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  • आधुनिक खेती में ड्रोन तकनीक की अहम भूमिका : डॉ. विष्णु ओमर

    सतना,मध्यप्रदेश।। भारत देश की बढ़ती हुई जनसंख्या, आधुनिक उद्योगों की स्थापना बड़े-बड़े एक्सप्रेसवे का बनाया जाना एवं कृषि की जमीन पर बड़े-बड़े शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, भवनों का निर्माण इत्यादि के कारण खत्म होती जा रही है। जिसके कारण भविष्य में अन्न के उत्पादन में कमी का संकट उत्पन्न हो सकता है, जिसको ध्यान में रखते हुए दिन प्रति दिन देश में खेती करने के तरीके को बहुत हाईटेक करना होगा। कृषि क्षेत्र में ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग निरंतर बढ़ता जा रहा है।

    किसान अभी तक जुताई बुवाई और अन्य कृषि कार्य जैसे सिंचाई, निराई, गुड़ाई, कटाई के लिए अत्याधुनिक कृषि यंत्रों जैसे सीड ड्रिल,बेलर,सेंसरयुक्त हैप्पी सीडर मल्चर मशीन, ड्रिलिंग मशीन, कंबाइन हार्वेस्टर इत्यादि का उपयोग करते आ रहे हैं। भारत में उन्नत कृषि की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए इन्हीं तकनीकों में ड्रोन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है तथा भविष्य में इसकी और भी उपयोगिता हमारे मध्यम वर्ग के किसान भाइयों द्वारा प्रयोग की जाएगी। ड्रोन के उपयोग हेतु संस्थानों को कृषि मत्रांलय सहायता राशि भी प्रदान करेगा।

    अत्याधुनिक कृषि यंत्रों का मानव रहित विमान (ड्रोन) को बैटरी की मदद से रिमोट कंट्रोल द्वारा चलाया जाता है। ड्रोन को जिस भी दिशा में चाहे रिमोट की मदद से घुमाया और स्थिर भी रखा जा सकता है ड्रोन में चार पंखे लगे होते हैं जिसकी मदद से यह आसानी से उड़ सकता है। ड्रोन एक फ्लाइंग डिवाइस है जो एक ऑटो पायलट और जीपीएस निर्देशक की मदद से पूर्व निर्धारित निर्देशों के साथ उड़ान भर सकता है। ड्रोन के मुख्य भाग जैसे ड्रोन प्रोपेलर या पंखे, मोटर, बैटरी, जीपीएस सेंसर, सिगनल रिसीवर, फ्लाइंग कंट्रोलर आदि हैं। ड्रोन के चलाने के लिए कुछ ग्राउंड सेट अप जैसे कम्युनिकेशन बॉक्स, रिमोट कंट्रोलर, लैपटॉप इत्यादि की आवश्यकता होती है। ड्रोन के प्रमुख अनुप्रयोग क्षेत्र जैसे की रक्षा क्षेत्र में,कृषि क्षेत्र में, खोज एवं बचाव, मनोरंजन एवं चल चित्र, वन्य जीव आकलन, स्वास्थ्य सुरक्षा,आपदा प्रबंधन, सुरक्षा एवं कानून अनुपालन में बहुतायत से प्रयोग किया जा रहा है।



    वैज्ञानिक तरीके से ड्रोन को वर्गीकृत किया जा सकता है जैसे उड़ने की ऊंचाई के आधार पर ,आकार के आधार पर,वजन उठाने की दक्षता के आधार पर क्षमता एवं पहुंच के आधार पर परंतु ड्रोन को मुख्य रूप से इस की वायु गति के आधार पर दो प्रकार में वर्गीकृत किया गया है-घूमने वाले पंख, स्थिर पंख, ड्रोन में दो प्रकार का कंट्रोल सिस्टम होता है। इसमें पहला ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन तथा दूसरा रिमोट कंट्रोल स्टेशन होता है जो कि लैपटॉप के द्वारा या पर्सनल फोन के द्वारा ऑपरेट किया जाता है लैपटॉप या पर्सनल फोन के साथ ड्रोन को कनेक्ट किया जाता है जिसकी सहायता से हम ड्रोन को कब, कहां, कितनी स्पीड और कितनी ऊंचाई पर उड़ा सकते हैं। ड्रोन में एक टेलीमीटरी सिस्टम का एंटीना लगा होता है जिसके द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी ड्रोन के कंटोल सिस्टम में चली जाती है। इसके तीन भाग होते हैं प्रपोसन सिस्टम,फ्लैट कंट्रोल यूनिट,पॉवर सिस्टम प्रपोसन सिस्टम का उपयोग प्रोपेलर ड्रोन को उड़ने में मदद करता है।

    फ्लैट कंट्रोल यूनिटः इसका उपयोग ड्रोन को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है इसके अंदर बैरोमीटर, एक्सलोमीटर एवं पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड लगा होता है जो कि मोटर को पॉवर की आपूर्ति करता है ड्रोन की चक्कर लगाने की क्षमता और उड़ने की ऊँचाई अंदर लगी मदर बोर्ड और माइक्रोचिप के द्वारा कंट्रोल की जाती है। जी पी एस सिस्टम की मदद से ड्रोन की स्थिति का आकलन किया जाता है साथ ही साथ ड्रोन को लैंड कराने में भी मददगार होता है। ड्रोन को पॉवर की आपूर्ति के लिए लिथियम की बैटरी लगी होती है जिसकी क्षमता सोलह हजार यम ए यच या 22.5 वोल्ट की होती है जो कि 15 से 20 मिनट तक का फ्लाइंग टाइम आसानी से पूरा कर लेता हैं। पॉवर कनेक्ट करने के बाद जी पी यस और पॉवर लॉक सिस्टम को चेक किया जाता है कि इसमे कोई त्रुटि तो नहीं है इसके बाद टेली मीटरी सिस्टम को कनेक्ट करते है। यह सिस्टम की क्षमता लगभग 5 गीगाहर्टज से कनेक्ट कर देते है, तत्पश्चात प्रोग्रामिंग के द्वारा लोकेशन सेट करते है ड्रोन को हम दो प्रकार से उड़ा सकते है-ऑटो पायलट मोड,मैन्युअल मोड प्रमुख हैं।आधुनिक कृषि में ड्रोन का उपयोग कृषि प्रबंधन में ड्रोन के उपयोग की असीम संभावनाएं हैं जैसे अत्यधिक बारिश के कारण बाढ़से ख़राब हुई फसलों, सूखा, ओलावृष्टि के कारण फसलों में हुए नुकसान का पता लगाने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।

    पौधों एवं फसल में लगी हुई बीमारियों आदि का पता लगाने में ड्रोन का प्रयोग बहुतायत हो रहा है। कृषि उपयोग में लाए जाने वाले उर्वरक, कीटनाशक आदि की मात्रा में कमी लाने में।ड्रोन में लगे हुए विभिन्न प्रकार के स्मार्ट सेंसर के माध्यम से पौधों में पोषक तत्वों की स्थिति, मृदा में नमी की मात्रा आदि का पता आसानी से लगाया जा सकता है।ड्रोन का प्रयोग करके किसान भाई अपनी आय को दोगुनी तक कर सकते हैं।ऊँचाई वाली फसलों जैसे गन्ना,ज्वार,बाजरा, आदि पर कीटनाशकों का छिड़काव आसानी से ड्रोन की मदद से किया जा सकता है।ड्रोन में लगे उच्च क्षमता वाले मल्टी स्पेक्ट्रम कैमरों की मदद से फसलों की इमेज आसानी से ली जा सकती है।ड्रोन का उपयोग करके फसलों का हवाई सर्वेक्षण आसानी से किया जा सकता है। ड्रोन के इस्तेमाल से देश के ग्रामीण इलाकों में बेरोजगार युवाओं के लिए नौकरियां पैदा की जा सकती हैं।ड्रोन की मदद से माइक्रो और मैक्रो (न्यूट्रिएंट) उर्वरक का फसलों पर छिडकाव आसानी से किया जा सकता है ।

    ड्रोन की आवश्यकता पर चर्चा करते हुए डॉ.ओमर ने बताया कि ड्रोन की मदद से कठिन से कठिन कार्य आसानी से मजदूरों की कमी और निश्चित समय सीमा पर सुरक्षित तरीके से किया जा सकता है यह तकनीक किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। ड्रोन विमान संचालन के कुछ नियम हैं जैसे भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने ड्रोन के अनुप्रयोग हेतु मानक संचालन प्रक्रिया के नियम एवं दिशा निर्देश जारी किया है जो कि ड्रोन संचालन के लिए अति आवश्यक है। ड्रोन को उड़ाने हेतु एस.ओ. पी. में शामिल ड्रोन का पंजीकरण, उड़ान की अनुमति, वजन, भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में उड़ाने का प्रतिबंध, सुरक्षा बीमा, मौसम की स्थिति, हवाई उड़ान का क्षेत्र आदि शामिल है हालांकि ड्रोन को 120 मीटर से कम ऊंचाई पर उड़ान भरने के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है।ड्रोन उपयोग में कुछ बाधाएं भी हैं। अत्यधिक मूल्य होने के कारण छोटे एवं मध्यम वर्ग के किसानो को ड्रोन को खरीदने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है जिससे यह वर्ग इसके उपयोग से वंचित हो जाते हैं।

    किसानों को वैज्ञानिक प्रशिक्षण या ड्रोन के बारे में तकनीकी जानकारी ना होने से भी ड्रोन के संचालन में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।स्थानीय बाजारों में ड्रोन के सर्विस सेंटर ना होने के कारण तकनीकी खराबी आ जाने के कारण इसे दूर दराज के शहरों में ले जाकर ठीक करने भी कठिनाई एवं समय की भी बर्बादी होती है। ड्रोन संचालन के लिए परमिशन की आवश्यकता का होना। कुल मिलाकर ड्रोन तकनीकी आज के लिए वरदान है।

  • एकेएस विश्वविद्यालय के प्राध्यापक अनूप शुक्ला ने कृषि क्षेत्र पर लिखा महत्वपूर्ण अध्याय

     

    Satna News :एकेएस विश्वविद्यालय, सतना के कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संकाय के प्राध्यापक अनूप शुक्ला ने कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने “एलाइड एग्रीकल्चर: इमर्जिंग ट्रेंड्स एंड टेक्नोलॉजी” शीर्षक पुस्तक में “एग्रीकल्चर कैपेसिटी बिल्डिंग: एंपावरिंग फार्मर्स” विषय पर एक महत्वपूर्ण अध्याय का लेखन किया है।

    उनका यह अध्याय कृषि क्षेत्र में क्षमता विकास और किसानों के सशक्तिकरण की दिशा में प्रभावी भूमिका निभाएगा। विश्वविद्यालय प्रबंधन एवं कृषि संकाय ने अनूप शुक्ला को इस उपलब्धि पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं।

     

  • नेशनल वीमेन स्टूडेंट पार्लियामेंट 2024-25 में एकेएस यूनिवर्सिटी की छात्राओं की शानदार सहभागिता

    सतना।। तृतीय एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी द्वारा नेशनल वीमेन स्टूडेंट पार्लियामेंट 2024 25 का आयोजन 2 से 4 अप्रैल के बीच किया गया। आयोजित महिला छात्र संसद के ऐतिहासिक छात्र सम्मेलन में एकेएस विश्वविद्यालय सतना से अनुपमा पटनहा,सुधीक्षा सिंह बघेल एवं अनु कुमारी ने विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करते हुए पूरे देश के सर्वश्रेष्ठ वक्ताओं में स्थान प्राप्त कर सम्मानित होने का गौरव प्राप्त किया।

    सतना

    उन्होंने एंपावरिंग वॉयस शेपिंग फ्यूचर्स विकसित भारत विषय पर व्याख्यान देकर सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया। यह उपलब्धि एसएसडी विभाग में पदस्थ एसि. प्रो.प्रतीक निगम के मार्गदर्शन मे अर्जित की है। एसएसडी फैकल्टी निगम ने यह भी बताया कि इसका उद्देश्य भविष्य में भारत के आगामी महिला छात्र नेताओं को देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार करना है । आयोजन सेंचुरियन यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, उड़ीसा में आयोजित हुआ। स्टूडेंट्स की सहभागिता एवं उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रति कुलपति डॉ. हर्षवर्धन,प्रो.आर.एस.त्रिपाठी ने हर्ष व्यक्त करते हुए अनुपमा पटनहा, सुधीक्षा सिंह बघेल एवं अनु कुमारी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

     

  • एकेएस यूनिवर्सिटी की एमबीए स्टूडेंट छाया मिश्रा का बव्या हेल्थ सर्विसेज में एचआर एग्जीक्यूटिव पद पर कैंपस चयन

    सतना।। एकेएस यूनिवर्सिटी की मैनेजमेंट स्टूडेंट छाया मिश्रा का चयन त्रिस्तरीय चयन प्रक्रिया में हिस्सा लेने और सफलतापूर्वक उसे पार करने के बाद हुआ है। उनका सिलेक्शन शानदार पैकेज के साथ विजयवाड़ा क्षेत्र के लिए हुआ है। छाया मिश्रा को बव्या हेल्थ सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में एचआर एग्जीक्यूटिव का पद ऑफर हुआ है। छाया एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना में एमबीए चतुर्थ सेमेस्टर एचआर की छात्रा हैं।

    एकेएस यूनिवर्सिटी की एमबीए स्टूडेंट छाया मिश्रा का बव्या हेल्थ सर्विसेज में एचआर एग्जीक्यूटिव पद पर कैंपस चयन
    एकेएस यूनिवर्सिटी की एमबीए स्टूडेंट छाया मिश्रा का बव्या हेल्थ सर्विसेज में एचआर एग्जीक्यूटिव पद पर कैंपस चयन

    प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट सेल के हेड बालेंद्र विश्वकर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के स्टूडेंट का विभिन्न कंपनियों में निरंतर प्लेसमेंट हो रहा है। सभी संकाय के स्टूडेंट्स को इसका निरंतर लाभ भी मिल रहा है। विश्वविद्यालय के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, मैनेजमेंट विभाग अध्यक्ष डॉ.कौशिक मुखर्जी एवं छाया मिश्रा के मैनेजमेंट फैकल्टीज ने छाया के एचआर मैनेजर बनने पर उनकी निरंतर प्रगति की कामना कामना करते हुए उज्जवल भविष्य की शुभकामना दी है। छाया ने अपने सिलेक्शन का श्रेय अपने माता-पिता के आशीर्वाद और विश्वविद्यालय की उन्नत शैक्षणिक प्रणाली को दिया है।

  • MP News :एकेएस विश्वविद्यालय के जैवप्रौद्योगिक विभाग के छात्र सुमित त्रिपाठी को मिला बड़ा मौका

    MP News : एकेएस विश्वविद्यालय के जैवप्रौद्योगिक विभाग के एमएससी बायोटेक के 2024 पासआउट छात्र सुमित त्रिपाठी ने एनआईटी रायपुर पीएएचडी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। उन्हें एनवायरनमेंटल बायोटेक्नोलॉजी विषय में पीएएचडी करने का मौका मिला है जिसमें उन्हें 44400 फेलोशिप भी शोध के लिए मिलेगी । सुमित इससे पहले सिस्को रिसर्च लिमिटेड नामक कंपनी में कार्यरत थे।

    एकेएस विश्वविद्यालय के जैवप्रौद्योगिक विभाग के छात्र सुमित त्रिपाठी को मिला बड़ा मौका।एनआईटी रायपुर से करेंगे पीएएचडी।

    सुमित ने अपनी सफलता का श्रेय माता पिता के साथ विश्वविद्यालय के जैवप्रौद्योगिक विभाग के सभी फैकल्टीज को दिया है। लाइफ साइंसेज फैकल्टी के डीन डॉ. जी. पी. रिछारिया, विभागाध्यक्ष डॉ.कमलेश चौरे एवं सभी फैकल्टीज ने उन्हें बधाई दी है।

  • Satna News :एकेएस के 98 स्टूडेंट्स का अदानी सीमेंट की विभिन्न इकाइयों में कैंपस चयन

    Satna News :एकेएस विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट हेड बालेंद्र विश्वकर्मा ने खुशी व्यक्त करते हुए बताया कि यह कैंपस चयन बड़े पैमाने पर आयोजित हुआ जिसमें डिप्लोमा/बी.टेक सीमेंट टेक्नोलॉजी 2025 बैच के 46 छात्र,डिप्लोमा/बी.टेक सीमेंट टेक्नोलॉजी 2024 बैच के 18 छात्र,बी.टेक इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल 2024 बैच के 22 छात्र,माइनिंग एलुमनाई में 2 प्रथम श्रेणी मेटल माइंस में और 9 द्वितीय श्रेणी मेटल माइंस हैं।

    कुल 98 स्टूडेंट्स को अच्छे पैकेज ,सुखद भविष्य और ड्रीम कंपनी में कार्य अवसर के लिए चयन हुआ है। उन्होंने बताया कि एकेएस स्टूडेंट्स का कैंपस चयन अदानी सीमेंट लिमिटेड में होना स्टूडेंट के उज्जवल भविष्य के लिए अहम है। स्टूडेंट्स को कार्यअवसर त्रिस्तरीय चयन प्रक्रिया लिखित परीक्षा में अच्छे मानक अंक, ग्रुप डिस्कशन में विषयवार क्रमबद्धता से एचआर मैनेजर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। इंटरव्यू के दौरान जोश,जज्बे और काम का जुनून भांपकर शानदार स्किल्स पर मुहर लगी। अदानी सीमेंट लिमिटेड में
    स्टूडेंट्स को कार्य अवसर पर चयनित पासआउट बैच ने बातचीत के दौरान बताया कि उन्हें यह अवसर मिलने से वह भविष्य में बेहतर कार्य करने के लिए कृत संकल्पित है। अदानी सीमेंट मेंअच्छे पैकेज पर हुए चयन के बाद स्टूडेंट्स ने विश्वविद्यालय प्रबंधन के प्रति आभार व्यक्त किया है।

    अदानी सीमेंट लिमिटेड में मिले कार्य अवसर पर चयनित पासआउट बैच ने बातचीत के दौरान बताया कि उन्हें यह अवसर मिलने से वह भविष्य में बेहतर कार्य करने के लिए कृत संकल्पित है। अच्छे पैकेज पर उन्हें मिली नियुक्ति पर परिजनों ने प्रसन्नता व्यक्त की है। विश्वविद्यालय के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, कुलपति प्रो.बी.ए.चोपडे, इंजीनियरिंग डीन प्रो. जी. के. प्रधान, सीमेंट टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर प्रो. जी.सी.मिश्रा, ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट हेड बालेंद्र विश्वकर्मा, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग अध्यक्ष डॉ. रमा शुक्ला, मैकेनिकल विभाग अध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र सिंह, सीमेंट टेक विभागअध्यक्ष डॉ.एस.के.झा ने चयनित स्टूडेंट्स को शुभकामनाएं दी हैं।

  • Satna News :राजीव गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी के डायरेक्टर के मार्गदर्शन में रिव्यू पेपर प्रकाशित

    Satna News MP :राजीव गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी ,फैकल्टी ऑफ़ फार्मास्यूटिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर डॉ.सूर्य प्रकाश गुप्ता के मार्गदर्शन में फार्मेसी फैकल्टी नेहा गोयल और उपेंद्र तिवारी बी. फार्मेसी फाइनल ईयर स्टूडेंट 2024 का रिव्यू पेपर प्रकाशित हुआ है। इनका विषय इंडियन मेडिसिनल प्लांट यूटिलाइज्ड इन ट्रेडीशनल मेडिसिन फॉर द मैनेजमेंट ऑफ डायबिटीज है।

    राजीव गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी के डायरेक्टर डॉ. सूर्य प्रकाश गुप्ता के मार्गदर्शन में फैकल्टी नेहा गोयल और स्टूडेंट ने इस रिव्यू पेपर पर मौलिक लेखन कार्य किया है। डॉ. सूर्य प्रकाश गुप्ता ने बताया कि इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ बायोलॉजी फार्मेसी एंड एलाइड साइंसेज के अक्टूबर 2024 अंक में इसे प्रकाशित किया गया है। यह जर्नल वेव ऑफ साइंस इंडेक्स्ड है। रिव्यू पेपर का आईएसएस नंबर 2277,4998 है । उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर, मधुमेह एक बहुत ही प्रचलित और खतरनाक चयापचय रोग है। यह भयानक बीमारी दुनिया भर में मौजूद है और तेजी से मानव स्वास्थ्य को खतरे में डाल रही है। मधुमेह एक सामूहिक शब्द है जो चयापचय संबंधी बीमारियों की एक श्रृंखला के लिए है, जो उच्च रक्त शर्करा के स्तर की विशेषता है।



    जो इंसुलिन और ग्लूकोज दोनों के संश्लेषण, कार्य या परस्पर क्रिया में विसंगतियों के कारण होता है। दुनिया भर में पारंपरिक हर्बल दवाओं का उपयोग करके मधुमेह का इलाज किया जाता रहा है। हालाँकि चिकित्सा में कई तरह की दवाएँ और पॉली-हर्बल पौधे इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन कई जड़ी-बूटियाँ मधुमेह का सफलतापूर्वक इलाज और प्रबंधन करने के लिए पहचानी जाती हैं, और उनके कोई प्रतिकूल दुष्प्रभाव भी नहीं होते हैं। इंसुलिन जैसी सिंथेटिक मौखिक हाइपोग्लाइसेमिक दवाएँ मधुमेह के लिए मानक चिकित्सा हैं और हाइपरग्लाइसेमिया को कम करने में सफल हैं। हालाँकि, उनके बहुत सारे नकारात्मक दुष्प्रभाव हैं और वे वास्तव में मधुमेह की समस्याओं के विकास को धीमा नहीं करते हैं।



    यह उन व्यक्तियों की बढ़ती संख्या का प्राथमिक कारण है जो कम दुष्प्रभाव वाली या बिल्कुल भी दुष्प्रभाव न होने वाली वैकल्पिक दवाओं की तलाश कर रहे हैं। इस लेख में विभिन्न प्रलेखित मधुमेह विरोधी औषधीय पौधों और व्यावसायिक रूप से उपलब्ध पौधे-आधारित पॉली-हर्बल हर्बल तैयारियों का अवलोकन प्रदान किया गया है। विश्वविद्यालय प्रबंधन में डॉ. सूर्य प्रकाश गुप्ता और सहकर्मियों को शुभकामनाएं दी हैं।

  • एकेएस के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर दी विधिवत जानकारी

    Satna News : एकेएस यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग ने “टूल्स ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग” शीर्षक से 10 दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्रों में व्यावहारिक कौशल और गहन ज्ञान से सशक्त बनाना था।

    कार्यक्रम 17 जनवरी से 29 जनवरी तक आयोजित हुआ। एफडीपी में प्रतिभागियों को महत्वपूर्ण उपकरणों और तकनीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। कार्यक्रम के मॉड्यूल में एडवांस्ड एक्सेल, डेटा संगठन, विश्लेषण और विज़ुअलाइज़ेशन,
    एसक्यूएल डेटाबेस को कुशलतापूर्वक प्रबंधित और क्वेरी करना,इंटरैक्टिव डैशबोर्ड बनाना,पायथन,डेटा विश्लेषण और मशीन लर्निंग के लिए पायथन का उपयोग,मशीन लर्निंग एण्ड डाटा साइंस, वास्तविक समस्याओं को हल करने के लिए एमएल मॉडल बनाना, प्रशिक्षण देना और मूल्यांकन करना शामिल रहा।



    एफडीपी में श्री अंगशुराज घरामी आईबीएम-प्रमाणित ट्रेनर और डेटा वैज्ञानिक के रूप में विशेषज्ञ रहे। उन्होंने उद्योग के समकालीन रुझानों, डेटा साइंस और मशीन लर्निंग से संबंधित विभिन्न विषयों पर सत्रों में जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी ने कहा कि यह एफडीपी एआई और एमएल के युग में शिक्षकों को उत्कृष्टता के साथ सशक्त बनाने और नवाचार को बढ़ावा देने का हमारा दृष्टिकोण है। के साथ मेल खाता है।कुलपति प्रो.बी.ए. चौपड़े और डीन प्रो.जी.के. प्रधान ने सभी प्रतिभागियों को सहभागिता के लिए बधाई दी। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अखिलेश ए. वाऊ और समन्वयक श्रुति गुप्ता रही। 35 प्रतिभागियों ने इस एफडीपी से महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त किया।

  • Best University इन इंडिया फॉर करिकुलम एंड इनोवेशन 2024अवॉर्ड से एकेएस विश्वविद्यालय सम्मानित

    सतना ,मध्यप्रदेश।। एकीकृत वाणिज्य एवं उद्योग मंडल द्वारा नेशनल एजुकेशन एक्सीलेंस कांक्लेव आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में एकेएस विश्वविद्यालय को बेस्ट यूनिवर्सिटी इन इंडिया फॉर करिकुलम एंड इनोवेशन 2024अवॉर्ड प्रदान किया गया। पुरस्कार और प्रमाण पत्र विश्वविद्यालय के डायरेक्टर अजय कुमार सोनी ने नई दिल्ली में ग्रहण किया।

    बेस्ट यूनिवर्सिटी इन इंडिया फॉर करिकुलम एंड इनोवेशन 2024अवॉर्ड से एकेएस विश्वविद्यालय सम्मानित
    फ़ोटो – सतना टाइम्स.इन

    एकेएस विश्वविद्यालय को सम्मानित करते हुए बताया गया कि विश्वविद्यालय को पाठ्यक्रम और नवाचार के लिए चुना गया। भारत में इस श्रेणी में श्रेष्ठ विश्वविद्यालय 2024 पुरस्कार शिक्षा,कौशल विकास और अनुसंधान के लिए उत्कृष्ट और अनुकरणीय योगदान के लिए प्रदान किया गया। अवॉर्ड दिसंबर माह में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह 2024 के दौरान दिया गया।


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    इस मौके पर एआईसीटीई के मेंबर सेक्रेटरी प्रो.राजीव कुमार ने अजय कुमार सोनी को अवार्ड प्रदान किया। कार्यक्रम में एकीकृत वाणिज्य एवं उद्योग मंडल चेयरमैन डॉ.नीरज कुमार, डॉ.अनुपम चौकसे चांसलर, जेएनसीटी प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, एएसएम ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूट्स के चेयरमैन डॉ. संदीप पचपांडे, सीईजीआर के डायरेक्टर श्री रविश रोशन उपस्थित रहे। उल्लेखनीय के एकेएस विश्वविद्यालय में रोजगार उन्मुख कई पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं।


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    जो उद्योगों की मांग के अनुरूप हैं और पाठ्यक्रम में उद्योगों की मांग के अनुरूप परिवर्तन किया जाता है। इसके पूर्व विश्वविद्यालय को विगत वर्षों में कई अवार्ड विभिन्न मंचों से मिल चुके हैं। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति माननीय श्री बी.पी.सोनी, प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, कुलपति प्रो. बी.ए. चोपडे, प्रतिकूलपति डॉ. हर्षवर्धन, प्रो.आर.एस.त्रिपाठी, विश्वविद्यालय के सभी संकाय के डीन, डायरेक्टर्स और फैकल्टी मेंबर्स ने खुशी व्यक्त की है।

  • Satna News :एकेएस विश्वविद्यालय को नवाचार के लिए आईडीए अवार्ड्स 2024

    सतना। एकेएस विश्वविद्यालय को उच्च शिक्षा में अभिनव शिक्षण स्थानों की श्रेणी में प्रतिष्ठित आईडीए अवार्ड्स 2024 में टॉर्च बियरर के रूप में मिला। यह सम्मान समारोह नई दिल्ली के यशोभूमि में डीआईडीएसी इंडिया द्वारा आयोजित किया गया।

    इस अवार्ड के लिए 24 राज्यों से 3000 से अधिक नामांकन हुए थे। यह पुरस्कार एकेएस विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता,नवाचार और शिक्षा में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। डॉ.अखिलेश ए. वाऊ,एसोसिएट डीन और कंप्यूटर साइंस एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख ने विश्वविद्यालय की ओर से पुरस्कार प्राप्त किया।



    इस कार्यक्रम में इंडिया डिडैक्टिक्स एसोसिएशन के सीईओ श्री आदित्य गुप्ता ने डॉ. वाऊ को शुभकामनाएं दी हैं। प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, कुलपति प्रो. बी.ए.चोपड़े और विश्वविद्यालय परिवार ने इस अवार्ड के लिए खुशी जाहिर की है।

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