लगभग सभी राजनैतिक दल गरीबो के हित की बात करते हैं
लेकिन चुनावो मे इस तबके के लोगों को टिकट नही देते है
शायद उन लोगों को इस बात का डर सताता होंगा
कि यदि गल्ति से कभी कोई गरीब आदमी सांसद अथवा विधायक बन गया तो गरीवों मे भी सांसद और विधायक बनने का जज्बा पैदा हो जायेगा और तब गरीब जनता के अमीर नेताओं का राजनैतिक भविष्य खतरे मे पड़ जायेगा।
संभवतः इसीलिये राजनैतिक दल गरीबों के हित का राग तो अलापते रहते हैं
लेकिन टिकट देने से कतराते है
जाहिर है कि सियासत मे गरीब तबके की दखल रोकने के मकसद से ही
प्रमुख पार्टियों ने धन कुबेरो को ही टिकट देने का फैसला किया है ( उद्योग पति नवीन जिंदल को टिकट दिया है)
बहरहाल चलते चलाते राजनैतिक दलो की एक और कड़ुवी सच्चाई जान लीजिये
वह यह कि देश के नेताओं ने जनता की गरीबी भले ही दूर ना की हो मगर गरीब जनता ने क ई नेताओं को सांसद और विधायक बनाकर उनकी गरीबी जरूर दूर कर दी है
इसीलिये मै कहता हूं कि गरीबी दूर करने के लिये देशी उपाय अपनाईये और
नेता बन जाईये ….
अशोक शुक्ला, वरिष्ठ पत्रकार