उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित एक शुगर मिल में जीएम के पद पर तैनात पीसीएस ऑफिसर ज्योति मौर्या का मामला इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है. सोशल मीडिया में दिनों चर्चा है कि ज्योति मौर्या के पति आलोक कुमार मौर्या से विवाद के बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही तमाम शादीशुदा महिलाओं को भी उनके पति और ससुराल वाले घर वापस बुला रहे हैं. दावा तो यह भी किया जा रहा है कि अब तक 135 महिलाओं को उनके पतियों ने वापस बुला लिया है. क्या है बात सच है?
दरअसल, ज्योति मौर्या 2015 बैच की पीसीएस अधिकारी हैं, जबकि उनके पति पंचायती राज विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं. दोनों की शादी वर्ष 2009 में हुई थी, जिसके बाद पति आलोक कुमार मौर्या का दावा है कि उन्होंने पढ़ाया जिसके बाद उनकी पत्नी एसडीएम बन गईं. पति का आरोप है कि उनकी पत्नी के अवैध संबंध एक होमगार्ड कमांडेंट से हो गए हैं. जिसका विरोध करने पर पत्नी उनकी हत्या की धमकी दे रही है. दोनों के बीच बातचीत का एक ऑडियो भी वायरल हो चुका है. वायरल ऑडियो को लेकर भी लोग तमाम तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं. एसडीएम ज्योति मौर्या ने पति आलोक कुमार मौर्या के खिलाफ धूमनगंज थाने में दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज करा रखा है.
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वहीं प्रतियोगी छात्राओं का कहना है कि ज्योति मौर्या के प्रकरण के बाद निश्चित तौर पर परिवार के लोगों का दबाव उन पर पड़ रहा है. कई छात्राओं का मानना है कि पति-पत्नी के बीच आपस का विवाद है. इसलिए इसमें दोनों पक्षों को सुने बगैर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना उचित नहीं है. वहीं कुछ छात्राओं का यह भी कहना है कि उन्हें अपनी पढ़ाई करनी चाहिए। ऐसी बातों पर कोई ध्यान नहीं देना चाहिए. एक प्रतियोगी छात्रा कविता वर्मा का कहना है कि इस विवाद का दबाव शादीशुदा छात्राओं पर तो पड़ रहा है. लेकिन एक बात तो सच है कि ज्योति मौर्या की मेहनत से ही वह इस पद पर पहुंची हैं. एक अन्य प्रतियोगी छात्रा संजना कुशवाहा ने कहा कि अभी तक कोई महिला पढ़ाई छोड़कर नहीं गई है, लेकिन घरवालों से दबाव तो है. वे कह रहे हैं कि तुम ज्योति मौर्या न बनना.
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