सतना। 14 अप्रैल। रविवार। ब्रिजेश सोनी सहायक प्रोफेसर,कंप्यूटर विज्ञान विभाग एकेएस में कार्यरत हैं उन्होंने सतत विकास के लिए शैक्षिक वातावरण से शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र में परिवर्तन” विषय पर अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान सम्मेलन में अतिथि के रूप में व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा की शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिए व्यावहारिक दृष्टिकोण अनिवार्य है, केवल सैद्धांतिक ज्ञान पर्याप्त नहीं होगा।
इसलिए हमें वैज्ञानिक और तकनीकी अध्ययन के लिए प्रयोगशाला में व्यावहारिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।हालाँकि मानविकी और प्रबंधन अध्ययन के मामले में व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए कार्यस्थल पर समूह गतिविधियाँ अधिक उपयुक्त होंगी। यह सम्मेलन द यूनिवर्सिटी आफ मैनेजमेंट “टीआईएसबीआई”, कजान, तातारस्तान, रूस, द्वारा आयोजित किया गया था। रूस संघ में यूनेस्को की 70वीं वर्षगांठ पर यूनेस्को-यूनेकोव के वैश्विक फ्लैगशिप के अन्तर्गत “टीआईएसबीआई” कज़ान, और शिक्षा और विज्ञान मंत्रालय रूस द्वरा आयोजित था।
उन्होंने प्रोफेसर डॉ. नैला प्रूस अध्यक्ष और अंतर्राष्ट्रीय यूनेस्को चेयर की प्रमुख, प्रोफेसर डॉ. नतालिया लारियोनोवा रेक्टर, टीआईएसबीआई, प्रोफेसर डाँ. निकोलाई सिनियाक ,उप-रेक्टर, टीआईएसबीआई और अन्य आयोजन सदस्यों का आभार व्यक्त किया। हाइब्रिड मोड पर आयोजित कार्यक्रम में सहभागिता के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन और डॉ. अखिलेश ने ब्रिजेश सोनी को बधाई दी है।