सतना।।मुख्यमंत्री निवास भोपाल से सतना जिले में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की हितग्राहियों से लाभ के बारे में टेलीफोन पर संपर्क किए जाने के समय जिले की कुछ हितग्राहियों के खाते में राशि नहीं आ पाई थी। जिन खातों में राशि नहीं पहुंचने की जानकारी सीएम हाउस को मिली उन हितग्राहियों के नाम, लाड़ली बहना संख्या, मोबाइल क्रमांक की सूची सतना जिले में भी भेजी गई है। कलेक्टर अनुराग वर्मा द्वारा महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों के दल बनाकर इन शिकायतों का परीक्षण कर सकारात्मक निराकरण कराया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह ने बताया कि महिला बाल विकास विभाग की मैदानी टीम ने हितग्राहियों के घर-घर जाकर इन बहनों के खातों का परीक्षण किया और जिन खातों में राशि नहीं पहुंचने की जानकारी मिली है।
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उनकी आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर राशि डलवाई जा रही है। इस संबंध में कॉल के समय जिले में कुल 31 शिकायत मिली थी। जिसमें से परीक्षण के दौरान 19 हितग्राहियों की राशि उनके दूसरे खाते में चली गई थी। इसके अलावा कई शिकायते अप्रैल, मई महीने की है जब राशि अंतरित नहीं की गई थी। इसके अलावा 5 शिकायतें अपात्रता और जिले से बाहर होने की है.गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास से लाड़ली बहना योजना की निरंतर निगरानी की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की सीएम हैल्पलाईन में भोपाल में बैठे अधिकारी जिलों में हितग्राहियों को फोन से संपर्क कर योजना के क्रियान्वयन की जानकारी ले रहे हैं।
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जिन खातों में राशि नहीं पहुंचने की जानकारी मिलती है। उनकी सूची जिला कलेक्टर को भेजी जा रही है। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने महिला बाल विकास के अधिकारियों को शिकायत प्राप्त होते ही हितग्राहियों से संपर्क कर परीक्षण कराने और राशि नहीं पहुंचने की स्थिति में तत्काल आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
सतना जिले में लाडली बहना की स्थिति
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए संचालित की गई अप्रतिम योजना मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना में कुल 3 लाख 75 हजार 232 हितग्राहियों के आवेदन पंजीयन किए गए थे। जिनमें दावा आपत्ति के दौरान 6 हजार 43 आपत्तियां प्राप्त हुई। आपत्तियों के निराकरण के बाद 253 महिलायें योजना के लिए अपात्र रही और पात्र महिला हितग्राहियों की संख्या 3 लाख 74 हजार 479 रही। पात्र महिलाओं में 3 लाख 69 हजार 293 खाते डीबीटी सक्रिय रहे हैं। जबकि 16 हजार 121 महिलाएं पात्र पेंशन धारी हितग्राही हैं और 14 मृत हितग्राहियों के नाम भी शामिल थे। योजना में बैंक-आधार लिंक खाते 3 लाख 70 हजार 354 है।
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