सतना।।दीनदयाल शोध संस्थान एवं अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के संयुक्त तत्वाधान में जनजातीय समुदायों के उत्थान एवं सशक्तीकरण हेतु आयोजित “थिंक-एंड-डू टैंक“ राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन शुक्रवार को महामहिम राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अध्यक्षता में आरोग्यधाम चित्रकूट के सभागार में किया गया। कार्यशाला में प्रदेश के वन मंत्री एवं सतना जिले के प्रभारी मंत्री डॉ कुंवर विजय शाह, राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी, संगठन सचिव डीआरआई अभय महाजन सहित अन्य आमंत्रित अतिथि उपस्थित रहे।
कार्यशाला में देशभर के विभिन्न क्षेत्रों से आए विशेषज्ञों ने बताया कि आदिवासी समाज की स्थिति में निरंतर परिवर्तन आ रहा है। शिक्षा केंद्र खोले जा रहे हैं, जिससे अधिक-से-अधिक लोग शिक्षित होकर अपनी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में परिवर्तन कर रहे हैं। यातायात के साधन, संचार व डाक व्यवस्था में सुधार आया है परन्तु आर्थिक और तकनीकी पिछड़ापन के साथ-साथ सामाजिक-सांस्कृतिक बाधाएँ और गैर-आदिवासी आबादी के साथ आत्मसात करने की समस्या के कारण अभी भी विकास की मुख्यधारा में नही जुड़ पा रहे हैं।
वर्तमान समय में आदिवासियों के सामने शहरीकरण, बांधों का निर्माण, औद्योगिकीकरण जैसी भी समस्याएं हैं, जो वनों की कटाई का कारण बनती हैं। जिससे उनको आर्थिक हानि होती है। जनजातीय समाज के स्वास्थ की स्थिति अभी भी संतोषजनक नहीं है।महामहिम राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि जंगल है तो वनवासी भाई-बहन हैं और यदि वनवासी भाई-बहन है तो जंगल बचें हुये हैं।
वनवासी भाई-बहन जंगलों में रहते हैं और उनका संरक्षण व संवर्धन करते है। जंगल वास्तव में उनके आर्थिक स्रोत के संसाधन हैं। उन्होने कहा कि जितना विस्थापन इस समाज का हुआ है, शायद उतनी सुविधाएं उन्हें हम आज भी प्रदान नही कर पाए हैं। इस पर हम सभी को सामूहिक प्रयास कर उन्हें राष्ट्र और समाज की मुख्यधारा से जोड़ना होगा।
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राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने अत्यंत संवेदनशीलता से अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अनुसूचित जनजाति समाज के लिए सभी को मन से कार्य करने की आवश्यकता है, जो अपने बंधु भगिनी बीहड में निवास करते हैं उन्हें सारे कानूनी अधिकार देकर स्वावलंबी तथा स्वाभिमानी बनाकर सशक्त बनाएंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वन विभाग, राजस्व विभाग, जनजाति विभाग, ग्रामीण विकास विभाग मिलकर इस विषय को आगे बढ़ाएंगे और जहां पर भी आपको आवश्यकता होगी वहां मदद के लिये आपके साथ तत्पर रहूंगा।