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88 साल पहले महज इतने रुपये में आती थी दादाजी की साइकिल, इतने में आज पंचर भी नहीं बनता, आप भी देखकर हैरान हो जाएंगे

88 years Old cycle Bill : 88 साल पहले महज इतने रुपये में आती थी दादाजी की साइकिल जितने का आज पंचर भी नहीं बनता सोशल मीडिया पर पुराने बिल काफी वाइरल हो रहे है। एक 1934 का बिल सामने आया है। यह करीब 88 साल पुराना बिल है। यह बिल देखकर लोग पुराने जमाने की बातें याद कर रहे हैं।MP में सबसे तेज और भरोसेमंद खबरों के लिए डाऊनलोड करें सतना टाइम्स ऐप, इस लिंक पर करें क्लिक)

88 साल पुराना बिल
88 साल पुराना यह बिल एक साइकिल स्टोर का है। यह बिल 7 जनवरी 1934 का है। बिल पर दुकान का नाम कुमुद साइकिल वर्क्स लिखा हुआ है। बिल में पता कोलकाता का लिखा हुआ है। इस बिल में साइकिल की कीमत सिर्फ 18 रुपये लिखी है। लोग कह रहे हैं कि आज 18 रुपये में एक चॉकलेट भी नहीं मिलती है और उस समय इतनी कीमत में साइकिल आ जाती थी।

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दादाजी का सपना
88 साल पहले महज इतने रुपये में आती थी दादाजी की साइकिल जितने का आज पंचर भी नहीं बनता सोशल मीडिया पर ‘संजय खरे’ने साझा करते हुए लिखा था- कभी ‘साइकिल’ मेरे दादाजी का सपना रही होगी… साइकिल के पहिए की तरह, वक्त का पहिया कितना घूम चुका है! इसमें साइकिल की कीमत महज 18 रुपये लिखी हुई है। जबकि आज 18 रुपये में चाय-समोसा भी नसीब नहीं होता है। उस समय साइकिल आ जाती थी।

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पुरानी यादे
इस पोस्ट के वाइरल होने से लोगो की पुरानी यादे दुबारा ताजा हो गयी। सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति ने लिखा जून, 1934 का तो मेरे पिताजी का जन्म है। मेरे भी नाती-पोते हो गए हैं। मुझे पिता जी ने 1977 में हिंद-सुपर्ब साइकिल मात्र 240 रुपये की दिलाई थी। बहुत मजबूत साइकिल थी। वहीं, एक यूजर ने लिखा साल 1971 में 85 रुपये में साइकिल खरीदी थी। आज के ज़माने में साइकिल खरीदना तो दूर साइकिल का पंचर भी नहीं बनता इतने रुपयों में।

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JAYDEV VISHWAKARMA

पत्रकारिता में 4 साल से कार्यरत। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक मुद्दों, राजनीतिक, स्वास्थ्य व आमजन से जुड़े विषयों पर खबर लिखने का अनुभव। Founder & Ceo - Satna Times

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