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Iran-Israel War: किन शर्तों पर हुआ सीजफायर, कैसे रुकी जंग, क्या ईरान-इजरायल ने मान ली ट्रंप की बात? जानें

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध का आज 12वां दिन है। अमेरिका की कोशिशों के बाद सीजफायर की बातें सामने आ रही हैं। आखिर किन शर्तों पर हुआ सीजफायर और कैसे रुकी जंग, जानें डिटेल्स...

व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बातचीत के जरिए इजरायल और ईरान के बीच युद्ध विराम की मध्यस्थता की, जबकि उपराष्ट्रपति जेडी वेंस सहित उनकी टीम ने तेहरान के साथ बातचीत की। नाम न बताने की शर्त पर युद्ध विराम का विवरण देते हुए अधिकारी ने कहा कि इजरायल ने एक शर्त रखी और कहा कि वे सीजफायर पर सहमत है, उनकी शर्त ये थी कि ईरान नए हमले न करे।

आखिर कैसे हुआ सीजफायर 

अधिकारी ने कहा कि ईरान ने संकेत दिया है कि आगे कोई हमला नहीं होगा। अधिकारी ने कहा कि ईरान के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संचार में वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ शामिल थे। ट्रंप ने सोमवार को पहले कहा था कि इजरायल और ईरान के बीच “पूर्ण और समग्र” युद्ध विराम आने वाले घंटों में लागू हो जाएगा लेकिन कुछ ही देर बाद दोनों पक्षों ने नए हमलों की धमकी दे दी।

इसके बाद ईरान ने अमेरिकी हवाई अड्डे पर मिसाइल दागी, जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ। यह घटना तब हुई जब अमेरिकी बमवर्षकों ने सप्ताहांत में ईरानी भूमिगत परमाणु सुविधाओं पर 30,000 पाउंड के बंकर-बस्टर गिराए। अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी हमलों के तुरंत बाद ट्रम्प ने इजरायल और ईरान के साथ बातचीत का आह्वान किया। अधिकारी ने कहा, “उन्होंने शनिवार रात को अपनी टीम को निर्देश दिया: ‘चलो ईरानियों से फोन पर बात करते हैं।'”ईरान और इजरायल के बीच कैसे हुआ सीजफायर

ट्रंप ने कहा-तुरंत बीबी को बुलाओ

अधिकारी ने ट्रम्प के हवाले से कहा, “‘बीबी को बुलाओ। हम शांति बनाने जा रहे हैं।'” ट्रम्प की टीम ने संघर्ष से पहले के हफ्तों में ईरान के साथ पांच अलग-अलग मौकों पर बातचीत की थी, लेकिन वार्ता तब टूट गई जब ईरान अपनी मांग से पीछे नहीं हटा कि वह यूरेनियम का संवर्धन जारी रखे। ट्रम्प ने गुरुवार को घोषणा की थी कि वह “दो सप्ताह के भीतर” अमेरिकी बल प्रयोग पर निर्णय लेंगे, लेकिन शनिवार दोपहर तक उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका को ईरानी सुविधाओं पर बमबारी करने का आदेश दे दिया था।

क्या ईरान और इजरायल ने मान ली ट्रंप की बात

यदि युद्ध विराम होता है, तो यह अमेरिका की हो रही आलोचना को शांत कर सकता है और ट्रम्प जो खुद को शांतिदूत के रूप में बताना चाहते हैं, उनकी इस ख्वाहिश को भी मजबूत कर सकता है। युद्ध विराम ट्रम्प द्वारा ओवल ऑफिस में की गई बातचीत के एक दिन बाद सामने आया, जिसे ईरान ने यह कहते हुए मान लिया कि इजरायल की तरफ से हमला नहीं किया जाएगा तो हमें भी युद्ध का शौक नहीं है। राष्ट्रपति ने सीधे नेतन्याहू से बात की, जो पूरे संघर्ष के दौरान अधिक अमेरिकी सैन्य भागीदारी के समर्थक रहे हैं।

Soumy Jaiswal

Soumy Jaiswal -: I am a B JMC 3rd semester student. My studies are going on in Indra Gandhi National Tribal University from Amarkantak. I do Video editing

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