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टंट्या मामा पर फिल्म बनाना चाहते हैं दिग्विजय सिंह, सीएम मोहन यादव से मदद माँगने को नेता प्रतिपक्ष को सौंपा प्रस्ताव

भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने राज्य के आदिवासी युवाओं को बढ़ावा देने और आदिवासी नायकों ...

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| सतना टाइम्स

भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने राज्य के आदिवासी युवाओं को बढ़ावा देने और आदिवासी नायकों की कहानियों को सामने लाने के लिए एक बड़ा प्रस्ताव तैयार किया है। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के आदिवासी नायक टंट्या मामा भील के जीवन पर फिल्म बनाने की पहल की है।

उमंग सिंघार को मिला ज़िम्मा

दिग्विजय सिंह गुरुवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के बंगले पहुँचे और उन्हें इस फिल्म का प्रस्ताव सौंपा। सिंह ने सिंघार से अनुरोध किया कि वे मुख्यमंत्री मोहन यादव से समय माँगे और इस फिल्म के निर्माण में सरकारी मदद दिलाने की मांग करें।

दिग्विजय सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि फिल्म में लेखन, अभिनय और निर्माण सहित सभी काम प्रदेश के आदिवासी युवक-युवतियों द्वारा ही किए जाएंगे। उन्होंने याद दिलाया कि इससे पहले भी इन युवाओं ने ‘जंगल सत्याग्रह’ नामक फिल्म का निर्माण किया था।

अन्य आदिवासी नायकों पर भी फिल्म बनाने की मांग

टंट्या मामा पर फिल्म के अलावा, दिग्विजय सिंह ने भविष्य में अन्य प्रमुख आदिवासी नायकों पर भी फिल्म निर्माण की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि टंट्या मामा के बाद रघुनाथ शाह, शंकर शाह और फिर रानी दुर्गावती पर भी फिल्में बननी चाहिए।

आरक्षण और घपले पर सरकार को घेरा

उमंग सिंघार से मुलाकात के बाद दिग्विजय सिंह ने सरकार और आरएसएस पर भी निशाना साधा:

  • ओबीसी आरक्षण पर वार: सिंह ने आरएसएस और बीजेपी को आरक्षण विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि मंडल कमीशन का आरएसएस ने विरोध किया था और पूरा आंदोलन किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी की नियुक्तियों में “अपर कास्ट को बैठाया गया है और वे सारे भ्रष्टाचार कर रहे हैं।”
  • जैविक कपास घोटाला: दिग्विजय सिंह ने देश और मध्य प्रदेश में जैविक कपास (Organic Cotton) में हजारों करोड़ के घपले का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अनऑर्गेनिक कपास को जैविक बताकर खरीदा जा रहा है, जिससे देश की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनामी हो रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी इस घपले को स्वीकार कर चुके हैं, जिसके बाद 300 सर्टिफिकेशन एजेंसियों के लाइसेंस निलंबित किए गए थे, लेकिन बाद में सभी को बहाल कर दिया गया।

यह देखना होगा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव इस आदिवासी केंद्रित फिल्म परियोजना को कितनी मदद और समर्थन देते हैं।


प्रांशु विश्वकर्मा, ग्राफिक डिजाइनर, वीडियो एडिटर और कंटेंट राइटर है।जो बिजनेश और नौकरी राजनीति जैसे तमाम खबरे लिखते है।... और पढ़ें