Satna News MP :ऊँचेहरा में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुक्रवार को समापन हुआ। मथुरा वृंदावन धाम से आए कथा व्यास श्री श्री 108 श्री त्रिपुरकर शास्त्री जी महाराज ने व्यासपीठ पर विराजमान होकर भागवत कथा का श्रवण कराया। श्रीमद्भागवत कथा में विभिन्न धार्मिक प्रसंग सुनाए गए। साथ ही भजनों की प्रस्तुति से भक्तगण आत्मविभोर होकर झूम उठे। इसके साथ ही श्रीमद्भागवत कथा का शुक्रवार को समापन हुआ।
भगवान श्रीकृष्ण के वात्सल्य व असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा की गई विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया। इस धार्मिक अनुष्ठान के समापन दिवस पर भगवान श्रीकृष्ण की सर्वोपरि लीला रासलीला, मथुरा गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंसवध, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्तिरस में डुबो दिया। इस दौरान भजन गायकों ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया।
इस कथा में बड़ी संख्या में महिला-पुरूषों भक्तों ने आनंद उठाया। उन्होंने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने को कहा। जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है, इतिहास इसका साक्षी है। कथा के पश्चात आरती की गई व सभी भक्तों ने प्रसाद ग्रहण की।
भागवत कथा के आयोजक सीताराम गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम के अंतिम दिन गुरुवार को सुबह हवन एवं पूर्णाहुति तथा भंडारे का आयोजन आयोजकों द्वारा किया गया। इस भागवत कथा के आयोजक सीताराम गुप्ता, कृष्णकाली गुप्ता, अवनीश गुप्ता, आरती गुप्ता, रजनीश गुप्ता, प्रियंका गुप्ता रहे। इस कथा में बाबूलाल गुप्ता, राजाराम गुप्ता , कृष्ण लाल गुप्ता , और बाल्मिक गुप्ता , बलदेव गुप्ता , राम लाल गुप्ता , राम नारायण गुप्ता ,मुकेश गुप्ता जी शंकर लाल गुप्ता ,सुदर्शन प्रसाद गुप्ता ,संतोष गुप्ता, सृष्टि गुप्ता, श्रेया गुप्ता, ऋषिका,पारष, शिव इत्यादि श्रोतागण उपस्थित रहे।