मैहर से पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी ने बसपा जॉइन कर ली है। बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश कार्यालय में गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल ने बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता दिलाई। माना जा रहा है की बसपा नारायण त्रिपाठी को सतना लोकसभा से उम्मीदवार बना सकती है। श्री त्रिपाठी विधानसभा चुनाव से पूर्व खुद की पार्टी विन्ध्य जनता पार्टी व्हीजेपी बना ली थी।
स्वाहिताय नहीं जनहिताय का काम करता हूं
पूर्व विधायक श्री त्रिपाठी ने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि नारायण किसी के नहीं होते, इसको लेकर कहा कि वे अपने क्षेत्र के विकास के लिए तत्पर रहते हैं। जो विन्ध्य के विकास में साथ देता है, वह उसके साथ होते हैं। श्री त्रिपाठी ने कहा कि राजनीति में उन्होंने कोई धंधा-व्यापार या कारोबार नहीं किया है। वे युवाओं के रोजगार विन्ध्य, सतना और मैहर के लोगों को सुविधाएं दिलाने के लिए लड़ते रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो सत्ता का विरोध करते हैं, उन्हें है। जेल भेजा जाता है। उन गरीबों के ठेले तोड़े जाते हैं। त्रिपाठी ने कहा कि उन्होंने स्वहिताय नहीं बल्कि जनहिताय की नीति पर काम किया है। वे जनता के लिए काम करते हैं। जातिवाद या तोड़फोड़ की राजनीति नहीं करते हैं।
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विन्ध्य जनता पार्टी काम करती रहेगी
पूर्व विधायक त्रिपाठी ने कहा- पिछले विधानसभा चुनाव के ठीक पहले अक्टूबर में बनाई उनकी पार्टी विन्ध्य जनता पार्टी को चुनाव आयोग ने मान्यता दी.इतने कम समय में चुनाव नहीं लड़ा जा सकता था। विन्ध्य जनता पार्टी का उदय विन्ध्य प्रदेश राज्य के पुनर्गठन को लेकर हुआ है और वह काम विन्ध्य जनता पार्टी करती रहेगी। बसपा और विन्ध्य जनता पार्टी साथ मिलकर विन्ध्य के विकास के लिए लड़ाई और तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं जनता की भलाई के लिए काम करता हूं, अपनी नहीं।
भोपाल : लोकसभा चुनाव से पहले दलबदल का दौर, पूर्व विधायक #नारायण_त्रिपाठी बहुजन समाज पार्टी (BSP) में हुए शामिल
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नारायण त्रिपाठी का राजनीतिक सफर
नारायण त्रिपाठी ने साल 2003 में अपने सियासी सफर की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी। वे सपा के टिकट पर चुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। करीब 10 साल बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया और फिर दूसरी बार विधायक बने। लेकिन, कांग्रेस के साथ उनका सफर महज 3 साल का रहा। 2016 के उपचुनाव में नारायण त्रिपाठी भाजपा में शामिल हो गए और उपचुनाव जीतकर विधायक बने। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पार्टी विरोधी गतिविधियों को आरोप लगाते हुए पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया और विधानसभा चुनाव 2023 में मैहर सीट से श्रीकांत चतुर्वेदी को टिकट दे दिया। इसके बाद नारायण त्रिपाठी बागी हो गए और उन्होंने विंध्य जनता पार्टी का गठन कर 25 सीटों पर प्रत्याशी उतारे। लेकिन, त्रिपाठी समेत सभी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।