Maihar News :श्रीमानसपीठ खजुरीताल में लगा भक्तों का तांता

श्रीमानसपीठ खजुरीताल में लगा भक्तों का तांता* • पादुकापूजन,हनुमतगाथा व राजा हरिश्चंद्र नाटक कार्यक्रम संपन्न
Photo credit by satna times

मैहर, मध्यप्रदेश।। पुरातन धार्मिक केंद्र श्रीमानसपीठ खजुरीताल धाम में श्रीमानसपीठ पाटोत्सव तृतीय दिवस प्रभात बेला में पादुका पूजन कार्यक्रम धूमधाम से संपन्न हुआ। जिसमें प्रमुख रूप से कमलेश शुक्ला,अजय तिवारी,रामकुमार सिंह बघेल व विनोद द्विवेदी शामिल रहे।शायंकालीन बेला में हनुमतगाथा का शुभारंभ करते हुए पाटोत्सव के आयोजक श्रीमानसपीठाधीश्वर जगद्गुरू श्रीरामललाचार्य जी महराज ने कथाव्यास गद्दी का पूजन किया।

श्रीमानसपीठ खजुरीताल में लगा भक्तों का तांता*• पादुकापूजन,हनुमतगाथा व राजा हरिश्चंद्र नाटक कार्यक्रम संपन्न
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हनुमतगाथा सुनाते हुए कथाव्यास ब्रह्मर्षि डाॅ. रामविलास दास बेदांती जी महराज ने बताया की श्री हनुमान जी महाराज को अंगारा वंश के ऋषियों ने श्राप दे दिया था की तुम अपनी शक्तियों को भूल जाओगे। अगस्त्य ऋषि से श्री वाल्मीकि ने पूछा कि इतना बड़ा विद्वान,इतना बड़ा ज्ञानी,इतना बड़ा बलवान,इतना सब कुछ होने के बाद भी जब सुग्रीव बाली के डर से भाग रहा था, तब हनुमान जी सुग्रीव के पीछे पीछे भाग रहे थे। तब श्री हनुमान जी ने बताया की मैंने प्रतिज्ञा की थी अगर प्रभु श्रीराम का आदेश हो जाए तो मैं लंका के संपूर्ण राक्षसों का विनाश करके अकेले माता जानकी को अपने साथ ले जाकर प्रभु के चरणों में समर्पित कर दूँगा।



अगर मैं चाहूं तो रावण को मारकर के माता जानकी को ले जा सकता हूँ।तब माता जानकी ने कहा की नहीं हनुमान अगर तुमने ऐसा किया तो रावण को मारने का फल तुमको मिलेगा, ना की मेरे प्रभु को, इसलिए तुम रावण को मत मारो। ऐसे हनुमान जी का जन्म कहाँ हुआ और कैसे हुआ भगवान सूर्य ने समेरु नामक पर्वत को वरदान दिया था की तुम स्वर्णमय हो जाओ, भगवान सूर्य के वरदान के प्रभाव से जब सुमेरु पर्वत स्वर्णमय हो गया। वहीं सुमेरु पर्वत में केसरी नाम के महाकपि जो हनुमान जी महाराज के पिता जी थे वहीं पर राज्य करते थे, वहीं पर जामवन्त जी ने किष्किन्धा कांड में हनुमान जी के बल का ज्ञान बताया। डाॅ बेदांती जी महराज ने बताया कि 10 लाख वर्ष तक जीवित रहने पर भी हनुमान जी की मृत्यु नहीं होगी। देवताओं के गुरु बृहस्पति केवल 5 व्याकरण के ज्ञाता हैं जबकि श्री हनुमान जी 9 व्याकरण के ज्ञाता हैं।
‘हनुमान हमारे आंगन
कब आओगे कब आओगे
दो नैना तरसे दर्शन को
हनुमान हमारे आगन
कब आओगे
कब आओगे’

अंत में पाटोत्सव के तृतीय दिवस रात्रिकालीन बेला में सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ। जिसमें आंजनेय कला मंडल,घुईसा सव्य सिंधु राजा हरिश्चंद्र नाटक की भव्य प्रस्तुति दी गई। इस दौरान दर्शकों में काफी उत्साह देखने को मिला। नाटक का ग्रामवासियों के साथ साथ हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं व भक्तगणों ने कार्यक्रम आनंद लिया। इस दौरान मैहर विधायक श्रीकांत चतुर्वेदी,संस्कृति महाविद्यालय रीवा के प्रधानाचार्य बलराम पाण्डेय,डॉक्टर आरएन पाण्डेय,आयोध्या से महंत श्री वैदेही शरण,परम प्रिय सतेंद्र दास जी महाराज प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
खजुरीताल धाम के अखिलेश दास जी महाराज ने सभी भक्तगणों से पाटोत्सव कार्यक्रम में पहुंचकर हनुमतगाथा का रसपान करते हुए साधू संतों का आशीर्वाद प्राप्त करने का अनुग्रह किया है।

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