सतना।। एकेएस के कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी संकाय के फैकल्टी अनूप शुक्ला का शोध पत्र प्रकाशित हुआ है।कृषक युवाओं पर सोशल मीडिया का प्रभाव पर उन्होंने तथ्यात्मक पेपर लिखा है।भारत में अगली पीढ़ी को सशक्त बनाना इसका विषय है। उन्होंने बताया की सदियों से कृषि में उल्लेखनीय विकास हुआ है, भविष्य को आकार देने में कृषि युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है।
18 से 35 वर्ष की आयु के युवा व्यक्ति इस क्षेत्र में ऊर्जा, नवाचार और क्षमता का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्हें कृषि में शामिल करना खाद्य सुरक्षा, आर्थिक विकास और टिकाऊ ग्रामीण आजीविका के लिए महत्वपूर्ण निरूपित किया है। अनूप ने कहा की सोशल मीडिया कृषि युवाओं के लिए एक शक्तिशाली उपकरण बन गया है, जो उन्हें ज्ञान का प्रसार करने और निरंतर सीखने की सुविधा प्रदान करने के लिए सशक्त बनाता है। ऑनलाइन समुदाय, जैसे “युवा किसान” सबरेडिट, सहयोगात्मक सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देते हैं।
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सोशल मीडिया की नेटवर्किंग क्षमता कृषि युवाओं को एक साथ लाती है, सहयोग, ज्ञान आदान-प्रदान और सीमा पार कृषि परियोजनाओं के अवसरों को बढ़ाती है। सोशल मीडिया विपणन और प्रचार के लिए एक लागत प्रभावी माध्यम के रूप में भी कार्य करता है, जिससे किसानों को अपनी उपज प्रदर्शित करने और संभावित ग्राहकों के साथ बातचीत करने में मदद मिलती है।
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प्रौद्योगिकी और कृषि के नवाचार और उद्यमों को बढ़ावा दिया है, “एरोफ़ार्म्स” जैसे उदाहरण दर्शाते हैं कि सोशल मीडिया कृषि नवाचार के प्रभाव को कैसे बढ़ा सकता है।जिसमे प्रकाशन जर्नल है- उनका जर्नल एशियन जर्नल ऑफ एग्रीकल्चर एक्सटेंशन, अर्थशास्त्र और समाजशास्त्र खंड 41, अंक क्रमांक 10, आलेख क्रमांक, 105254, 2320-7027 है।उनकी इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने बधाई दी है।