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अंबानी समूह ने थामी सीएम मोहन यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट की कमान! उज्जैन में बनेगा ₹350 करोड़ का ‘डे-नाइट सफारी’ पार्क

उज्जैन (मध्य प्रदेश): बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन जल्द ही वन्यजीव और सफारी प्रेमियों के लिए एक नया वैश्विक केंद्र बनने जा ...

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| सतना टाइम्स

उज्जैन (मध्य प्रदेश): बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन जल्द ही वन्यजीव और सफारी प्रेमियों के लिए एक नया वैश्विक केंद्र बनने जा रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट को अब अंबानी समूह साकार करेगा।

अंबानी समूह, उज्जैन के मक्सी रोड स्थित ईको पार्क या नवलक्खी पार्क में 200 हेक्टेयर क्षेत्र में एक अत्याधुनिक जू (चिड़ियाघर) और सफारी पार्क विकसित करने जा रहा है। परियोजना की शुरुआत हो चुकी है, जिसके तहत 21 अक्टूबर को ग्लोबल जू एंड रेस्क्यू रिसर्च सेंटर (GZRRRC) और लैंडस्केप आर्किटेक्ट्स सहित अंबानी समूह की ‘वनतारा’ टीम ने साइट का विस्तृत निरीक्षण किया।

सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट: अंतरराष्ट्रीय पहचान का लक्ष्य

डॉ. मोहन यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट है उज्जैन को अंतरराष्ट्रीय स्तर का जू एंड सफारी पार्क देना, जो इसे सिंगापुर जू और सेन डिएगो सफारी पार्क जैसी पहचान दिलाएगा।

  • परियोजना का बजट: यह ₹350 करोड़ की महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका पहला चरण ₹25 करोड़ की लागत से शुरू होगा।
  • रोजगार के अवसर: डीएफओ अनुराग तिवारी ने बताया कि इसे सिंहस्थ से पहले शुरू करने का लक्ष्य है। निर्माण, गाइडिंग, पर्यावरण शिक्षा, मेंटेनेंस और अन्य सभी स्तरों पर उज्जैन के स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता मिलेगी।
  • ग्रीन टूरिज्म सर्किट: राज्य सरकार इस सफारी पार्क को इंदौर-ओंकारेश्वर-उज्जैन ग्रीन टूरिज्म सर्किट से जोड़ने की तैयारी कर रही है।

पार्क की अनोखी विशेषताएं

यह पार्क अपनी अनूठी विशेषताओं के कारण देश का पहला और खास आकर्षण बनेगा:

  • डे-नाइट सफारी: यह भारत में अपनी तरह का पहला प्रयोग होगा, जहां पर्यटकों के लिए रात में भी सफारी की सुविधा उपलब्ध होगी।
  • धार्मिक थीम का संगम: यह देश का पहला पार्क होगा जो धार्मिक थीम और वन्यजीव संरक्षण को एक साथ पेश करेगा। इसमें महाकाल संकुल और पौराणिक जीव क्षेत्र जोन होंगे, जहां भारत की मिथकीय और पर्यावरणीय धाराएं मिलेंगी।
  • खुला वातावरण: पशुओं के लिए अदृश्य सीमाएं होंगी, जिससे वे खुले और प्राकृतिक वातावरण में दिखाई देंगे।
  • बच्चों के लिए नेचर क्लासरूम: सफारी पार्क में नेचर वॉक, इंटरैक्टिव वाइल्ड लाइफ लैब और ईको-क्लास जैसी गतिविधियां भी होंगी, जो बच्चों को पर्यावरण से जोड़ेंगी।
  • टिकाऊ तकनीक: इसमें सौर ऊर्जा और वर्षा जल के साथ-साथ डिजिटल मॉनिटरिंग की सुविधा होगी।

अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ, जिनमें डॉ. इयान वेलेंटाइन (अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर विशेषज्ञ) और आर्किटेक्ट्स की टीम शामिल थी, ने निरीक्षण किया है। इस प्रोजेक्ट से उज्जैन केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि एक प्रमुख पर्यावरण पर्यटन गंतव्य के रूप में भी उभरेगा।


 

प्रांशु विश्वकर्मा, ग्राफिक डिजाइनर, वीडियो एडिटर और कंटेंट राइटर है।जो बिजनेश और नौकरी राजनीति जैसे तमाम खबरे लिखते है।... और पढ़ें