Vande Bharat Express: कपिल तुलसानी, भोपाल। प्रदेश में पहली वंदे भारत एक्सप्रेस इंदौर से जबलपुर के बीच फरवरी के अंत तक चलेगी। आधुनिक सुविधाओं वाली यह ट्रेन भोपाल के रास्ते गुजरेगी। उक्त ट्रेन को चलाने के लिए रतलाम व जबलपुर रेल मंडल ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके चलने से इंदौर, जबलपुर के अलावा भोपाल के लोगों को फायदा होगा। राजधानी के लोग कम समय में इन दोनों प्रमुख शहरों तक आना-जाना कर सकेंगे।
इंदौर-जबलपुर मार्ग पर 12 महीने यात्रियों का दबाव रहता है। वर्तमान में इस मार्ग पर जबलपुर से इंदौर तक सुपरफास्ट ओवर नाइट एक्सप्रेस और बिलासपुर से इंदौर तक नर्मदा एक्सप्रेस चलती है। ये ट्रेनें दोनों ही शहरों के बीच की दूरी तय करने में 10 से 12 घंटे लगाती हैं, क्योंकि ये अधिकतम 70 से लेकर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलती हैं।
रेलवे के अधिकारियों की मानें तो
वंदे भारत एक्सप्रेस 200 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने में सक्षम है। अनुमान है कि वंदे भारत एक्सप्रेस यह दूरी अधिकतम सात से आठ घटे में पूरी कर लेगी। वंदे भारत एक्सप्रेस के रैक सीटिंग वाले हैं। अर्थात इसमें यात्री बैठकर आराम से सफर करते हैं। प्रत्येक मंडल में इन ट्रेनों को उन्हीं मार्गों पर चलाया जा रहा है, जहां का सफर सात से आठ घंटे में पूरा हो जाए।
भोपाल-इंदौर में वंदे भारत एक्सप्रेस के रखरखाव की तैयारियां शुरू
भोपाल व रतलाम रेल मंडल में वंदे भारत एक्सप्रेस के रखरखाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। भोपाल में संत हिरदाराम नगर के पास रखरखाव के लिए करीब 105 करोड़ रुपये से डिपो बनाया जा रहा है। रतलाम मंडल में भी इतनी ही राशि से डिपो बनाया जा रहा है, जहां वंदे भारत एक्सप्रेस के रैक का प्राथमिक सुधार होगा।
प्रधानमंत्री से मिले इंदौर सांसद, तब बनी बात
प्रदेश में पहली वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की कवायद को सफलता इंदौर सांसद शंकर ललवानी के प्रयासों से मिली है। उन्होंने कुछ दिन पूर्व ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की थी और आग्रह किया था कि इंदौर से जबलपुर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई जाए तो यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा।
75 वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की योजना
रेलवे बोर्ड ने सभी मंडलों में 75 वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की योजना बनाई है। इनमें से ज्यादातर ट्रेनें इसी वर्ष के अंत तक चलाई जानी हैं। अब तक करीब पांच वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई जा चुकी हैं और कुछ को चलाने लिए ट्रायल किए जा रहे हैं। हाल ही में कोटा रेल मंडल में भी वंदे भारत एक्सप्रेस को चलाने का ट्रायल पूरा हुआ है। बता दें कि जुलाई 2022 में रेलवे बोर्ड ने सभी मंडलों को रैक आवंटित किए थे। तब भोपाल रेल मंडल को भी दो रैक देने की घोषणा की थी।
इनका कहना है
जनवरी 2023 के पहले सप्ताह में ही वंदे भारत चलाने की तैयारी थी, लेकिन रैक नहीं मिल सकी। इस कारण ट्रेन का संचालन शुरू नहीं हो सका। जनवरी के अंत या फरवरी में वंदे भारत की रैक मिलेगी। इसमें पहला इंदौर से जयपुर और दूसरा इंदौर से जबलपुर के बीच चलाने की योजना है।
– खेमराज मीणा, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल