सतना,रविशंकर पाठक।। मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के कई वादे करती है, लेकिन मध्यप्रदेश के सतना जिले की ये तस्वीरें कुछ और हकीकत बयान कर रही है।यहां प्राथमिक शाला अतरहार के बच्चे स्कूल भवन में बैठकर पढ़ाई तो कर रहे है, लेकिन हमेशा किसी अनहोनी घटना को लेकर मौत का साया मंडराता रहता है।
क्योंकि भवन की हालत काफी जर्जर है।ये कभी भी गिर सकता है।इसलिए शिक्षक बच्चों को मैदान में बैठाकर पढ़ाना मुनासिब समझते है।सतना जिले की अतरहार गांव में शासकीय स्कूल का ये भवन पिछले सालों से जर्जर अवस्था में है। बिल्डिंग की छत में जगह-जगह बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी है।वहीं एक कमरे की छत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। स्कूल के अंदर जान का खतरा होने के कारण शिक्षकों ने स्कूल को खुले आसमान के नीचे संचालित करना शुरू कर दिया।हाल यह है कि बारिश के दिनों में गीली जगह में ही बैठकर बच्चों को पढ़ाई करना पड़ती है।
जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
स्कूल की हालत देखकर बच्चों के अभिवावक भी अब अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतराने लगे हैं।इस सबके बावजूद जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और शिक्षा विभाग इस ओर ध्यान देना उचित नहीं समझ रहे। जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारी सिर्फ आश्वासन देकर ही खानापूर्ति कर रहे हैं।
यह भी पढ़े – विंध्य की पहली बघेली फिल्म बुधिया का ट्रेलर रिलीज,12 नवम्बर को MP- CG के सिनेमा घरों में होगी रिलीज
आला अधिकारियों को सूचना देने पर भी कोई पहल नहीं
स्कूल के प्रधानाध्यापक ने बताया कि स्कूल भवन की छत जर्जर हालत में है, कभी भी बड़ा हादसा होने का खतरा है। इसके लिए कई बार आला अधिकारियों को सूचना दी गई है। फिर भी कोई पहल नहीं हो पाई है।गौरतलब है कि शासकीय विद्यालय भवन की छत पूरी तरह से जर्जर हो गई है और छपाई कभी भी गिर सकती है।जिसके चलते छात्र कमरे में नहीं बैठते हैं।इस मामले में प्रशासन के जिम्मेदार ध्यान नहीं देते हैं।