MP GANESH SINGH SATNA :सतना लोकसभा सीट आखिरकार एक बार फिर भाजपा ने जीत दर्ज कर ली है। विधानसभा चुनाव(assembly election) में हारने वाले गणेश सिंह ने 5वीं बार लोकसभा चुनाव में रिकॉर्ड तोड़ मतों से जीत दर्ज की है।
गणेश सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा को करीब 85 हजार वोटों से हरा दिया है। गणेश सिंह को करीब 4 लाख वोट मिले वहीं सिद्धार्थ कुशवाहा को तीन लाख 30 हजार वोट मिले हैं। वहीं बहुजन समाज पार्टी के नारायण त्रिपाठी को केवल डेढ़ लाख वोटों से ही संतोष करना पड़ा है।
छह माह पहले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2024 में करीब 4200 वोटों से सिद्धार्थ कुशवाहा से हार गए थे। अब लोकसभा चुनाव में गणेश सिंह ने कांग्रेस से अपनी पिछली हार का बदला ले लिया है। जीत के बाद गणेश सिंह ने कहा कि अधूरी योजनाओं को पूरा कराना और नई योजना लाकर सतना संसदीय क्षेत्र को विंध्य क्षेत्र का विकसित बनाना है।
कौन है गणेश सिंह?
गणेश सिंह सतना सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी है। गणेश यहां से लगातार पांचवी बार चुनाव जीत चुके हैं। वह बीजेपी की राज्य इकाई में प्रदेश मंत्री और विधानसभा चुनाव प्रबन्ध समिति के सदस्य रह चुके हैं।
जानिए 2019 के क्या थे नतीजे
सतना की सीट पर लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के गणेश सिंह ने ही जीत हासिल की थी। गणेश सिंह ने कांग्रेस के राजाराम त्रिपाठी को दो लाख 31 हजार मतों से पराजित किया था। गणेश सिंह को 588,753 वोट मिले थे जबकि राजाराम त्रिपाठी को 3,57,280 वोट मिले थे।
2014 में गणेश सिंह ने कांग्रेस के अजय सिंह को हराया था। तब गणेश सिंह को 3,75,288 वोट मिले थे। वहीं अजय सिंह को 3,66,600 वोट मिले थे।
चार बार से है लगातार सांसद, पांचवी बार भी हुई जीत
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की सतना लोकसभा सीट की गिनती महत्वपूर्ण सीटों में होती है। यहां से मौजूदा सांसद गणेश सिंह लगातार चार बार यहां से सांसद चुने गए हैं। इस बार भी भाजपा ने उन पर भरोसा जताया था और वे उस पर खरे उतरे। कांग्रेस से उन्हें इस बार कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन अंतत: सीट भाजपा की झोली में गई।
कैबिनेट में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी!
गणेश सिंह लगातार चार बार से सतना लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं। और फिर पांचवी बार भी कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा को 84490 से मात दी है, साथ ही ओबीसी के बड़े चहरे माने जाते है। ऐसे में यह माना जाता है कि इतने वोटों से जीतने के बाद कैबिनेट में जगह मिलना लगभग तय है।