एकेएस के विधि विद्यार्थियों ने ली कानूनी जानकारी

सतना टाइम्स डॉट इन

सतना। एकेएस के विधि संकाय के स्टूडेंट जब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं प्रधान जिला न्यायाधीश श्री अजय श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में कानून की जानकारी लेने पहुंचे तो उनके मन में उत्कंठा और जिज्ञासा थी। एकेएस विश्वविद्यालय विधि संकाय के विद्यार्थियों ने अपराध और कानून से संबंधित जानकारी माननीय न्यायाधीश से प्राप्त की। जिला न्यायालय का भ्रमण करने के दौरान उन्होंने न्यायालय की समस्त प्रक्रियाओं और प्रणाली की भी जानकारी मौके पर ही अपने शिक्षकों के साथ प्राप्त की।

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विधि संकाय के डीन डॉ.सुधीर जैन एवं सहायक प्राध्यापक श्री हरिशंकर कोरी के नेतृत्व में विधि छात्रों ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सतना के कॉंफ़्रेस हाल में कानून की बारीक जानकारियां प्राप्त की और अपने मन में उठ रहे सवालों के कानून से संबंधित जवाब भी प्राप्त किया। मुख्य वक्ता न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री अजय प्रताप यादव जी ने न्याय संहिता,नागरिक संहिता एवं साक्ष्य विधि में परिवर्तन होने पर तुलनात्मक अध्ययन कैसे करना है और आवश्यक कानूनों के साथ साथ जीवन के अनुभव और चुनोतियों से विधि छात्रों को अवगत कराया छात्रों ने उत्साह से यह समस्त जानकारियां प्राप्त की।

विधि संकाय के डीन डॉ. सुधीर जैन ने मौलिक और प्रकियात्मक विधि सहित व्यवहारिक कानूनों के संबंध में उपयोगी जानकारी पूर्व में साझा की। विधिक सेवा प्राधिकरण में जिला विधिक सेवा अधिकारी मु. जिलानी द्वारा उपस्थित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए विधिक सेवा की कार्य प्रणाली और क्षेत्राधिकार के विषय में जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि भारत के संविधान में अनुच्छेद 39 ,क जोड़कर निर्बलता के कारण कोई नागरिक न्याय प्राप्त करने के अवसर से वंचित न रह जाए। ऐसे व्यक्ति को उपयुक्त विधान या योजना के माध्यम से नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाने के संबंध में उन्होंने समस्त जानकारियां दी।

श्री जिलानी ने बताया कि समान अवसर के आधार पर न्याय सुलभ कराने के लिए भारत सरकार द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 पारित किया गया जिसके द्वारा केंद्र में राष्ट्रीय विधिक सेवा समिति एवं जिले में विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया. जिला स्तर पर जिला विधिक सहायता प्राधिकरण एवं तालुका में तालुका विधिक सेवा समितियों का काम नालसा की नीतियों और निर्देशों को कार्य रूप देना तथा जरूरतमंद व्यक्ति को नि:शुल्क कानूनी सेवा प्रदान करना है। विधिक सहायता के अंतर्गत अधिवक्ता उपलब्ध कराना, कानूनी कार्यवाही में न्यायालय शुल्क एवं अन्य देय प्रभार अदा करना जैसे विषयक जानकारी भी दी गयीं।आभार एवं धन्यवाद सहा. प्राध्यापक हरिशंकर कोरी द्वारा किया गया। छात्रों ने इस भ्रमण को काफी उपयोगी बताया और कहा कि उन्हें जो जानकारियां चाहिए थी वह माननीय द्वारा विस्तार से प्रदान की गई।

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