Shiv Sena News: उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिराने के बाद शिंदे पिछले साल जून में बीजेपी के समर्थन से महाराष्ट्र के सीएम बने थे तब से, शिवसेना के शिंदे और ठाकरे गुटों में संगठन पर नियंत्रण की लड़ाई चल रही है. अब अगला विवाद पार्टी के अध्यक्ष पद को लेकर होना तय है. उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना) ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि या तो पार्टी में आंतरिक चुनाव करवाएं जाए या यथास्थिति बनाए रखी जाए. आयोग ने इस पर अभी कुछ स्पष्ट नहीं कहा है. ऐसे में बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि 23 जनवरी के बाद पार्टी का अध्यक्ष कौन होगा. बता दें शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का कार्यकाल 23 जनवरी को खत्म होने जा रहा है.
उद्धव समर्थक उनके अगला शिवसेना अध्यक्ष बनने का दावा कर रहे हैं. उद्धव गुट के नेता अनिल परब ने कहा कि उद्धव ठाकरे पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए शिवसेना पार्टी के अध्यक्ष हैं और रहेंगे पार्टी कार्यकर्ताओं को किसी अनुमति की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि हमने केवल कानूनी औपचारिकताओं का पालन करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी.
बता दें उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के गुटों ने शुक्रवार को चुनाव आयोग के समक्ष अपनी दलीलें पूरी कर लीं और दोनों ने जोर देकर कहा कि वे ही असली शिवसेना हैं। सुनवाई के अंत में आयोग ने कहा कि यदि कोई अभिवेदन हो तो दोनों पक्ष 30 जनवरी तक लिखित में यह प्रस्तुत कर सकते हैं।
‘शिवसेना के संविधान में ‘मुख्य नेता’ पद का कोई प्रावधान नहीं’
परब ने कहा, ‘हमारे वकील ने तर्क दिया कि पार्टी सिर्फ सांसदों और विधायकों से नहीं होती, बल्कि इसमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी और पार्टी संगठन शामिल है और इसमें हमारे पास बहुमत है.’ उन्होंने कहा कि 2018 की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद उद्धव ठाकरे के फिर से चुने जाने पर किसी ने कोई सवाल नहीं उठाया था अब अचानक शिंदे गुट सवाल उठा रहा है. उन्होंने दावा किया कि शिवसेना के संविधान में ‘मुख्य नेता’ पद का कोई प्रावधान नहीं है तो सीएम एकनाथ शिंदे का खुद को उस पद पर चुना जाना अमान्य और असंवैधानिक है.’
शिदें गुट दे रहा अपनी दलीलें
दूसरी ओर, शिंदे गुट के वकील निहार ठाकरे ने दिल्ली में मीडिया को बताया कि इसने चुनाव आयोग के सामने तर्क दिया कि यह असली शिवसेना है, क्योंकि अधिकांश निर्वाचित प्रतिनिधि इसके साथ हैं.