कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर साधा निशाना, कहा – बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं व डॉक्टर्स की कमी पर सरकार दे जवाब

भोपाल।।मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज मध्यप्रदेश में केंद्रीय गृह मंत्री की उपस्थिति में शिवराज सरकार द्वारा मेडिकल की पढ़ाई को हिंदी में प्रारंभ करने के आयोजन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है, इसका सभी सम्मान करते हैं, हिंदी में पढ़ाई हो इसको लेकर किसी का कभी कोई विरोध नहीं है, हमारा भी विरोध नहीं है लेकिन सरकार यह भी बताएं कि सरकार मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में प्रारंभ करने तो जा रही है लेकिन मध्य प्रदेश में आज स्वास्थ्य सुविधाओं की क्या स्थिति है, डॉक्टर्स की कितनी कमी है, इसको लेकर सरकार ने अभी तक क्या कदम उठाए हैं, क्या इस इवेंट से मध्यप्रदेश में बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं सुधर जाएंगी, क्या जो डॉक्टर्स की कमी है वह दूर हो जाएगी, क्या जो डॉक्टर्स की वर्षों पुरानी मांगे हैं वह पूरी हो जाएगी।

कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश की आबादी के हिसाब से स्वयं मेडिकल काउंसिल की एक रिपोर्ट में यह सच्चाई सामने आई है कि मध्य प्रदेश में डॉक्टरों की भारी कमी है।यदि बात करें प्रदेश में पंजीकृत डॉक्टरों की संख्या करीब 55 हजार है।वही काउंसिल की तरफ से डॉक्टरों के पुनःसत्यापन में यह आंकड़ा आधे के करीब आया है।

यह भी पढ़े – पेंशनर्स के लिए खुशखबरी, बढ़ाई गई पेंशन (Pension) की राशि, आदेश जारी, खाते में आएंगे इतने रुपए


आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में 3500 लोगों पर केवल एक डॉक्टर है जबकि डबल्यूएचओ के मानक के अनुसार 1000 लोगों पर एक डॉक्टर होना चाहिये। वही ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो वहाँ पर तो कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र , कंपाउंडर और नर्स के भरोसे ही चल रहे हैं।ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषज्ञ डॉक्टर की भारी कमी है ,इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों को इलाज कराने के लिए आसपास के शहरी क्षेत्रों के प्राइवेट अस्पतालों में जाना पड़ता है। अभी दूसरे राज्यों की तुलनात्मक बात करें तो अन्य राज्यों में डॉक्टरों की संख्या हमारे यहां से काफी ज्यादा है।वही हमारे यहां से बड़ी संख्या में डॉक्टर अन्य राज्यों की ओर पलायन भी कर रहे हैं, आंकड़े इसके गवाह हैं।उसका कारण है कि हमारे यहां की सेवा शर्तों में कई विसंगतियां है, जिसको ठीक करने की मांग लंबे समय से डॉक्टर्स कर रहे हैं लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है।सरकार की प्राथमिकता यह होना चाहिये।

यह भी पढ़े – WhatsApp update- व्हाट्स एप का यह धांसू अपडेट ,टेलीग्राम भी देखकर चौंक गया 

कमलनाथ ने कहा कि आज हिंदी भाषा को लेकर बढ़-चढ़ कर बात करने वाली शिवराज सरकार यह भी बताएं कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सितंबर-2015 में आयोजित दसवे विश्व हिंदी सम्मेलन में जो घोषणाएं की गई थी, वह अभी तक अधूरी क्यों है, इतने वर्षों बाद भी पूरी क्यों नहीं हुई है। साथ ही बात की जाये तो भोपाल स्थित अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय में वर्ष 2016 में हिंदी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की शुरुआत की गई थी , उसको लेकर भी बढ़-चढ़कर दावे किए गए थे लेकिन बाद में उस कोर्स को बंद क्यों करना पड़ा। सरकार यह भी बताएं कि क्यों इस विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में करने की जो शुरुआत की गई थी, उसे बीच में ही बंद करना पड़ा।

यह भी पढ़े – Satna News : कृषि क्षेत्र में पहचान के लिए जूझती महिलाए-डॉ रश्मि सिंह 

नाथ ने कहा कि इस काम में भी काफी चुनौतियां हैं ,सरकार पहले स्पष्ट करें उन चुनौतियों से निपटने के लिये सरकार ने क्या इंतजाम किए है क्योंकि कई शोध पत्र और पत्रिकाएं अंग्रेजी में प्रकाशित होती हैं। वही बात करे तो प्रतिदिन प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीरें सामने आती है कि कहीं लोगों की इलाज के अभाव में मौत हो जाती है ,कहीं समय पर उन्हें इलाज नहीं मिल पाता है, कहीं डॉक्टर नहीं मिल पाते हैं ,कहीं एंबुलेंस नहीं मिल पाती है। बेहतर हो सरकार पहले उस पर ध्यान दें, बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारें, मृत्यु दर के आँकड़ो को सुधारे, लोगों को समय पर व सही इलाज मिले, उस पर ध्यान दें लेकिन चूँकि शिवराज सरकार का हमेशा से ध्यान इवेंट-आयोजन पर ही रहता है, इवेंट के माध्यम से जनता को गुमराह करने पर रहता है, इसलिए समय-समय पर वह इस तरह के इवेंट आयोजित करती रहती है।

यह भी पढ़े – ये रिश्ता क्या कहलाता है फेम एक्ट्रेस Vaishali Takkar ने लगाई फांसी, कमरे से मिला सुसाइड नोट,जाने क्या है पूरा मामला

पहले चीता इवेंट आयोजित किया और वहीं दूसरी तरफ हम देख रहे है कि प्रदेश में किस प्रकार से गोवंश की लंपी वायरस की चपेट में आकर मौत हो रही है, गौशालाओं व चारे के अभाव में गोवंश सड़कों पर बैठा हुआ है ,जिसके कारण से दुर्घटनाओं में उनकी मौत हो रही है लेकिन सरकार का ध्यान उनकी तरफ नहीं है,  उसका ध्यान तो सिर्फ चीता इवेंट पर है। वैसे ही सरकार का ध्यान मेडिकल की पढ़ाई को हिंदी में करने के इवेंट पर है, उसका ध्यान प्रदेश में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने पर नहीं है, डॉक्टरों की कमी दूर करने पर नहीं है, उनकी माँगो को पूरा करने पर नहीं है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here