मध्य प्रदेश में इन दिनों मानसून सत्र को लेकर सियासत का सिलसिला जारी है, जहां मानसून सत्र में मध्य प्रदेश सरकार बजट पेश कर सकती है। वहीं इस बजट को लेकर लगातार सियासत का सिलसिला रफ्तार पकड़ रहा है, जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर बजट में गेहूं और धान के समर्थन मूल्य को लेकर मांग रखी है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को लिखे पत्र में लिखा है कि, मध्यप्रदेश विधानसभा का एक जुलाई से शुरू होने वाले सत्र के लिए बजट की तारीख तय हो गई है। सरकार अपना पहला बजट 3 जुलाई को विधानसभा के पटल पर रखेगी।
पटवारी ने लिखा कि, आपकी जानकारी के लिए मैं फिर से यह बताना चाहता हूं कि भाजपा ने चुनावी घोषणा-पत्र में गेहूं पर 2700 रुपए और धान पर 3100 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य का वादा किया था। कई चुनावी भाषणों में इसे बार-बार दोहराया था!
20 साल पुरानी सरकार का वादा और विधानसभा चुनाव में “मोदी की गारंटी” अभी भी पूरी नहीं हो पा रही है! आप भी आश्चर्यजनक रूप से चुप हैं, क्यों? मैंने केंद्रीय कृषि मंत्री जी को भी अनुरोध किया था, वही बात फिर दोहरा रहा हूं। मोदीजी ने किसानों की इनकम डबल करने का सार्वजनिक वादा किया था. वही मोदी हैं, जो जानते हैं कि आमदनी डबल नहीं हुई, लेकिन किसानों का खर्च चार गुना बढ़ चुका है।
याद रखिएगा, सदन में कांग्रेस के विधायक और सड़कों पर गेहूं और धान उपजाने वाले किसान यह जरूर पूछेंगे कि मध्यप्रदेश में धान और गेहूं का समर्थन मूल्य क्यों नहीं दिया जा रहा है?
आपसे आग्रह है कि गेहूं और धान के लिए घोषित समर्थन के आदेश तत्काल लागू करें और इसी बजट में यह भी सुनिश्चित करें कि किसानों को इसके लिए बकाया राशि बोनस के रूप में दी जाए. मध्यप्रदेश के किसानों की यह जरूरत भी है और अधिकार भी!