नई दिल्ली: यूपी में तीसरे चरण के चुनावी ट्रेंड ने बीजेपी को दो चरणों के बाद कुछ राहत दे दी है. सूत्रों की मानें तो पार्टी के आंतरिक सर्वे ने इस चरण में बीजेपी को बढ़त दिखाई है. इसकी मुख्य वजह वोटों का ध्रुवीकरण,
आतंकवाद का मुद्दा और गरीबों को कोरोनाकाला में बांटा जा रहा मुफ्त राशन है. यह राशन महीने में दो बार बांटा जा रहा राशन है, जिससे ग्रामीण इलाके में काफी अच्छे संकेत मिल रहे हैं.
चौथे चरण का चुनाव का प्रचार भी थम गया है और 23 फरवरी को 9 जिलों की 59 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. यह चरण भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि पहले 3 चरणों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के चुनाव हो चुके हैं. अब अवध क्षेत्र और पांचवें, छठे व सातवें चरण में पूर्वांचल की बारी है. इसलिए कहा जा सकता है कि तीसरे चरण के चुनाव के बाद वोटर के ट्रेंड्स सभी राजनीतिक दलों को समझ में आने लगे हैं.
तीसरे चरण के चुनाव से पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने मुफ्त राशन का प्रचार-प्रसार करना शुरू कर दिया. साथ ही अहमदाबाद ब्लास्ट केस में आए फैसले का भी कहीं ना कहीं पार्टी पूरा-पूरा लाभ उठाने की कोशिश कर रही है. कहा जा सकता है अनाज और आतंकवाद के मुद्दे ने तीसरे चरण में भारतीय जनता पार्टी को अच्छी बढ़त दिलाने में सहायक भूमिका निभाई है.
हालांकि इस पर खुलकर बोलने को कोई भी बड़ा नेता राजी नहीं है लेकिन उनका कहना है कि बुंदेलखंड इलाका हमेशा से ही सूखा से प्रभावित रहा है. सपा के शासनकाल में यहां पर हमेशा भूखमरी छाई रहती थी. मगर योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कोरोना काल में भी इस इलाके में किसी को भूख से तड़पने नहीं दिया. इसी वजह से लोग इस बार के चुनाव को लेकर भाजपा के प्रति उत्साह दिखा रहे हैं.
तीसरे चरण का वोटिंग ट्रेंड को देखें तो इस चरण में 16 जिलों की 59 सीटों पर वोट डाले गए. लेकिन इस बार पिछले चुनाव से दो फीसदी कम वोटिंग हुई. वहीं यादव और दलित क्षेत्रों में वोटिंग प्रतिशत में अच्छा खासा इजाफा हुआ है. आने वाले चौथे चरण में अवध और पूर्वांचल का क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण है. हालांकि शुरुआत से पार्टी ने इन इलाकों में काफी मशक्कत की है और लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए मुफ्त राशन बांटे गए.
जिसे लेकर पार्टी को पूरी उम्मीद है कि इन इलाकों में उनके वोटों के प्रतिशत में पिछले चुनाव के मुकाबले अच्छी खासी वृद्धि हो सकती है. अवध और पूर्वांचल क्षेत्र को देखा जाए तो अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, हाईवे, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर यह कार्य ऐसे हैं, जिस पर भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव से पहले ध्यान केंद्रित किया. उद्घाटन और शिलान्यास किए गए और इसका प्रचार-प्रसार भी पूरे चुनाव में किया गया. पार्टी ने सभी कार्यों के उद्धाटन अवसर को इवेंट बनाया और जनता से सीधे रुबरू हुए.
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह का कहना है कि यदि पूर्वांचल और अवध को देखा जाए तो यह समाजवादी पार्टी की सरकार के समय काफी पिछड़े थे. यहां पर विकास कार्य न के बराबर थे. मगर भाजपा ने यूपी में सरकार बनाने के बाद चहुंमुखी विकास किया. पहले की पार्टियां अपने ही निर्वाचन क्षेत्र पर ध्यान दिया करती थीं. उन्होंने कहा कि मायावती की सरकार ने सिर्फ लखनऊ को सजाया. अखिलेश यादव एटा और इटावा में ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते रहे. वहीं योगी सरकार ने पूरे प्रदेश का विकास किया और उन्हें पूरा पूरा विश्वास है कि पहले अपने चरणों की तरह बाकी चरणों में भी लोग भारतीय जनता पार्टी का साथ देंगे।