भोपाल। मध्य प्रदेश में गिद्धों के संरक्षण और संख्या बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत वन विभाग ने तीन दिन तक गिद्धों की गणना कराई है। 16 फरवरी से शुरू गणना रविवार को पूरी हो गई है। मध्य प्रदेश के मंदसौर में 850, रीवा में 648, सतना में 500 गिद्ध मिले हैं। इसी तरह वन विकास निगम बरघाट डिवीजन क्षेत्र में लगभग 50 इजिप्शियन गिद्ध पाए गए हैं। देवास जिले के एकमात्र गिद्ध आवास स्थल उदयनगर क्षेत्र की पटाड़ीपाला में 10 गिद्ध मिले हैं। शाजापुर-आगर जिले में अब तक 14 गिद्ध दिखे। वहीं, ग्वालियर में 200 गिद्ध मिले हैं।
राष्ट्रीय उद्यान वन विहार भोपाल की डायरेक्टर पद्मप्रिया बालकृष्णन ने बताया कि गिद्ध सर्वे को पहली बार तीन दिन तक चलाया गया है। सभी डिवीजन से डाटा राज्य स्तर पर एकत्र कर दो दिन में जारी किया जाएगा। सतना जिले की रामनगर तहसील में गिद्धहा पहाड़ है, सबसे अधिक प्रजाति के गिद्ध इसी पहाड़ पर पाए गए हैं। समूची दुनिया में गिद्धों की 23 प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें से भारत वर्ष में नौ प्रजातियां हैं।
यहां जिन प्रजातियों के गिद्ध मिले हैं, उनमें यूरासियन ग्रिफोन, हिमालयन ग्रिफोन और संरियस वल्चर, इजिप्सन या स्केवेंजर वल्चर, व्हाई बैक्ड वल्चर, इंडियन वल्चर या लाग बिल्ड वल्चर (भारतीय या देशी गिद्ध), किंग वल्चर, रेड हैडेड वल्चर शामिल हैं।
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बता दें कि वर्ष 2021 की गणना में 9,805 गिद्ध मिले थे। इसके पहले 2019 की गणना में 8,397 गिद्ध मिले थे। 2019 से 2021 गिद्ध बढ़े थे। गिद्ध मिलने से वन विभाग को अनुमान है कि इस बार गिद्धों की संख्या में पिछले वर्ष के मुकाबले बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे। बता दें कि देश में मध्य प्रदेश ही एकमात्र राज्य है जहां गिद्धों की गणना कराई जाती है।