Pakistan : ऐसी खबर कभी-कभी आती है मगर आती जरूर है,खबर पढ़ आपको हैरानी होगी क्योंकि हुआ ऐसा है की आतंकियों के गढ़ कहे जाने वाले पाकिस्तान में बड़ा आतंकी हमला हुआ है जिसमें सात सुरक्षाकर्मियों की मौत होगई है.
Pakistan : आतंकियों के गढ़ में आतंकी हमला
दरअसल, शुक्रवार 9 अगस्त को पाकिस्तान मे अशांत खैबर पख्तूनख्वा में एक सुरक्षा चौकी पर पाकिस्तानी तालिबान से जुड़े आतंकियों ने हमला कर दिया. इस हमले में साथ पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मीयों की मौत हो गई है साथ ही अन्य सुरक्षाकर्मी घायल हो गए हैं. इस हमले पर अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर स्थित तिराह घाटी में यह हमला हुआ.
Iran strikes Pakistan :ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में कोह-सब्ज क्षेत्र में बलूच विद्रोहियों के ठिकानों को निशाना बनाया है। इस हमले में दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए।
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इस बीच ईरान के हमले पर पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान ने बलूचिस्तान प्रांत में किए गए हमले के जवाब में ईरान को गंभीर परिणाम के भुगतने की चेतावनी दी है।
ईरान के प्रभारी को किया तलब
विदेश कार्यालय ने बताया कि पाकिस्तान ने ईरान के प्रभारी को तलब किया है। साथ ही ईरान द्वारा किए गए हमले की कड़ी निंदा की है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि ईरान द्वारा हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया गया है। पाकिस्तान अपनी संप्रभुता के उल्लंघन का जोरदार विरोध करता है। यह हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
सभी देशों के लिए आतंकवाद एक साझा खतरा है- पाकिस्तान
विदेश कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा कहा है कि सभी देशों के लिए आतंकवाद एक साझा खतरा है, जिसके लिए कार्रवाई की जरूरत है। विदेश कार्यालय ने कहा कि इस तरह के एकतरफा कृत्य अच्छे पड़ोसी संबंधों के अनुरूप नहीं हैं और यह द्विपक्षीय विश्वास को गंभीर रूप से कमजोर कर सकते हैं।
जैश अल अदल के दो ठिकानों को नष्ट किया
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान ने पाकिस्तान में बलूच विद्रोही समूह जैश अल अदल के दो ठिकानों को नष्ट कर दिया है। यह समूह ईरान के दक्षिण-पूर्व में सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत के रस्क शहर में पुलिस स्टेशन पर हमले के लिए जिम्मेदार है। इस हमले में 11 पुलिसकर्मी मारे गए थे।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में इन दिनों राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। फरवरी 2023 में यहां चुनाव होने हैं। पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इसका एलान भी कर दिया है। वहीं इसी बीच पूरे पाकिस्तान में इंटरनेट ठप होने की खबर आ रही हैं। वहीं इससे पहले दावा किया गया कि भारत का मोस्टवांटेड अपराधी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को किसी ने जहर दिया है। इसके बाद उसे कराची के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालात नाजुक बताई जा रही है।
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हालांकि अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं
हालांकि दाऊद को जहर दिए जाने की खबर की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन सोशल मीडिया पर उसे जहर दिए जाने की बातें की जा रही हैं। वहीं इसी बीच पाकिस्तान के कई हिस्सों में इंटरनेट बंद होने की खबरें आने लगीं। इसे कुछ लोगों ने दाऊद वाली खबर से भी जोड़कर देखा। हालांकि बताया जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार ने यह कदम इमरान खान की होने वाली वर्चुअल रैली को लेकर उठाया था।
जानकारी के अनुसार, रविवार रात को पूरा प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की एक रैली होने वाली थी। यह रैली वर्चुअल होनी थी। सरकार को आशंका थी कि इससे देश में कई जगह माहौल बिगड़ सकता है। इसलिए इमरान खान की रैली से ठीक पहले इंटरनेट बंद कर दिया गया, जिससे लोग इस रैली से जुड़ ही नहीं पायें। हालांकि कई जगहों पर नेट स्लो किया गया, जिससे इस रैली को स्ट्रीम करने में काफी दिक्कत हुई।
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, रविवार रात आठ बजे के बाद से लाहौर, कराची और इस्लामाबाद समेत कई शहरों में कई सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को एक्सेस करने में दिक्कत हुई। इसके अलावा कई जगहों इंटरनेट ना चलने की भी शिकायत की गई। हालांकि इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। हालांकि इसे लेकर सरकार या दूरसंचार विभाग की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई।
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की कानून टीम ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में सत्र अदालत के फैसले को रद्द करने की अपील न करके बड़ी गलती की, जिसके चलते उच्च न्यायालय के उनकी तीन साल की कैद की सजा पर रोक लगाने के बावजूद वह जेल में हैं। देश के एक शीर्ष वकील ने बुधवार को यह बात कही। वहीं, कानून विशेषज्ञों के मुताबिक, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के 70 वर्षीय अध्यक्ष इमरान अटक जेल में बंद हैं और आगामी आम चुनाव नहीं लड़ सकते, क्योंकि तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में उनकी दोषसिद्धि और अयोग्यता बरकरार है।
इमरान खान, पूर्व पीएम पाकिस्तान
अधिवक्ता फैजल सिद्दिकी ने कहा, ‘‘इमरान की कानून टीम ने सत्र अदालत के पांच अगस्त के फैसले को रद्द करने की अपील न करके बड़ी गलती की। उसने केवल पूर्व प्रधानमंत्री की सजा पर रोक लगाने और उन्हें जमानत पर रिहा करने की अपील की।’’ ‘‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’’ अखबार ने सिद्दिकी के हवाले से लिखा, ‘‘अगर सत्र अदालत के फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया गया होता, तो इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मामले के गुण-दोष पर व्यापक चर्चा की होती। इसके अलावा, अगर सत्र अदालत का फैसला रद्द कर दिया गया होता, तो इमरान आगामी चुनाव लड़ सकते थे।’’ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की पीठ ने बुधवार को इमरान की सजा पर रोक लगाते हुए पंजाब प्रांत की अटक जेल से उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था।
उच्च न्यायालय के संक्षिप्त आदेश पर टिप्पणी करते हुए अधिवक्ता हाफिज अहसान अहमद ने कहा कि फैसला असामान्य या अभूतपूर्व नहीं है, क्योंकि सजा पर रोक की पूरी संभावना थी। उन्होंने समझाया, “सजा पर रोक का फैसला कभी भी मामले के गुण-दोष के आधार पर नहीं होता है। रोक का एक आधार उच्च न्यायालय में मुख्य अपील को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने में देरी, जबकि दूसरा आधार सजा का पांच साल से कम होना हो सकता है। इस मामले में, सजा तीन साल की थी।” ‘‘जियो न्यूज’’ ने अहमद के हवासे से कहा कि क्रिकेटर से नेता बने इमरान की दोषसिद्धि और अयोग्यता बरकरार रहेगी। इस्लामाबाद की सत्र अदालत ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में इमरान को पांच अगस्त को तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी। इमरान को वर्ष 2018 से 2022 के बीच प्रधानमंत्री पद पर कार्यकाल के दौरान उन्हें और उनके परिवार को मिले राजकीय उपहारों को गैरकानूनी रूप से बेचने के आरोप में दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई गई थी। (भाषा)
पाकिस्तान की सरकार ने भारत से कहा है कि वह सीमा हैदर के बारे में आ रही खबरें को सत्यापित करे। इसके साथ ही सरकार ने भारत से यह भी पूछा है कि वह ठीक है या नहीं। पाकिस्तान की सरकार की तरफ से सीमा को काउंसलर एक्सेस मुहैया कराने के लिए भी कहा है। सीमा हैदर का मामला अब धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है। पिछले करीब 10 दिनों में यह पहला मौका है जब पाकिस्तानी सरकार की तरफ से कोई एक्शन लेने की बात कही गई है। फिलहाल विदेश विभाग ने कहा है कि उसे अभी भारत की तरफ से जवाब का इंतजार है।
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सीमा बोली-मैं हिंदू, अब भारत में ही रहना
चार जुलाई को सीमा को बिना वीजा के नेपाल के रास्ते भारत में दाखिल होने की वजह से गिरफ्तार कर लिया गया था। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं। सीमा को साल 2019 में पबजी पर भारत के सचिन मीणा से प्यार हो गया था। उसके पाकिस्तानी पति गुलाम हैदर ने भी भारत सरकार से सीमा को पाकिस्तान वापस भेजने की बात कही है। सीमा के पति का कहना है कि उन्हें उनके बच्चे भी वापस चाहिए। वहीं उसका कहना है कि वह पाकिस्तान वापस नहीं जाएंगी। उनका कहना है कि उन्होंने पूरे दिल से भारतीय संस्कृति को अपना लिया है और अब अपने बच्चों के साथ भारत में ही रहेंगी।
पहले पति से लव मैरिज सीमा पाकिस्तान के सिंध के खैरपुर मीर जिले के कोट दीजी के एक गांव से है। जबकि गुलाम हैदर सिंध के जैकोबाबाद जिले के तालुका गढ़ी खैरो के एक गांव के रहने वाले हैं। हैदर ने बताया कि सीमा और उनका प्रेम विवाह था। सीमा के माता-पिता की अस्वीकृति के कारण निकाह के तुरंत बाद वे कराची में रहने लगे थे। हैदर साल 2019 से सऊदी अरब में एक मजदूर के रूप में काम कर रहे हैं। हैदर ने यह भी बताया कि उसने सऊदी अरब जाने के लिए पासपोर्ट बनवाया था, लेकिन वह बच्चों को लेकर हिंदुस्तान पहुंच गई।
नेपाल के रास्ते पहुंची भारत बताया जा रहा है कि सीमा और सचिन की मुलाकात साल 2019 में पबजी पर हुई थी। सीमा पाकिस्तान से दुबई गई, फिर दुबई से नेपाल और यहां पर पहली बार सचिन से उसकी मुलाकात हुई। नेपाल के रास्ते वह भारत आई। सीमा के पति ने यह भी बताया कि उसने सऊदी अरब जाने के लिए पासपोर्ट बनवाया था, लेकिन वह बच्चों को लेकर हिंदुस्तान पहुंच गई।