मनोरंजन

अनुपम खेर की दमदार एक्टिंग, रोंगटे खड़े कर देने वाले सीन… इन 5 वजहों से देखें ‘द कश्मीर फाइल्स’

विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने पहले दिन जबरदस्त प्रदर्शन किया है। फिल्म रिलीज से पहले ही सुर्खियों में रही। छोटे बजट की फिल्म ने 3.55 करोड़ के कलेक्शन से ट्रेड एनालिस्ट को भी चौंका दिया है। ध्यान देने वाली बात यह कि फिल्म सीमित सिनेमाघरों में ही रिलीज हुई है। इसे देशभर में 630 से ज्यादा स्क्रीन्स मिले हैं। ‘द कश्मीर फाइल्स’ की कहानी 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार पर आधारित है। 11 मार्च को फिल्म रिलीज के बाद से सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है। फिल्म के उन 5 वजहों पर नजर डालते हैं जिसकी वजह से आपको भी इसे देखनी चाहिए।

1.कश्मीरी पंडितों का दिखाया दर्द

कश्मीर पंडितों की कहानी इस तरह मुख्यधारा की सिनेमा में शायद ही कभी देखने को मिला है। फिल्म में कई ऐसे क्षण हैं जो काफी भावुक करने वाले हैं। विवेक अग्निहोत्री ने जम्मू में प्रीमियर रखा जहां का वीडियो भी सामने आया था। फिल्म देखने वालों कश्मीरी पंडित भी थे जो कहानी से खुद को जुड़ा महसूस कर रहे थे। फिल्म उस वक्त के कश्मीरी पंडितों का दर्द बखूबी बयां करती है।

2.असल जिंदगी की कई घटनाएं

फिल्म में एक दृश्य है जहां एक टेलीकॉम इंजीनियर को बेरहमी से मार दिया जाता है और उसकी पत्नी को अपने पति के खून में मिलाकर मुट्ठी भर चावल खाने को दिया जाता है जिससे उसके परिवार के बाकी लोगों को मरने से बचाया जा सके। इस तरह के कई दृश्य परेशान करते हैं। फिल्म में नदीमर्ग हत्याकांड को दिखाया गया हैं जहां 24 कश्मीरी पंडितों को मौत के घाट उतार दिया जाता है।  

3.बारीकी से रिसर्च

विवेक अग्निहोत्री ने फिल्म बनाने से पहले काफी रिसर्च किया। यह फिल्म के हर एक सीन में नजर भी आता है। जब तक आप सोचते हैं कि पुष्कर के परिवार के साथ कितना भयानक अत्याचार हुआ तभी कृष्णा को सच्चाई का पता चलता है और फिर आप उस कहानी के साथ आगे बढ़ जाते हैं।

4.दमदार स्टारकास्ट


फिल्म में अनुपम खेर का नाम पुष्कर नाथ है। उनका किरदार सभी पर भारी पड़ा है। उनके अलावा बेहतरीन कलाकारों की लंबी लिस्ट है। इनमें पल्लवी जोशी, मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन कुमार, भाषा सुंबली, चिन्मय मांडलेकर, पुनीत इस्सर, प्रकाश बेलावड़ी, अतुल श्रीवास्तव सहित अन्य हैं।

5.बॉलीवुड मसाला से अलग 

द कश्मीर फाइल्स’ देखते वक्त भावनाएं उमड़ पड़ती हैं। अच्छी बात है कि यह टिपिकल बॉलीवुड मसाला टाइप की फिल्म नहीं है। विवेक अग्निहोत्री ने कश्मीरी पंडितों की कहानी को वैसे ही बताया है जैसे बताया जाना चाहिए था। 

JAYDEV VISHWAKARMA

पत्रकारिता में 4 साल से कार्यरत। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक मुद्दों, राजनीतिक, स्वास्थ्य व आमजन से जुड़े विषयों पर खबर लिखने का अनुभव। Founder & Ceo - Satna Times

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button