सतना।। एकेएस विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट आफ एग्रीकल्चर के द्वारा इनॉग्रेशन सत्र के बाद की नोट लेक्चर हुए। जिसमें मिलेट्स कल्टीवेशन,कंजप्शन एंड कमर्सलाइजेशन पर डॉ. विशाडा ने व्याख्यान दिया।वह प्रिंसिपल साइंटिस्ट,जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग, आईसीएआर हैदराबाद में कार्यरत हैं। दूसरा की नोट लेक्चर एंटरप्रेन्योरशिप ऑपच्यरुनिटीज कार्यक्रम के दूसरे दिन आईडेंटिफिकेशन एंड कल्टीवेशन ऑफ़ मिलेट्स पर विजिट टू सीड प्रोडक्शन प्लॉट्स, मिलेट्स पोस्ट हार्वेस्ट प्रोसेसिंग, ऑफ़ मिलेट्स, वैल्यू एडिशन ऑफ़ मिलेट्स प्रोडक्ट्स पर प्रैक्टिकल सेशन आयोजित किए गए ।
प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी इन मिलेट्स डॉक्टर स्वर्ण स्वर्ण, साइंटिस्ट ,आईसीएआर आईआईएमआर, हैदराबाद ने जानकारी शेयर की। प्रोडक्शन ऑफ़ मिलेट्स पर डॉ. सुगना, साइंटिस्ट, आईसीएआर ,हैदराबाद ने व्याख्यान दिया। तीसरा लेक्चर वैल्यू एडिशन एंड मार्केटिंग का मिलेट्स पर रहा जिसे डॉ. बी.दयाकार राव, प्रिंसिपल साइंटिस्ट,आईसीएआर आईएमआर हैदराबाद ने प्रस्तुत किया। विद्यार्थियों को कृषि पर क्षेत्र का भ्रमण कराया गया और मोटे अनाजों की उन्नत तकनीकी एवं किस्म का प्रदर्शन भी किया गया जिसमें कोदो, कुटकी,रागी, ज्वार, बाजरा की उन्नत किस्म की विस्तृत जानकारी विषय विशेषज्ञ द्वारा प्रदान की गई ।
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प्राकृतिक खेती के अंतर्गत जीवामृत एवं घन जीवामृत का प्रयोग करके मोटे अनाजों का उत्पादन कैसे करें,आदि की विस्तृत जानकारी डॉ. डी.पी. चतुर्वेदी, सहायक प्राध्यापक के द्वारा दी गई। खरपतवार नियंत्रण, पोषक तत्व प्रबंधन आदि की जानकारी अमित सिंह तिवारी के द्वारा दी गई । मोटे अनाजों में लगने वाले कीट एवं बीमारियों के बारे में विस्तृत जानकारी डॉ. डूमर सिंह के मार्गदर्शन में स्टूडेंट्स ने प्राप्त की। पौध संरक्षण सत्र के प्रतिभागियों को बाजरा के प्रमुख और छोटे कीटों की पहचान, उनकी हानिकारक अवस्था और उनके विभिन्न प्रबंधन तरीकों जैसे सांस्कृतिक, यांत्रिक,जैविक और रासायनिक विधि के बारे में प्रशिक्षित किया गया,
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जो बाजरा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बहुत सहायक हैं, डॉ. रमा शर्मा और डॉ. विष्णु ओमर द्वारा बाजरा फसलों के खरपतवार, कीट और रोग प्रबंधन पर प्रैक्टिकल जानकारी प्रदान की गई।दूसरे दिन के शाम के सत्र का संचालन संतोष कुमार द्वारा किया गया। संपूर्ण जानकारियां अयोध्या प्रसाद पांडे ने शेयर की ।कार्यक्रम में डॉ.नीरज वर्मा, राजबीर सिंह और नवनीत राज राठौर की अहम भूमिका रही।