सतना,मध्यप्रदेश।। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सतना के सभागार में प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री अजय श्रीवास्तव द्वारा मां सरस्वती एवं महात्मा गांधी के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस मौके पर विशेष न्यायाधीश प्रशांत निगम, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ बद्री प्रसाद पाठक, न्यायाधीश नोरिन निगम, केशवमणि सिंघल, सुधीर मिश्रा, यतीन्द्र गुरु, सचिव पावस श्रीवास्तव सहित न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं अधिवक्तागण उपस्थित थे।
नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ करते हुए प्रधान जिला न्यायाधीश श्री श्रीवास्तव ने कहा कि लोक अदालत वस्तुतः क्षमा का पर्व है, जहां दोनों पक्ष एक दूसरे की गलतियों को क्षमा भाव से नजर अंदाज कर समझौते के साथ अपने प्रकरण का निराकरण करते है। उन्होंने कहा कि हर साल राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से हजारों मुकदमों का निस्तारण किया जाता है। ऐसे में जब भी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाए उसमें लोगों को बढ़-चढ़कर वादों का निस्तारण कराना चाहिए।
आपसी समझौते और दोनों पक्षों की रजामंदी से प्रकरणों के निराकरण से आपसी वैमनस्यता दूर होती है और भाईचारा तथा समाज मे समरसता का माहौल भी बनता है। लोक अदालत मे निराकृत प्रकरणों की कही अपील भी नही होती और पक्षकारों का समय तथा धन भी जाया नही होता। प्रधान जिला न्यायाधीश श्री श्रीवास्तव ने कहा कि लोक अदालत विवादों को समझौते के माध्यम से सुलझाने के लिए एक वैकल्पिक मंच है, इसमें अनेक मामलों के समझौते हो सकते हैं।
लोक अदालत, अदालत के बाहर विवादों के सुलहपूर्ण निपटारे के लिए होती है, जो सभी के लिए फायदेमंद है। इससे हमें आर्थिक बचत भी होती है। उन्होने कहा कि लोक अदालत में शासन के विभिन्न विभागों के अधिकारियों का पूरा सहयोग रहता है। प्रधान न्यायाधीश ने अधिकारियों-कर्मचारियों को लोक अदालत की शुभकामनाएं दी और कहा कि लोक अदालत मे ज्यादा से ज्यादा प्रकरणों का निराकरण कर लोक अदालत को सफल बनाये।