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Akhilesh VS Dhirendra Shastri :धर्म और राजनीति की जंग: धीरेंद्र शास्त्री का पलटवार – बोले, अखिलेश यादव को करेंगे फ्री में कथा, टेंट-साउंड भी खुद लाएंगे”

Akhilesh Yadav VS Dhirendra Krishna Shastri :समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ...

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| सतना टाइम्स

धर्म और राजनीति की जंग: धीरेंद्र शास्त्री का पलटवार – बोले, अखिलेश यादव को करेंगे फ्री में कथा, टेंट-साउंड भी खुद लाएंगे”

Akhilesh Yadav VS Dhirendra Krishna Shastri :समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर बड़ा हमला बोला था। अखिलेश ने आरोप लगाया था कि शास्त्री कथा कहने के लिए 50 लाख रुपये फीस लेते हैं, जिससे आम आदमी कथा कराने की हैसियत ही नहीं रखता। इस बयान के बाद सियासत और धर्म का टकराव और तेज हो गया।

धर्म और राजनीति की जंग: धीरेंद्र शास्त्री का पलटवार – बोले, अखिलेश यादव को करेंगे फ्री में कथा, टेंट-साउंड भी खुद लाएंगे”
फ़ोटो – सतना टाइम्स डॉट इन

धीरेंद्र शास्त्री का पलटवार

इंडिया टीवी के कार्यक्रम ‘आप की अदालत’ में जब शास्त्री से इस आरोप पर सवाल किया गया तो उन्होंने तीखे अंदाज में जवाब दिया। शास्त्री बोले –
“हां, हम दक्षिणा लेते हैं, लेकिन जितनी उन्होंने कही उतनी अभी तक हमने कभी नहीं ली। अखिलेश यादव अगर हमारे यजमान बनें, तो हम उन्हें फ्री में कथा सुनाएंगे। उनके गांव जाएंगे, टेंट भी अपना लाएंगे, साउंड भी अपना लाएंगे। बस यजमान उनको बनना पड़ेगा। एक रुपया दक्षिणा नहीं लेंगे।”

आदिवासी इलाकों का हवाला

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वे अक्सर आदिवासी इलाकों में कथा करते हैं। वहां लोग श्रद्धा से बुलाते हैं, लेकिन नेता इसकी सराहना नहीं करते।
“हम आदिवासियों को यजमान बनाकर कथा करते हैं, पर उसका गुणगान कोई नहीं करता। नेता सिर्फ आरोप लगाते हैं।”

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दक्षिणा क्यों जरूरी?

शास्त्री ने साफ कहा कि वे दक्षिणा इसलिए लेते हैं क्योंकि उनके दो बड़े लक्ष्य हैं –

  1. कैंसर हॉस्पिटल निर्माण – “हमारे क्षेत्र में गरीबी और पिछड़ापन है। लोग आस्था के नाम पर धर्मांतरण करते हैं। हम चाहते हैं जीते जी मंदिर नहीं, बल्कि हॉस्पिटल बनाकर मरें।”
  2. अन्नपूर्णा भंडार – “गरीबों को भोजन मिले, इसके लिए अन्नपूर्णा भंडार चलता है। व्यवस्था चलाने के लिए दक्षिणा जरूरी है।”

उन्होंने कहा हमारे पिता जी मुख्यमंत्री नहीं थे। इसलिए व्यवस्थाएं चलाने के लिए श्रद्धा से दी गई दक्षिणा का उपयोग करते हैं। लेकिन अगर कोई अमीर दिल का इंसान हमारे कैंसर हॉस्पिटल और भंडार की जिम्मेदारी ले ले, तो हम जीवन भर बिना एक रुपये लिए कथा करेंगे। हनुमान जी की कसम खाकर कहते हैं।”

राजनीति पर सीधा वार

धीरेंद्र शास्त्री ने राजनीति और नेताओं पर भी सवाल खड़े किए। बोले “इस देश में नाचने वाले करोड़ों लेते हैं। नेता भी वेतन लेते हैं और घूसखोरी अलग से करते हैं। दूध का धुला कोई नहीं है। लेकिन अगर दक्षिणा से गरीबों का भला होता है, बेटियों की शादी होती है, अस्पताल और भंडारा चलता है, तो इसमें बुराई क्या है?”

 

पिछले पाँच वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय जयदेव विश्वकर्मा, जनसरोकार और जमीनी हकीकत की आवाज़ हैं। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक पहल, राजनीति, स्वास्थ्य और आमजन से जुड़े मुद्दों पर इनकी पकड़ गहरी है। निष्पक्षता और सटीक ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए जाने जाने वाले जयदेव, जनता के असली सवालों को सामने लाने में यक़ीन रखते हैं।... और पढ़ें