगरौली (SINGRAULI)।। दफ्तरों में कमीशनखोरी व भ्रष्ट्राचार से सिंगरौलीवासी त्रस्त हो चुके हैं। जिसको लेकर प्रदेश सरकार की भी इन दिनों खूब किरकिरी हो रही है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव पर भी इसका असर पड़ सकता है।दरअसल वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और कमलनाथ की सरकार बनी। तकरीबन डेढ़ साल कांग्रेस सरकार के दौर में विपक्षी दल भाजपा भ्रष्ट्रचार व कमीशनखोरी को लेकर मुखर हो गयी थी और आम जनता भी कांग्रेस सरकर के अल्प अवधि में ही कमीशनखोरी से त्रस्त होकर खुलेआम आवाज उठाने लगी थी।

सांकेतिक फोटो

अचानक कमल सरकार गिर गयी और प्रदेश में फिर से शिव का राज हो गया। उस दौरान लोगों को लगा कि भाजपा सरकार भ्रष्ट्राचार एवं कमीशनखोरी पर अंकुश लगायेगी। किन्तु लोगों की उम्मीद से कहीं उलट निकला है। आलम यह है कि सिंगरौली के कई दफ्तर जिसमें राजस्व, उप पंजीयक, जिला पंचायत, जनपद पंचायत, नगर निगम, खाद्य विभाग सहित ऐसे कई दफ्तर हैं जहां आम जनों का सीधे तालुकात है। आरोप लग रहे हैं कि इन दफ्तरों में बिना चढ़ोत्तरी के कामकाज हो पाना कठिन है।

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कुछ ऐसे अधिकारी, कर्मचारी हैं जब तक भारी भरकम मुहमांगा कमीशन वसूल नहीं लेते हैं तब तक उनकी कलम आगे नहीं बढ़ती। आरोप लगाया जा रहा है कि तकरीबन ढाई साल से सिंगरौली भ्रष्ट्राचारियों के लिए चारागाह बन चुका है। आम गरीब जनता कमीशनखोरी से त्रस्त है। कई गरीब व्यक्तियों ने आये दिन कलेक्टर की जनसुनवाई में भी पहुंच रिश्वतखोरी का जिक्र करते रहते हैं। किन्तु जिले का महकमा भ्रष्ट्राचार एवं कमीशनखोरी पर अब तक अंकुश नहीं लगा पाया है। आमजनों के द्वारा ही सवाल उठाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुले मंच पर ऐलान किये हैं कि भ्रष्ट्राचारियों को किसी भी हालत में बक्सा नही जायेगा। कल 22 जनवरी को मुख्यमंत्री का आगमन सिंगरौली के जिला मुख्यालय बैढऩ में हो रहा है। आमजनों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बार कमीशनखोर एवं भ्रष्ट्र अधिकारियों को नहीं बक्सेंगे और मुख्यमंत्री तक सूचना मुखबिर तंत्र बात जरूर पहुंचायेंगे। वहीं जिले की सुस्त कानून व्यवस्था, अवैध एवं मिलावटी शराब की बिक्री, भू-माफिया की सक्रियता को लेकर भी सवाल उठाये जा रहे हैं।

सीईओ ने भी उपयंत्री के खिलाफ लिखा पत्र,नहीं हुई कार्रवाई

चितरंगी जनपद पंचायत में पदस्थ उपयंत्री चंदन सिंह के खिलाफ करीब एक दर्जन सरपंचों के साथ-साथ जनपद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष ने कार्रवाई किये जाने की मांग जिला एवं जनपद सीईओ से कर चुके हैं। उपयंत्री चंदन सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाया गया है। जनपद पंचायत चितरंगी के सीईओ ने उपयंत्री के खिलाफ प्रतिवेदन जिला पंचायत सीईओ के यहां प्रस्तुत किया, लेकिन अभी तक उपयंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। पंचायतों के सरपंचों का आरोप है कि उपयंत्री को जिला पंचायत से ही संरक्षण मिला हुआ है। जिसके चलते उपयंत्री पर अभी तक कार्रवाई नहीं की गयी है। इसके पीछे कहीं न कहीं प्रभारी जिला पंचायत सीईओ की ढुल-मुल रवैया है।

जिला पंचायत एवं देवसर जनपद बैसाखी के सहारे

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का पद नवम्बर महीने से रिक्त है। वहीं देवसर जनपद पंचायत में जुलाई महीने से सीईओ की पदस्थापना नहीं हुई है। जिला पंचायत सीईओ बतौर कलेक्टर बनकर सीधी में पदस्थ किये गये। यहां का प्रभार अतिरिक्त जिला पंचायत सीईओ को सौंपा गया है। वे करीब डेढ़ महीने से अस्वस्थ्य हैं। एक सप्ताह पूर्व खुद अपने अस्वस्थ्य होने की बात बतायी थी। जब जिला पंचायत सीईओ डेढ़ महीने से अस्वस्थ्य हैं तो पंचायतों के कामकाजों का क्रियान्वयन कितने बेहतर तरीके से हो रहा है इसकी बया करने की जरूरत नहीं है। वहीं देवसर जनपद सीईओ का प्रभार बैढऩ सीईओ को सौंपा गया है। एक सीईओ के पास दो-दो जनपदों का प्रभार है। विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है कि सरकार पूरी तरह से फेल है। भ्रष्ट्राचार एवं कमीशनखोरी का बोलबाला है।

दिव्यांगों के उपकरण वितरण में गोलमाल

जिले में डीएमएफ फण्ड से करीब डेढ़ साल पूर्व तीन करोड़ रूपये दिव्यांगों के उपकरण के लिए राशि मंजूर की गयी थी। आरोप है कि सामाजिक न्याय एवं कल्याण विभाग के द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से कार्य कराया है। आरोप यह भी लगाये जा रहे हैं कि दिव्यांगों के कृत्रिम अंग उपकरण वितरण में गुणवत्ता की अनदेखी की गयी है। साथ ही कितने दिव्यांगों को कृत्रिम उपकरण पिछले वर्ष 2022 के मार्च एवं अपै्रल महीने तक में किया गया इसकी जानकारी सामाजिक न्याय विभाग के द्वारा आज तक नहीं दिया गया है।

JAYDEV VISHWAKARMA

पत्रकारिता में 4 साल से कार्यरत। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक मुद्दों, राजनीतिक, स्वास्थ्य व आमजन से जुड़े विषयों पर खबर लिखने का अनुभव। Founder & Ceo - Satna Times

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