आपकी बात, कांग्रेस के नेता लगातार भाजपा में क्यों शामिल हो रहे हैं?
कांग्रेस से बना रहे दूरी
वर्तमान परिस्थिति में कांग्रेस के अनेक नेताओं को लगने लगा है कि इस दल का कोई भविष्य नहीं है। राजनीति में प्रभाव कायम रखने के लिए कांग्रेस के नेता लगातार भाजपा में शामिल हो रहे हैं। स्वाभिमान आहत होने की वजह से भी कुछ नेता दलबदल रहे हैं।
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स्वार्थी हैं नेता
ज्यादातर नेता स्वार्थी होते है। जिस दल में स्वार्थ सिद्ध होता है, उसी में शामिल हो जाते हैं। नेताओं को केवल सत्ता की चाशनी दिखाई देती है। आज कल यह प्रवृत्ति कुछ ज्यादा ही बढ़ रही है।
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सत्ता ही लक्ष्य
राजनेताओं में दलीय निष्ठा की बजाय सत्ता सुख भोगने की चाह होती है। इसीलिए सालों तक दूसरे दल को कोसकर सत्ता पाने वाले नेता सत्ता में बने रहने के लिए उसी दल में शामिल हो जाते है जिससे वे सालों तक लड़ाई लड़ते हैं। -शुभम वैष्णव, सवाई माधोपुर
विचारधारा के अनुकूल
कांग्रेस के पुराने अनुभवी हिन्दू नेताओं को भाजपा की विचारधारा अनुकूल लग रही है। ऐसे हालात में भाजपा में शामिल होना स्वाभाविक है। यह सिलसिला कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व परिवर्तन बिना रुकने वाला भी नहीं है।
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दलबदल नई बात नहीं
राजनीति में कोई किसी का नहीं होता। आज इसके साथ तो कल उसके साथ। नेता कांग्रेस छोड़कर किसी अन्य पार्टी मे जा रहे हैं, यह कोई आज का मुद्दा नहीं है। नेता उगते सूरज को सलाम करते हंै। अपने लाभ के लिए दलबदल की राजनीति नई बात नहीं है। अशोक कुमार शर्मा, जयपुर
कार्रवाई से बचना है लक्ष्य
जांच एजेंसियों की कार्रवाई से बचने और भविष्य सुरक्षित करने के लिए कांग्रेस नेता भाजपा में जा रहे हैं। दिशाहीन नेतृत्व एवं पार्टी में स्वयं की अवहेलना भी कारण हैं।
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टिकट सुनिश्चित करने के लिए जैसे- जैसे लोकसभा चुनाव निकट आ रहे हैं, कांग्रेस के नेता तेजी से भाजपा में शामिल हो रहे हैं। दलबदल कर भाजपा में जाने के पीछे कांग्रेस नेताओं का यह डर है कि पार्टी से टिकट मिलेगा या नहीं मिला। कांग्रेस से टिकट मिल भी गया तो वे क्या जीत जाएंगे? जांच एजेंसियों का डर भी एक कारण है।
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सत्ता सुख की खातिर
कांग्रेस के नेता लगातार भाजपा में इसलिए शामिल हो रहे हैं क्योंकि उन्हें येन केन प्रकारेण सत्ता का सुख चाहिए। जो नेता अपनी मूल पार्टी के प्रति समर्पित नहीं रह सकता वह भला दूसरी पार्टी का क्या भला करेगा और क्या देश का भला करेगा। ऐसे दल बदलुओं से सावधान रहना चाहिए।