सिंगरौली (SINGRAULI)।। जिला मुख्यालय के समीपस्थ इटमा ऐसी माध्यमिक विद्यालय है जहां छात्र-छात्राओं की संख्या ढाई सौ पार है। सभी कक्षाओं के स्कूली बच्चे इन्हीं पांच कमरों में एक साथ बैठकर अध्ययन करने एवं विद्यालय के शिक्षक अध्यापन कराने के लिए मजबूर हैं।
दरअसल जिले में संचालित शासकीय विद्यालयों की स्थिति कितनी अच्छी है। इसका जीता-जागता उदाहरण बतौर बानगी के रूप में जिला मुख्यालय से चंद कदम दूर स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय इटमा है। आलम यह है कि यहां कक्षा 1 से 8 वीं तक के विद्र्यािर्थयों की कुल छात्र संख्या 276 है। जबकि विद्यार्थियों के बैठने के लिए 5 छोटे-छोटे कमरे बने हुए हैं। वहां के शिक्षकों ने बताया कि 50 से 60 प्रतिशत ही बच्चे स्कूल आते हैं उस पर भी बच्चों को इन पांच कमरों में बैठा पाना मुश्किल है।
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यदि 70 से 80 प्रतिशत बच्चे विद्यालय में उपस्थित होने लगे तो बच्चों को बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। कई बार स्कूल में छात्रों के लिए अतिरिक्त कक्ष बनवाये जाने को लेकर विभाग सहित एनसीएल व कलेक्टर से पत्राचार किया गया। लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नही हैं। इसके अलावा विद्यालय परिसर में बाउन्ड्रीवाल न होने से कई अन्य परेशानियों का सामना शिक्षक-शिक्षिकाओं को करना पड़ रहा है।