देश भर में लागू हुआ CAA, लोकसभा चुनाव से पहले गृह मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन
लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने बड़ा दांव खेल दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीएए का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस बात पर पहले भी चर्चा हुई थी कि गृह मंत्रालय सीएए को लेकर कोई बड़ा फैसला करने जा रहा है। गृह मंत्री अमित शाह कई बार अपनी रैलियों से भी सीएए को लागू करने की बात कह चुके हैं। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद देश भर में 11 मार्च यानी आज से सीएए का कानून लागू हो गया है। बता दें कि सीएए को देश की संसद से पारित हुए लगभग 5 साल पूरे हो गए हैं।
देर रात लागू होने के लगाए जा रहे थे कयास
सोमवार दोपहर बाद से ही सीएए कानून को लेकर कयासों का बाजार गर्म हो गया था। पहले बताया गया कि सीएए को लेकर नोटिफिकेशन आज रात किसी भी समय जारी किया जा सकता है। उससे पहले पीएम मोदी का संबोधन भी होने वाला था। लेकिन किन्हीं वजहों के चलते वह नहीं हो पाया। इसके तुरंत बाद ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीएए को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया। बता दें कि सीएए कानून को दिसंबर 2019 में संसद से पारित किया गया था। यह 2019 में बीजेपी के घोषणापत्र में भी था।
Ministry of Home Affairs (MHA) will be notifying today, the Rules under the Citizenship (Amendment) Act, 2019 (CAA-2019). These rules, called the Citizenship (Amendment) Rules, 2024 will enable the persons eligible under CAA-2019 to apply for grant of Indian citizenship. (1/2)
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) March 11, 2024
क्या कहता है सीएए का कानून?
सीएए या नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019, भारत में नागरिकता प्राप्त करने के लिए पात्रता मानदंडों में बदलाव की बात करता है। इस कानून के तहत, 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। केंद्रीय गृह मंत्रालय नोटिफिकेशन के बाद एक वेब पोर्टल भी चालू कर सकता है। उसकी तैयारी हो गई है। यह कानून मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान नहीं करता है। कानून नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन करता है।
पोर्टल पर कराना होगा रजिस्ट्रेशन
बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों को गृह मंत्रालय की ओर से लागू सीएए के पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद जांच -पड़ताल या कहें वैरिफिकेशन होते ही उन्हें कानून के तहत नागरिकता दी जाएगी। तीन मुस्लिम बहुल देशों से आने वाले छह अल्पसंख्यकों हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया था। इन 6 समुदायों के अल्पसंख्यकों को केंद्र सरकार ही नागरिकता देगी।